साहित्य सरोज कहानी प्रतियोगिता 2025, कहानी पर कमेंट जरूर देंं। उमंग मुंबई निवासी हैं, एक स्थापित लेखक, लेखन की दुनिया का एक बड़ा नाम। साहित्यिक पत्रिकाओं से लेकर अखबारों के साहित्यिक परिशिष्ट तक उनके नाम से अड़े रहते हैं। अर्चना ने साहित्य में अभी-अभी पदार्पण किया है। गुड़गांव की इस नवोदित लेखिका की नजर सोशल साइट्स पर लेखकों को खोजती रहती है। …
Read More »Monthly Archives: February 2025
ऐसा ही एक संडे-अविनाश खरे
साहित्य सरोज कहानी प्रतियोगिता 2025, कहानी पर कमेंट जरूर देंं। ऐसे ही एक संडे की सुबह को पति -पत्नी जो दोनों ही नौकरी करते है। पति ने पत्नी से कहा,अजी सुनती हो ,ये अपना घर कितना मैला दिखाई देता है पर क्या करें हम दोनों मजबूर है।धूल दिख रही है फिर भी हम दोनों कुर्सी पर बैठ कर आराम से चाय -नाश्ता करते …
Read More »लखनपाल की कहानी-गांव वाले कक्का
साहित्य सरोज कहानी प्रतियोगिता 2025, कहानी पर कमेंट जरूर देंं। विवाह के इक्कीस वर्ष हो चुके हैं ।जीवन की आपाधापी में कितना कुछ बदल गया है पता ही नहीं चला । शरीर में पहले जैसी ताकत नही बची है। देह थुल-थुल हो गई है और सिर के बाल झड़ चुके हैं।थोड़ा सा भी चलता हूं तो हांफने लगता हूं । …
Read More »दीक्षा की कहानी स्नेह-छाया
साहित्य सरोज कहानी प्रतियोगिता 2025, कहानी पर कमेंट जरूर देंं। बाहर यह क्या कोलाहल हो रहा है , शेविंग करते हुए राज ने अपनी पत्नी पूजा से पूछा । कॉलेज जाने के लिए वह तैयार हो रहा था ,अभी नहाकर आया था । अरे ! वही मिश्रा सर के घर की लड़ाई है , आज तो यह सड़क तक आ …
Read More »हुई साहित्य सरोज शिक्षक मंच की स्थापना, बाल-उत्थान के लिए होगें प्रयास-अखंड गहमरी
भारत सरकार से रजिस्टर्ड एवं अन्तराष्ट्रीय मानक की शोध पत्रिका साहित्य सरोज पत्रिका ने अपनी संस्थापिका श्रीमती सरोज सिंह की 8वीं पुण्यतिथि पर अपने बाल-उत्थान कार्यक्रम को गति प्रदान करने के लिए अब गहमर वेलफेयर सोसाइटी एवं एआईएम पूना के सहयोग के सहयोग से देश भर से खास तौर पर गांवों एवं नगरों में रहने वाले शिक्षकों का सहारा लिया …
Read More »मन की रेडियो तरंग-आशीष भारती
एक समय ऐसा था जब रेडियो सूचना यंत्र सबके घरों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था। मैंने सर्वप्रथम रेडियो अपने घर में बाउजी (दादाजी) के पास देखा था, वह अक्सर खबरों को ध्यान पूर्वक सुनते। प्रतिदिन रात्रि में पिताजी भी रेडियो से दिनचर्या की खबर सुनते। जब मैं रेडियो प्रसारण पर संचालनकर्ता की आवाज सुनता ‘‘नमस्कार ……” तो मन में बड़ी …
Read More »14 फरवरी – भारतीय इतिहास का काला दिवस-लक्ष्मी चौहान
14 फरवरी का दिन भारतीय इतिहास में काला दिवस के रूप में मनाया जाता है।ब्रिटिश सरकार ने 14 फरवरी 1931 को अमर शहीद भगत सिंह ,राजगुरु और सुखदेव को लाहौर में फांसी की सजा सुनाई थी और 23 मार्च 1931को लाहौर सेंट्रल जेल में शाम 7:33 मिनट पर इन तीनों क्रांतिकारियों को फांसी दे दी गई थी। इसीलिए 23 मार्च …
Read More »घर परिवार का वातावरण महिलाएं ही बनाती है-दीपमाला
महिला दिवस पर साथियों नारी जागरण की बात हमेशा होते रहती है l हम हमेशा कई स्थानों पर, अखबारों में, समाचार में नारी जागरण आंदोलन की बात सुनते हैं l सदियों से इस क्षेत्र में व्यापक कार्य भी हुये हैं पर क्या वर्तमान में नारियां जाग चुकी है, क्या हम अपने महत्व को जान पाये हैं l क्या हम ये …
Read More »बचपन पर मोबाइल का प्रभाव-आशा
“सचल दूरवाणी यंत्र” यानी मोबाइल वर्तमान के जीवनशैली का सबसे महत्वपूर्ण साधन।जिसके बिना जीवन संभव नहीं “सा” लगता है।आजकल हर कार्य मोबाइल द्वारा सम्पन्न होने लगे हैं। तो इसके प्रयोग से अछूता तो नहीं रखा जा सकता है बच्चों को, ये अवश्य है कि एक न्यूनतम उपयोग के स्वास्थ्य के प्रति सचेत अवश्य रहा जा सकता है। बच्चों में मोबाइल …
Read More »बचपन पर मोबाइल का असर-दीपमाला
वर्तमान में ऐसा कौन सा परिवार है जो बच्चों के मोबाइल देखने से परेशान नहीं होता l ऐसी बहुत ही कम मां होगी जिसे अपने बच्चे को भोजन कराते समय मोबाईल की जरूरत नहीं पड़ती होगी l बच्चों को आज दादा-दादी, नाना-नानी तो दूर शायद मम्मी-पापा की जरूरत भी कुछ समय के लिए पड़ती है, बांकी पूरा समय उनके लिए …
Read More »