11 फरवरी, फोन में तारीख देखते ही पलक के मस्तिष्क में सहसा एक विचार कौंधा कि आज तो प्रोमिस डे है। कितना अजीब शब्द है न ये वादा भी , लोग वादा तो कर लेते हैं पर निभाता कोई कोई ही है। वादा करने से ज्यादा मुश्किल होता है उसे निभाना। यह सब सोचते-सोचते व्यंग्य और दर्द से भरी हुई …
Read More »Monthly Archives: February 2025
फिटनेस के मायने-ज्योति सिंह
आज के वर्तमान समय में स्वयं के लिए समय निकालना सबसे बड़ी बात है और इसी के कारण हम अपनों एवं स्वयं की जिंदगी से हाथ धो रहे हैं। स्वस्थ रहने के लिए आपको कई आदतें अपनानी चाहिए किंतु हम उस आदत को अपने को वंचित कर जाते हैं कारण यह है कि हम अपनी व्यस्तता में खुद पर ध्यान …
Read More »आत्महत्या की बढ़ती प्रवृत्ति-ज्योति सिंही
आज के वर्तमान समय में आत्महत्या की बढ़ती प्रवृत्ति का मुख्य कारण अवसर निराशा माना जाता है ,क्योंकि निराशा के चलते अवसाद, मनोभाजन ,नशे की लत मानसिक विकारों को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। तनाव के कारक जैसे- वित्तीय कठिनाइयों या पारस्परिक संबंधों में परेशानियां की भी अक्सर एक भूमिका होती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार मानसिक रोगों में …
Read More »मन की बात-दिनेश कुमार राय
सौंदर्य क्या है? क्या बाहरी रूप और दिखावट ही सौंदर्य है? आम तौर पर हम आँखों को सुकून देने वाली चीज़ों को सुंदर मान लेते हैं; जैसे, किसी फूल की पंखुड़ियाँ, किसी पर्वत की ऊँची चोटी, या किसी की मनमोहक मुस्कान। अब सवाल यह उठता है कि क्या जो दिखाई देता है वही सौंदर्य है? या फिर, वास्तविक सौंदर्य वह …
Read More »आपको भी पत्नी राेकती है ताश खेलने से ?अब नहीं रोकेगी-अखंड गहमरी
पुरूषों की अकसर शिकायत रहती है कि उनकी पत्नी उनको ताश खेलने से रोकती है। लेकिन शायद उसे पता नहीं होता है कि जिसके हाथ में ताश के पत्ते होते हैं वह ब्रह्मांड का मालिक होता है। मौसम, दिन, सप्ताह, साल, सब कुछ उसके हिसाब से होता है। देव, दावन, ग्रह-नक्षत्र सब आपके बस मे रहते हैं। आप संसार के …
Read More »अवध ओझा की हार और भारतीय राजनीति- अखंड गहमरी
अवध ओझा का उत्तर प्रदेश के गोंडा के रहने वाले हैं। आज अवध ओझा सर के नाम से प्रसिद्ध अवध ओझा एक शिक्षक ही नहीं एक बहुत अच्छे मार्ग-दर्शक हैं। उनके पढ़ाने का अंदाज बिल्कुल अलग होता है । उनका अंदाज ठीक वैसे होता है जैसे कि परिवार का कोई मुखिया आँगन में बैठा कर अपने लोगों को मजेदार वाक्या …
Read More »भिवानी के गाँव बड़वा में- आस्था के साथ खेल संस्कृति का प्रवाह ‘लोकदेवता बाबा रामदेव मेला’
भिवानी के गाँव बड़वा में लगने वाले बाबा रामदेव के मेले में हर वर्ष हजारों धर्म-प्रेमी लोकदेवता बाबा रामदेव महाराज के दर्शन के लिए आते हैं। मेले में तरह-तरह की दुकानें सजाई जाती है। अनेक प्रकार के झूले डलते हैं और खेलों का आयोजन किया जाता है। शुरुआती दौर में मेले में ऊंटों का नृत्य और दौड़ आकर्षण का केंद्र …
Read More »“बैंकॉक आर्ट बिएनाले 2024”: कला के माध्यम से धरती और मानवता का संरक्षण- प्रबुद्ध घोष
बैंकॉक आर्ट बिएनले (BAB) 2024 का विषय “नर्चर गैया” (थाई भाषा में “रक्षा गया”) है, जो माँ पृथ्वी की पोषण शक्ति को दर्शाता है। यह आयोजन मानवीय अस्तित्व से जुड़े गंभीर मुद्दों की रचनात्मक पड़ताल करता है। 25 फरवरी 2025 तक चलने वाले इस चौथे संस्करण में जलवायु परिवर्तन, पर्यावरणीय क्षरण, महामारी और सामाजिक संकटों को केंद्र में रखा गया …
Read More »ज्योति की कहानी पहला प्यार
साहित्य सरोज सप्ताहिक आयोजन क्रमांक- 2 सोमवार से मंगलवार ( कहानी लेखन) शीर्षक – “पहला प्यार” मार्च का महीना था मेरा विवाह तय हो गया था ।घर में सभी बहुत खुश थे और भैया- पापा शादी की तैयारी में जुट गये ।मई में तिलक उत्सव और नवंबर में विवाह की तिथि रखी गई तभी तिलक चढ़ाने से पहले मेरे पति …
Read More »आशा की कहानी पहला प्यार
साहित्य सरोज साप्ताहिक आयोजन क्रम -२ शीर्षक पहला प्यार प्रेम की सुरभि ऐसी होती है जिससे आपका जीवन सदैव सुरभित होता रहता है। समय के संग जिसकी सुगंध बढ़ती ही जाती है।ज्यों -ज्यों दैहिक ताप कम होता है,प्रेम अलौकिकता ग्रहण करता जाता है। जीवन की संध्याकाल में जब एक साथी की आवश्यकता सबसे अधिक होती है।तब साथी का विछोह एक …
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