साहित्य सरोज साप्ताहिक आयोजन क्रम -2 कहानी लेखन शीर्षक- पहला प्यार प्रेम एक ऐसी अनुभूति है जो जीवन को सरस बना देती है l जिससे प्रेम हो चाहे वह शरीर से कितना भी दूर रहे पर उसके साथ होने का अहसास ही हमें जीवंत बना देता है l विवाह के पश्चात मैं पगफेरे के लिए मायका आई l तब पूरा …
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दिनेश कुमार राय की कहानी पहला प्यार
साप्ताहिक आयोजन क्र-2 कहानी शीर्षक पहला प्यार पुरानी दिल्ली में ब्रह्मपुरी एक साधारण-सा मुहल्ला है। तंग गलियां और घनी बसावट–इसके अलावा इसकी कोई और पहचान भी नहीं है। मगर, मेरा मन आज भी वहीं कहीं विचरता रहता है। बचपन की यादें बार-बार उन्हीं गलियों में खींच ले जाती हैं। लगता है जैसे कल ही की बात हो। विद्यालय में स्वतंत्रता-दिवस …
Read More »दीपमाला का संस्मरण
संस्मरण हंसती, खिलखिलाती, अल्हड़पन, जोश इन सभी में जीते बचपन और युवा के बीच का काल l बस वर्तमान में जीने की चाह न भविष्य की चिंता न अतीत का गम l जीना है बस अपने ही मगन में l बात उन दिनों की है जब हम ग्यारहवीं कक्षा में पढ़ते थे l सभी विषयों की अलग-अलग कक्षा लगती थी …
Read More »फिल्मों का युवाओं पर नकारात्मक प्रभाव-संजय सिंह चौहान
फिल्में मनोरंजन का एक महत्वपूर्ण माध्यम हैं, जो समाज में विचारों और संस्कृति को प्रभावित करने की क्षमता रखती हैं। लेकिन जहाँ एक ओर फिल्मों का सकारात्मक प्रभाव हो सकता है, वहीं दूसरी ओर कई बार फिल्मों का युवाओं पर नकारात्मक प्रभाव भी देखा गया है। विशेष रूप से जब फिल्में गलत संदेश देती हैं या हिंसा, असंवेदनशीलता, और अव्यवस्थित …
Read More »बसन्त पंचमी-लक्ष्मी चौहान
बसन्त’ पंचमी’ या ‘श्री पंचमी’ भारतीय संस्कृति में एक महत्वपूर्ण पर्व है, जिसे हर साल माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। बसंत पंचमी पूरे भारत में हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है। शास्त्रों में बसंत पंचमी को ‘ऋषि पंचमी’ के नाम से भी जाना जाता है। हिन्दू धर्म में इस दिन विद्या की देवी …
Read More »श्राद्ध-किरण बाला
पंडित जी, जरा सही से सामान लिखवा दीजिएगा। पिताजी के श्राद्ध में कोई कमी न रह जाए …लोगों को भी तो पता चलना चाहिए कि कितनी शानौ-शौकत से हमने ये सब किया है| (सिद्धार्थ ने पंडित जी को हिदायत देते हुए कहा)क्या बात कर रहे हो यजमान, पहली बार थोड़े ही कर रहे हैं ये काम ….पूजा में कोई कमी …
Read More »अपूर्ण प्रेम-दीपमाला
जनवरी का ठंड संक्रांति का समय सुबह सुबह ठंडी ठंडी सी हवा में स्वर्णिम धूप का आनंद l अपने आप में रोमांचित करने वाली l आज बच्चों को बाहर स्कूल प्रांगण में ही विद्या अध्ययन करवा रहे थे l सहसा टेबल पर रखी अखबार पर नजर पड़ी l बटालियन के छह जवान शहीद, मुख्य समाचार को देखते ही मैंने आगे …
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