यदि आप एक स्क्रिप्ट राइट हैं तो आपके लिए है इतिहास बनाने का एक शानदार मौका। गाजीपुर गहमर के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वीर मैगर सिंह के जीवन के एक मुख्य भाग पर एक डाकुमेंट्री फिल्म साहित्य सरोज पत्रिका द्वारा बनने जा रही है। फिल्म की कहानी का एक भाग यहॉं दिया जा रहा है, आपको उस पर स्क्रिप्ट लिखना …
Read More »Monthly Archives: July 2023
गोपाल राम गहमरी साहित्यकार महोत्सव में मैं।
हिन्दी साहित्याकाश में अद्यतन दैदीप्यमान बाबू देवकीनन्दन खत्री के समान ही २०० से अधिक उपन्यास, ८८ अनुवाद व अन्यान्य विधा में रचना कर हिन्दी को जनमानस में लोकप्रिय बनाने में महती भूमिका निभाने वाले जिनका उल्लेख इसी सन्दर्भ में ‘तार सप्तक’ में भी किया गया है “गोपाल राम गहमरी” जी का ग्राम ‘गहमर’ जिला गाजीपुर (उ.प्र.) जो घोषित रूप से …
Read More »शर्म आती है? अखंड सिंह गहमरी
पापा आज भी खाने में सब्जी नहीं है।बेटा आज खा लो, कल जरूर सब्जी बनेगी और साथ में दाल भी।आप तो रोज कहते हैं पापा, सब्जी बनेगी मगर आज कितने दिन हो गये, दूध भी नहीं मिला।बेटा आप जाओं पढ़ाई करों कल सब कुछ मिलेगा।लपलू चुपचाप मुहँ बनाते हुए चला गया, तभी अंदर से मटकनिया अपने हाथ पोछते हुए आई।कहॉं …
Read More »गार्डनिंग के शौकीन हैं तो आसानी से लगाएं ये 6 पौधे -प्रबुद्धो घोष
गार्डनिंग के शौकीन हैं तो आसानी से लगाएं ये 6 पौधे और घर या टेरेस में बनाएं किचन गार्डन… जानते हैं कुछ ऐसे ही पौधों के बारें में, जिन्हें लगाकर आप अपना किचन गार्डन तैयार कर सकते हैं। इन पौधों को लगाना भी काफी आसान है। पुदीना : इसे लगाना बहुत आसान है। पुदीना की पत्तियों को निकालकर बची हुई …
Read More »गुम होती रिश्तों की मिठास-अखंड गहमरी
गाँव में कितनी भी दुश्मनी क्यों न हो, आपस में एक दूसरे के घर आना-जाना, खान-पान सब बंद क्यों न हो, परन्तु उस घर का कोई रिश्तेदार सामने से गुज़र गया तो क्या मज़ाल की ” का रे हितवा, कहाॅं जात बाड़े रे, कहीया अइले ह रे सा..“ या ”का पाहुन का हाल बा कहीया अइल ह“। फिर शुरू हो …
Read More »तरस जायेगें युवा ऐसी शादी को-अखंड सिंह गहमरी
पहले गाँव मे अब की तरह न सुनील टेंट हाउस था और न महाकाल कैटरिंग। थी तो बस सामाजिकता। गांव में जब कोई शादी ब्याह होते तो घर घर से चारपाई आ जाती थी। घर-घर से थाली, लोटा, कलछुल, कराही इकट्ठा हो जाता था और गाँव की ही महिलाएं एकत्र हो कर खाना बना देती थीं। औरते ही मिलकर दुलहन …
Read More »जब मैं छोटी बच्ची थी
हमारी माता स्व शांतिदेवी वार्ष्णेय और स्व पिता प्रेमपाल वार्ष्णेय जी ने खून – पसीने से परिवार हेतु प्यारा दिव्य , भव्य आध्यात्मिक, स्वधर्म , स्वघर ‘ शांति निकेतन ‘ बनाया था। वे संसार से चले गए , पर वह घर शांति निकेतन ईंट – गारे का नहीं था । वह घर हम सब भाई – बहनों , माँ -पिता …
Read More »खून के रिश्ते
“मम्मी-मम्मी, बड़े पापा की तबीयत अचानक से बहुत खराब हो गई है। वे खून की उल्टियां कर रहे हैं। बड़ी मम्मी जोर-जोर से रो रही हैं।” बारह वर्षीय बेटे संतोष ने अपनी मम्मी को धीरे से बताया।”क्या कहा… खून की उल्टियां… भैय्या को… फिर से… खून की उल्टियां…।” काम से लौट कर अपने कमरे में आराम कर रहे संतोष के …
Read More »गली का निर्माण
कर्ई सालो बाद हमारे मुहल्ले की गली के निर्माण का प्रस्ताव नगर निगम से पारित हुआ। लगभग 8-10 साल पहले गली का निर्माण हुआ था, जिस कारण अब हमारे गली की स्थिति काफी खराब हो गई थी। जगह जगह ईठे उखड़ी हुई थी, नालिया टूटी हुई थी, जिस कारण मुहल्ले वालो को आने जाने में परेशानी हुआ करती थी। हमारे …
Read More »मौसम-गौरीशंकर
झूठ मक्कारों का बेड़ा पार है। सत्यवादी का ही बंटाधार है। कंटकों का है बिगड़ता कुछ नहीं पुष्प पर मौसम की पड़ती मार है। धनी – निर्धन के नियम होते अलग पक्षपाती न्याय को धिक्कार है। मिलन स्त्री – पुरुष का फैशन बना हो रहा अब प्यार का व्यापार है। भावना – संवेदना का मूल्य क्या व्यक्ति का अति स्वार्थी …
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