वो गाँव के तीन पीढियों के सेतु थे। चार बीसी और तीन साल से अधिक की जात्रा (अवधि) पूरी कर चुके थे। पहला विश्व युद्ध, दूसरे विश्व युद्ध सहित, भारत पाकिस्तान के बंटवारे के दौरान के कत्लेआम के जीवित दस्तावेज थे वो। देश दुनिया के घाट घाट का पानी पीकर सधे थे वो। गरीबी के कारण कुछ विशेष नहीं कर …
Read More »प्रकृति मै और यायावरी
पूर्वोत्तर के सभी राज्य हमेशा से मेरे लिए आकर्षण का केंद्र रहे हैं। वहां के अनछुए ऊँचे –ऊँचे पहाड़, अलग-अलग तरह की वनस्पति, पहाड़ों से गिरते झरने, चट्टानों को काटकर बनाई हुई गुफाएं, इन सब के अलावा कल-कल कर बहती हुई नदियाँ जिनमें किसी भी तरह की गंदगी या प्रदुषण नहीं है। वहां की नदियों या झीलों के साफ़ …
Read More »हीर की कहानी बावरी
स्कूल की घन्टी बजते ही 10 साल की लक्ष्मी ने अपना बस्ता उठाया और अपनी सहेली मीरा से यह कह कर भाग निकली मेरे पापा कल आठ महीनों बाद घर आ रहे हैं। और मुझे उन्हें बावरी के बारे में बताना है ताकि वो मेरी मदद कर सकें।लक्ष्मी के पापा एक फ़ौजी हैं और वो बहुत कम घर आते हैं …
Read More »चित्र पर कहानी में नवनीता पांडेय
आज मां ने गर्मी की छुट्टियों में घर आए सभी बेटी ननद बुआ चाचा के बच्चों को कहा चलो आज सब मिलकर गेहूं का बोरा साफ करो।कुछ ने मुंह बनाया कुछ ने आलस डाला और दो बच्चो ने कहा हम करेंगे।मिली और सोम ने काम शुरू किया बीच बीच में गाने भी गाते ।उनको देखकर बाकी भी आ गए और …
Read More »चित्र पर कहानी में सीमारानी की कहानी
सीमा रानी पटना
Read More »चित्र पर कहानी में नीता
चित्र आधारित कहानीदादी जी ये गंगा मैया का किनारा है ???? हां बेटा… एक जमाने में यहां ऊंची ऊंची लहरें तन मन को भिगोकर पवित्र कर जाती थीं । परंतु अब देखो जैसे गंगा का अस्तित्व डूब रहा हो कितने गहरे में चली गई गंगा मैया जैसे मनुष्य से रूठ गई हों कटे पटे किनारे , ऊबड़ खाबड़ सतह पर …
Read More »पर्यावरण पर संस्मरण-शिवा सिंहल
गर्मी की तपन लूं भरी उमस ने दम निकला है। ऐसी कूलर भी लगाए, मगर कोई काम नहीं आया है। बहुत समय पहले हम अपनी दीदी के ससुराल शादी की सालगिरह मनाने गए थे। गर्म हवाओं से बदन जल रहा था, 1 दिन में ही धमोरिया ने बदन लाल कर दिया था । दूर-दूर तक पेड़ों का कहीं नामों निशान …
Read More »रोते हुए मेरे गाँव-अरूणा
विद्यालयों में ग्रीष्मकालीन अवकाश शुरू हो गए थे।मैथिली पिछले पाँच वर्ष से एक निजी विद्यालय में नौकरी कर रही थी।रघुवीर भी मल्टीनेशनल कंपनी में मैंनेजर है।मैथिली को काम करने की आवश्यकता नहीं थी,पर उच्च शिक्षा का कुछ अच्छा उपयोग हो और उसका समय भी कट जाए,इसलिए उसने तय कर रखा था कि जहाँ भी रघु को भेजेगी कम्पनी,वो वहाँ पास …
Read More »अजीत कुमार की कहानी सबसे बड़ी समाज सेवा
एक राजा था। वह हमेशा प्रजा की भलाई के बारे में सोचा करता था। उसके राज्य में सारी प्रजा खुश थी। उसके राज्य में अक्सर अकाल पड़ा करता था, लेकिन प्रजा को इसका एहसास नहीं होने दिया जाता था। वह प्रजा की हर जरूरत का ध्यान रखता था, जिससे राजकोष पर भी प्रभाव पड़ता था। अगले वर्ष राजकोष को संतुलित …
Read More »पर्यावरण दिवस पर निवेदिता रश्मि की कहानी
प्रथम रात को 2:30 बजे अचानक से डर कर उठ बैठा।बगल के कमरे में उसके मम्मी पापा सो रहे थे ।वह इतना डरा हुआ था की लाइट ऑन करने का भी उसे होश नहीं था। मम्मी – मम्मी की आवाज सुन बगल के कमरे से मम्मी दौड़ कर आई। क्या हुआ बच्चे ? क्या कोई सपना देखा ? पानी का …
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