Breaking News
"साहित्य सरोज त्रैमासिक पत्रिका - कविता, कहानी, लेख, शोध पत्र, बाल उत्‍थान, महिला उत्‍थान, फैंशन शों, शार्ट फिलम और विशेष आयोजन के लिए पढ़ें। संपादक: अखण्ड प्रताप सिंह 'अखण्ड गहमरी

14 फरवरी – भारतीय इतिहास का काला दिवस-लक्ष्मी चौहान

14 फरवरी का दिन भारतीय इतिहास में काला दिवस के रूप में मनाया जाता है।ब्रिटिश सरकार ने 14 फरवरी 1931 को अमर शहीद भगत सिंह ,राजगुरु और सुखदेव को लाहौर में फांसी की सजा सुनाई थी और 23 मार्च 1931को लाहौर सेंट्रल जेल में शाम 7:33 मिनट पर इन तीनों क्रांतिकारियों को फांसी दे दी गई थी। इसीलिए 23 मार्च को शहीद दिवस मनाया जाता है। सर शादी लाल की गवाही की वजह से ही भगत सिंह को जज जी.सी.हिल्टन ने फांसी की सजा सुनाई थी। भगत सिंह का मुकदमा वकील आसिफ अली ने लड़ा था। ये तीनों भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थे जिन्होंने भारत की आजादी के लिए ब्रिटिश सरकार के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी । मातृभूमि के लिए उनका समर्पण देशवासियों को सदैव प्रेरित करता रहेगा ।
14 फरवरी 2019 को जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले में जम्मू कश्मीर नेशनल हाईवे पर अवंतीपोरा के पास गौरीपोरा में सीआरपीएफ के काफिले पर जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने हमला किया था ।इस हमले में हमारे 44 जवान शहीद हो गए थे ।इस घटना ने पूरे हिंदुस्तान को अंदर से हिलाकर रख दिया था । इस हमले को ‘पुलवामा अटैक’ के नाम से भी जाना जाता है। हमले के बाद 25 फरवरी 2019 की देर रात को मिराज- 2000 विमानों ने ग्वालियर एयरवेज से उड़ान भरी। इस हमले के विरोध में भारतीय सेवा ने 12 दिनों के अंदर 26 फरवरी 2019 को ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ के तहत पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकियों के ठिकानों पर हमला कर अपने जवानों की शहादत का बदला लिया। इस हमले में लगभग 300 आतंकवादी मारे गए थे।
इस हमले में भारत का मिग -21 लड़ाकू विमान क्षतिग्रस्त होकर पाकिस्तान में जा गिरा था। विमान के विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान को पाकिस्तानी सेना ने पकड़ लिया था लेकिन बाद में 1 मार्च 2019 को भारत सरकार के डर से उन्हें रिहा कर दिया गया था।भारत सरकार ने उनकी बहादुरी व साहस के लिए उन्हें ‘वीर चक्र’ से सम्मानित किया था।
अंत में मैं अपनी युवा पीढ़ी को संदेश देना चाहूँगी कि आप 14 फरवरी को बेशक अपना वेलेंटाइन डे मनाएं लेकिन अपनी मर्यादाओं में रहकर ही। प्यार लुटाए और खुशियाँ मनाएं। ध्यान रहे कि कहीं ये दिन आपकी जिन्दगी का भी काला दिवस ना बन जाय।
श्रीमती लक्ष्मी चौहान
कोटद्वार, उत्तराखंड
8958243382

 

पोस्ट को रेट करें:

12345


अपनी प्रतिक्रिया दें


    About sahityasaroj1@gmail.com

    Check Also

    "साहित्य सरोज त्रैमासिक पत्रिका - कविता, कहानी, लेख, शोध पत्र, बाल उत्‍थान, महिला उत्‍थान, फैंशन शों, शार्ट फिलम और विशेष आयोजन के लिए पढ़ें। संपादक: अखण्ड प्रताप सिंह 'अखण्ड गहमरी

    खत्‍म होती रिश्तों की मिठास कैसे -दीपमाला

    “वसुधैव कुटुम्बकम”की भावना से ओत प्रोत सनातन संस्कृति l जहाँ सिर्फ अपना परिवार ही नहीं …

    Leave a Reply

    🩺 अपनी फिटनेस जांचें  |  ✍️ रचना ऑनलाइन भेजें