कहानी

संदीप तोमर की कहानी बदनुमा दाग

वह एक लाइब्रेरीनुमा कमरा था। मैंने कमरे को हैरत भरी निगाह से देखा। इतनी सारी किताबें किसी के घर पर पहली बार देख रही थी। इतनी किताबें तो पढ़ते हुए कॉलेज की लाइब्रेरी में ही देखी थी।मैंने एक सोफ़े की कुर्सी पर कब्जा जमा लिया। तभी एक छोटी सी बच्ची कमरे में दाखिल हुई। “गुड इवनिंग मैडम।“-उसने बड़ी दबी सी आवाज …

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मनीष की कहानी संशय

बांध वाले रोड पर चलते हुए विमल जी घोष दा के साथ काफी दूर निकल आए थे। सामने गंगा का धवल प्रवाह डूबते सूरज की हलकी धूप में चमक रहा था। घोष दा तर्जनी से उन्‍हें नदी के दूसरे तट पर पेड़ों की कतारों से निर्मित पृष्‍ठभूमि को दिखा रहे थे। सब कुछ बेहद प्राकृतिक और आकर्षक था। ऐसे में …

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वो नया मेहमान-गोवर्धन

आज से पचास साल पहले मेरा दोस्त मेरा मुहँ मीठा कराते हुये बताया कि उसके घर में आज नया मेहमान आया है। जब मैंने पूछा लड़की हुयी है या लड़का  तो उसने कहा कि मैं खुशी के चलते भाई साहब से विस्तार में बात ही नहीं की।आगे चलकर मैंने अनुभव किया कि उस बच्चे को किसी दूसरे को देते नहीं …

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अर्चना त्‍यागी की कहानी रिसर्च पेपर

अपनी नई पोस्टिंग से सुजीत बहुत ही खुश थे। शहर का नाम सुनते ही उनकी खुशी का ठिकाना नहीं था। सोने पर सुहागा हो गया जब उन्होंने जाकर देखा कि पुलिस स्टेशन रिसर्च इंस्टीट्यूट के बगल में ही था। नौकरी लग जाने के कारण वह अधिक पढ़ाई नहीं कर पाए थे लेकिन हमेशा से ही उनका सपना रहा था रिसर्च …

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बेदर्द दिल-सोनू कुमारी टेलर

जेठ की ढलती दुपहरी में ,  सूर्य देवता रौद्र रूप धारण किए , आग उगलने का  प्रचंड रूप से कार्य कर रहे । हवा का एक झोंका भी तन को सुकून पहुंचा दे । लेकिन पेड़ों के पत्ते भी इस आग में झुलसते प्रतीत हो रहे । पसीने से तर  सांवली दिलकश आंखों वाली , तीखे नाक नक्श से अपनी …

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पैसे की क़ीमत-पीयूष गोयल

एक क़स्बे में दो घनिष्ठ मित्र रहते थे,बात आज़ादी के तुरंत बाद की हैं,एक धनी था,एक इतना धनी नहीं था । रोज़ाना कमाना और गुजर बसर करना,पर दोस्ती की लोग मिसाल दिया करते थे। दोनों दोस्त अपने-अपने माँ बाप की इकलौती संतान थे। एक दिन दोनों दोस्त साथ-साथ अपने-अपने घरों को जा रहे थे, विदा लेते समय निर्धन दोस्त ने …

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जुनूनी लड़की-सुनीता छाबड़ा

 जुनून क्या होता है? किसी भी चीज को पाने की लालसा। पाने की चाह में इस तरह पागलपन कि जब तक वह नाम मिल जाए, मां को सुकून नहीं मिलता। जुनून किसी भी चीज का हो सकता है। चाहे प्यार का हो, घर बनाने का हो या अपने करियर का हो। जब तक वह लक्ष्य प्राप्त न हो, तब तक …

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अदला-बदली-सपना चन्द्रा

पुश्तैनी जमीन पर ललन और कारू दोनों भाई अपने परिवार के साथ अपने-अपने हिस्से में रह रहे थे।भाईयों की आपस में कभी-कभार दो-चार बातें हो जाया करती परंतु दोनों की पत्नियां एक-दूसरे को फुटी आँख न सुहाती।अब तो एक नया बखेड़ा पैदा हो गया था जिससे आए दिन हुल-हुज्जत तय थी।पहले जमीन के आगे कच्चा रास्ता हुआ करता था।पर जबसे …

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बिखरते सपने-आशा झा

कमलेश द्धिवेदी लेखन प्रतियोगिता 05 प्रतीक का मन सिर्फ पढ़ने और पढ़ाने में लगता था । उसने उसी दिशा में कदम बढ़ाने शुरू किये । परंतु अचानक अच्छी कंपनी में नौकरी मिल जाने से परिवारिक आदेशानुसार नौकरी ज्वाइन करली परंतु मन नही लगने के कारण छोड़कर पुनः अपने शहर आकर प्राइवेट कालेज में पढाने लगा । अध्ययनरत छात्रो मेहनत करके …

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रेखा आंटी-डॉ. आरती

कमलेश द्विवेदी लेखन प्रतियोगिता -4 कहानी साहित्‍य सरोज पेज को लाइक एवं फालो करें, परिणाम व लिंक पेज पर https://www.facebook.com/profile.php?id=100089128134941 “रेखा आंटी! रेखा आंटी!” कहती हुई मैं उनके फाटक तक पहुँची। वे बाजू वाले घर में रहती थीं। वे ही मेरी सभी परेशानियों की ‘हलधर’ थीं। मतलब ‘किसान’ से नहीं, सलाहकार या परामर्शदाता थीं। मेरी फ़िलोसोफ़र, गाइड, दोस्त, उद्धारक, उबारक; …

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