कहानी संख्या – 12 गोपालराम गहमरी कहानी प्रतियोगिता 2024 हेतु, लवलीन एक बहुत सूलझी हुई लड़की थी पढ़ाई में भी बहुत होशियार थी। अपने परिवार में अकेली बेटी थी इसीलिए सब की लाडली प्यार से सब उसे लवली कहते थे। लवली ने मेहनत कर पी.एच.डी कर ली और जल्दी ही उसे कॉलेज में लेक्चरर की नौकरी मिल गई। घर में …
Read More »Monthly Archives: July 2024
पुष्पा की कहानी माधुरी
कहानी संख्या -02,गोपालराम गहमरी कहानी प्रतियोगिता -2024, पुष्पा रामलाल जी और उनकी धर्मपत्नी फूल देवी जिला कन्नौज फर्रुखाबाद से अजमेर आये थे। यहाँ लकड़ी का काम करके अपना जीवन गुजर करते थे । बाद मे कारखाने में काम मिल गया। पूरा महीना काम करने पर मात्र 150 रुपये मिलते थे। उसी पैसो से घर का खर्चा चलता था। वो समय …
Read More »शालिनी की कहानी मजबूर
कहानी संख्या 10 गोपालराम गहमरी कहानी लेखन प्रतियोगिता -2024 “कतनी दफा तुमसे कहेन कि बरसाती जूता लाए देओ मुला तुम का तो……” संतराम ने अपने बेटे मनीराम को ताना मारने के अंदाज में कहा तो मनी बिफर पड़ा, “हां हां तुम तो जैसे हम का खजाना दई दिए हो, कहां से लाई जूता l धान की लगउनी मा जउन रुपया …
Read More »सुमन की मातृत्व की जीत
कहानी संख्या 11 गोपालराम गहमरी कहानी लेखन प्रतियोगिता -2024 , आज सुबह से ही घर के सभी लोग मन ही मन किसी चिंता में डूबे हुए चुपचापअपने कार्यों में व्यस्त थे।बस घर भर का लाडला सोलह वर्षीय अमित ही इस बात से बेखबर था। उसने दसवीं की परीक्षा उत्कृष्टअंकोंके साथ उत्तीर्ण की थी। इस कारण विद्यालय प्रबंधन ने उसका फोटो अन्य …
Read More »सुनीता मुखजी की कहानी कीमत
कहानी संख्या -9 गोपालराम गहमरी कहानी लेखन प्रतियोगिता 2024 सुनीता मुखर्जी “श्रुति शोभना मेरा ड्रेस कहाँ है अभी तक निकाला क्यों नहीं? मुझे ऑफिस जाने के लिए देर हो रही है रोहन जोर से आवाज दे रहा था। जल्दी करो!!……शोभना रसोई से दौड़ते-दौड़ते आई और ड्रेस, टाई, रुमाल, और मैचिंग कैप सब निकाल कर दे दिया। डाइनिंग टेबल पर नाश्ता …
Read More »पूनम झा की कहानी मौसी मॉं
कहानी संख्या 08 गोपालराम गहमरी कहानी लेखन प्रतियोगिता -2024 “हेलो!.. .”“हेलो! समधन जी ! कैसी हैं आप ?”“बस ठीक ही हूँ . आप कहिये , आप कैसी हैं और बाकी सब घर में कैसे हैं ?”“अब क्या बताएं ? जीवन है चलाना तो पड़ता ही है . मैं और राजेश के पापा तो राजेश और मनु ( पोता ) को देखकर …
Read More »साधना शाही की कहानी एक वायदे की खातिर
कहानी संख्या 01 गोपालराम गहमरी कहानी लेखन प्रतियोगिता -2024 सुरभी के मुंँह से ऐसी बात सुनकर रैना काँप उठी। रैना के इस प्रकार चुप्पी साधने पर सुरभी पुनः रैना को कुछ झिंझोटते हुए और कुछ चिल्लाते हुए बोली, मम्मी आप कुछ बोलती क्यों नहीं क्या आप विधवा हैं? । रैना कुछ भी बोल सकने की स्थिति में नहीं थी। सुरभी की …
Read More »‘पधारो म्हारे देश’-प्रतिभा
एक नवम्बर 1956 के दिन अजमेर, जो कि अब तक एक केन्द्र शासित प्रदेश था, के राजस्थान संघ में विलय के बाद राजस्थान अपने वर्तमान स्वरूप में आया। राजस्थान में अनोखी महत्त्ता लिए दस संभागों में से अजमेर सम्भाग अपने में अजमेर, भीलवाड़ा, टौंक और नागौर जिले लिए हुए है। अजमेर को केन्द्र मान अपने शब्दों में पिरोकर आप को …
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