आज के समय में जब बेरोजगार और बेरोजगारी चुनावी शब्द बन कर रहे गये हो। इनकी याद शासन-प्रशासन को केवल चुनाव में आती हो। बेरोजगार आर्थिक समस्या से, मार्गदर्शन के आभाव में, टीम वर्क की कमी से जूझते हुए जब अपनी जिन्दगी से परेशान और हताश हो जाता है। ऐसे में उसे माइक्रोफाइनेंस डूबते को सहारे के रूप में प्रकट …
Read More »Monthly Archives: May 2024
आसमानी आग
सुना था कि इंसान को उसके कर्मो का फल अगले जन्म में मिलता है। पर ये भी सुना गया है कि यह कलयुग है साहेब।अब यहाँ का किया यही मिल जाता है। अगले जन्म का इंतज़ार भी नही करना है । और लग रहा है कि यह पूरी तरह सत्य किवदंती है क्यों कि हम सबने प्रकृति के साथ जो …
Read More »प्रारब्ध का सत्य-नंदलाल
होनी एव संयोग एक दूसरे के सहोदर है जो प्रारब्ध कि प्रेरणा है लेकिन इन तीनो को कर्म ज्ञान और सत्य से परिवर्तित किया जा सकता है।प्रस्तुत कहानी में सुभद्रा से अजुर्न को किसी संतान का योग नही था मामा भगवान श्री कृष्ण स्वंय इंद्र का स्वरूप 16 वर्षो के लिए मांग कर लाएं थे जो अभिमन्यु था । सत्यता …
Read More »शूटिंग व प्रशिक्षण 18 से 23 जून तक, ऑडीसन 6 जून से
त्रैमासिक पत्रिका साहित्य सरोज एवं गहमर वेलफेयर सोसाइटी, गहमर द्वारा ग्रामीण क्षेत्रो में अभिनय, मॉडलिंग, शार्ट- फिल्म निर्माण को बढ़ावा देने के लिए 5 दिवसीय लघु फिल्म निर्माण एवं प्रशिक्षण शिविर गंगा तट पर स्थित एशिया के सबसे बड़े गॉंव और गोपालराम गहमरी की जन्म भूमि गहमर, जनपद गाजीपुर, उत्तर प्रदेश में दिनांक 18 से 23 जून तक आयोजित हो …
Read More »गोपालराम गहमरी पर्यावरण सप्ताह में लें भाग
*आप सभी को सूचित करते हुए मुझे हर्ष हो रहा है कि साहित्य सरोज पत्रिका द्वारा दिनांक 30 मई से 05 जून तक गोपालराम गहमरी पर्यावरण सप्ताह मनाया जा रहा है। इस अवसर पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम निम्न हैं।(01) 30 मई 2024 गुरूवार कार्यक्रम का ऑनलाइन शुभारंभ एवं संदेश प्रतियोगिता(02) 31 मई 2024 शुक्रवार दिये हुए चित्र पर कविता …
Read More »प्रेम जीवन की सच्चाई-नंदलाल
राजा रणसिंह और राजा अरिमर्दन सिंह एक दूसरे के घनिष्ठ मित्र थे मित्र भी ऐसे की जैसे एक जिस्म दो जान एक दूसरे के पूरक या यूं कहें एक सिक्के के दो पहलू दोनों की मित्रता एक मिशाल थी यह वास्तविकता सोलहवीं शताब्दी की है जब छोटे छोटे रियासतो में भारत बंटा था और निहित छुद्र स्वार्थों के लिये आपस …
Read More »जन सेवा असली सेवा -डोली शाह
रमेश, नरेश और आकाश तीनों अच्छे मित्र थे। पी. जी. में रहते, पढ़ते-खाते और भरपूर मौज -मस्ती करते । हर दिन कॉलेज और पढ़ाई के बाद जब वक्त मिलता तो सैर-सपाटे के लिए निकल जाते ।अचानक एक दिन लिफ्ट से नीचे उतरे ही थे कि सामने से गुजरती रैली, जिंदाबाद के नारे लगाते लोग! तीनों वहीं ठहरकर देखते रहे, इतने …
Read More »आराच पन्नक-नंदलाल
राम रतन सिंह नेपाल से सटे भारत नेपाल सीमा के गांव गेरमा के बहुत प्रतिष्ठित जमींदार थे ईश्वर की कृपा से उनके पास कोई कमी नही थी दो पुत्र रिपुदमन सिंह एव चंद्रमौलि सिंह राम रतन सिंह एवअच्युता के प्रिय संतानों में थे दोनों होनहार एव भारतीय परम्पराओं के अनुरूप थे ।अच्युता एव राम रतन सिंह को एक बेटी की …
Read More »रामबाण
पप्पू-मियां कैसे बैठे होमियां -अरे कुछ नहीं बस ऐसे हीपप्पू- ऐसे ही बैठे होमियां – हां ऐसे ही बैठा हूंपप्पू – ऐसे ही क्यों बैठे होमियां -तेरे को क्यापप्पू – मुझे क्या ऐसे तो आप बैठे होमियां – हां बैठा हूं तोपप्पू – तो मैं क्या करूंमियां – तू पूछा नपप्पू- मैं क्या पूछामियां – कैसे बैठे होपप्पू- मैं कहां …
Read More »महानिशा कि ममतामयी माँ-नंदलाल
जीवेश से जब भी उसके सहपाठी पूछते तुम्हारे पिता का नाम क्या है ?जीवेश कुछ भी बता पाने में खुद को असमर्थ पाता और सहपाठियों के बीच लज्जित होता लौट कर माँ से सवाल करता माँ मेरे पिता कौन है? स्वास्तिका बताती भी तो क्या ? वह भी हर बार जीवेश के प्रश्न को कोई न कोई बहाना बनाकर टाल जाती कभी …
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