कवर फोटो -संजना , कक्षा- दसवीं शहर -चंडीगढ़ सुनीता बाजार से घर आती है । सोनू को रोते हुए देखकर घबरा जाती है । बेटा क्या हुआ ? सोनू फुट-फुट का रो रहा था। मां गोदी में सर रखकर सिर पर हाथ फिरते हुए प्यार से सोनू बेटा क्या हुआ ? सोनू रोते हुए वह गमला नहीं है जिसमें मैं …
Read More »चित्र पर कहानी में -विजयशंकर मिश्र
गोपालराम गहमरी पर्यावरण सप्ताह 30 मई से 05 जून में आप सभी का स्वागत है* *आज दिनांक 01 जून को आनलाइन कार्यक्रम के तीसरे दिन चित्र पर कहानी* चिमनियों के धुएँ से आकाश का पेट फूलता जा रहा था और उसकी डकारें वायुमंडल को ध्वनित करने लगी थीं।आकाश मेघाच्छन्न हो गया था।लगता था अब बरसे कि तब बरसे।श्रमिक अपने और …
Read More »चित्र पर कहानी में -हेमलता
गोपालराम गहमरी पर्यावरण सप्ताह 30 मई से 05 जून में आप सभी का स्वागत है* *आज दिनांक 01 जून को आनलाइन कार्यक्रम के तीसरे दिन चित्र पर कहानी* अरे , हम झुग्गी- झौपडियों मे रहने वालों की भी कभी कोई सुनेगा । हे भगवान, तेरी दुनिया में भांति-भांति के इंसान । पूरे दो घंटे हो गये ।इस आग उगलती गर्मी …
Read More »चित्र पर कहानी में -शिवा
गोपालराम गहमरी पर्यावरण सप्ताह 30 मई से 05 जून में आप सभी का स्वागत है* *आज दिनांक 01 जून को आनलाइन कार्यक्रम के तीसरे दिन चित्र पर कहानी* सुबह सवेरे ही धुंधला धुंधला बादलों से घिरा मौसम था ।छोटी बस्ती वालों का जीवन भी निराला है यहां कौन इन्हें पूछने वाला कौन इन्हें अपना कहने वाला फिर किसके साथ खेल …
Read More »चित्र पर कहानी में -सीमा सिन्हा
गोपालराम गहमरी पर्यावरण सप्ताह 30 मई से 05 जून में आप सभी का स्वागत है* *आज दिनांक 01 जून को आनलाइन कार्यक्रम के तीसरे दिन चित्र पर कहानी*धुंधलाती शाम थी, और सूरज अपने आखिरी किरणें बिखेर रहा था। छोटे से गाँव के पास एक विशाल कारखाना खड़ा था, जिसकी चिमनियों से धुआं लगातार निकल रहा था। उसी कारखाने के पास, …
Read More »चित्र पर कहानी में -हेमंत चौकियाल
*गोपालराम गहमरी पर्यावरण सप्ताह 30 मई से 05 जून में आप सभी का स्वागत है* *आज दिनांक 01 जून को आनलाइन कार्यक्रम के तीसरे दिन चित्र पर कहानी* आयुष की बाल क्रीड़ाओं को देख माधव बीते दिनों की उन यादों में खो गया, “जब वो भी ऐसे ही मिट्टी में खेला करता था। तब उनके खेलने का स्थान भले ही …
Read More »चित्र पर कहानी में -बिन्नी चौरसिया
*गोपालराम गहमरी पर्यावरण सप्ताह 30 मई से 05 जून में आप सभी का स्वागत है* *आज दिनांक 01 जून को आनलाइन कार्यक्रम के तीसरे दिन चित्र पर कहानी* आसमान मे काले बादल उमड़ घुमड़ रहे हैं मौसम अति सुहावना हो गया है ठंडी ठंडी हवा चल रही है बरखा रानी अब आए कि तब आए वही पास ही बालू की …
Read More »चाँदनी रात-अवनीश
बात मेरे ही शहर की है जिसे अब प्रयागराज कहते है पर अभी भी सभी की जुबान पर इलाहाबाद ही चढ़ा हुआ है,तो ये घटना लगभग 40-50 बरस पुरानी है जब इलाहाबाद से नैनी जाने के लिए अक्सर हम जैसे लोग पुल के स्थान पर नाव से ही सफर करते थे, मेरा घर दारागंज मुहल्ले में था और ये नैनी …
Read More »अवनीश की कहानी -अब लौट भी आओ
चंदा अपने बापू की बहुत ही लाडली व इकलौती बेटी,बेहद खूबसूरत, युवा,चंचल, हर अंग तराशा हुआ।कोई भी उसकी खूबसूरती देख कर विश्वास नही कर पाता कि ये एक मछुआरे की बेटी है। इकलौती है तो लाड़ली भी,अपने बापू की बेटी भी बेटा भी।आस पास के घरों की भी लाड़ली, सबकी गोदी में जो बड़ी हुई थी,सबकी साझी बेटी। पर जवां …
Read More »प्रेम जीवन की सच्चाई-नंदलाल
राजा रणसिंह और राजा अरिमर्दन सिंह एक दूसरे के घनिष्ठ मित्र थे मित्र भी ऐसे की जैसे एक जिस्म दो जान एक दूसरे के पूरक या यूं कहें एक सिक्के के दो पहलू दोनों की मित्रता एक मिशाल थी यह वास्तविकता सोलहवीं शताब्दी की है जब छोटे छोटे रियासतो में भारत बंटा था और निहित छुद्र स्वार्थों के लिये आपस …
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