विधुर” सुबह-सुबह साधू महाराज “तान पूरा”बजाते हुए गली से जा रहें हैं और गा रहे हैं! “आए भी अकेला जाए भी अकेला, दो दिन की जिंदगी है दो दिन का मेला “। दीनदयाल जी ने दरवाजा खोला। “राम राम महाराज” महाराज जी बोले सब कुशल मंगल है भाई? कहाँ महाराज!आपका गाना सुना तो मेरी आँखें खुल गईं आपने इतना सही …
Read More »वाह रे डाक्टर साहब-कान्ति शुक्ला
हमारे परिचित एक परेशान हाल पति अपनी बेहोश पत्नी को लेकर हास्पिटल पहुँचा । गंभीर स्थिति को देखकर उसे इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कर लिया गया और वहाँ मौजूदा चिकित्सक उसकी चिकित्सा करने में जुट गए। एक डाक्टर ने पति से पूछा कि बेहोश होने के पहले आपकी पत्नी ने क्या तकलीफ़ बताई थी। पति बोला -हाँ कह रही थी …
Read More »प्रेरणा-प्रिया देवांगन
एक साहित्यकार पिता ने अपनी पुत्री से कहा- “बिटिया सुनो तो।” “हाँ, पापा क्या हुआ?” एक छोटी सी बच्ची दौड़ कर आई। “आज मैंने कुछ पंक्तियाँ लिखी हैं। बैठो ज़रा मेरे पास। मैं तुम्हें सुना रहा हूँ।” पिताजी बोले। “अच्छा! जी पापाजी।” बालिका ने बड़े ध्यान से पंक्तियाँ सुनी- “बहुत सुंदर बाल कविता बनी है। पापा जी, …
Read More »स्वतंत्रता संग्राम सेनानीलाला दूनीचंद-किरण बाला
“धन्य हैं वो वीर जिन्होंने सर्वस्व देश पर वार दियामाँ भारती का कर्ज़ उन्होंने सहर्ष फर्ज से उतार दिया” देश को गुलामी के बंधन से मुक्त कराने के लिए असंख्य देशभक्त अपनी जान की बाजी लगाने से भी पीछे नहीं हटे। जिन्हें आज भी याद करते हुए हम उनके प्रति श्रद्धा से नतमस्तक हो जाते हैं। किंतु कुछ ऐसे भी …
Read More »शहीद की माँ बनाम पत्नी-आशा
जाके पैर ना फटे बिवाई वह क्या जाने पीर पराई। सच्च ही कहा है किसी ने, जिसे चोट लगती है उसे ही तकलीफ का एहसास होता है दूसरा कोई दर्द का एहसास नहीं कर सकता। उसी तरह जिस परिवार ने अपने बेटे को, अपने पति को देश की रक्षा के लिए कुर्बान कर दिया हो, उनकी पीर भला एक आम …
Read More »डॉ. दीक्षा चौबे की कहानी बड़ी माँ
आयुष की बारात निकलने को थी और उसे बड़ी माँ कहीं नज़र नहीं आ रही थी । आज काफी देर से उसे बड़ी माँ की कमी महसूस हो रही थी । बड़ी माँ…जो हर वक्त उसके आस – पास ही रहती है.. उसकी जरूरत की सभी चीजें उसके बोलने से पहले ही उस तक पहुँच जाती थी.. कई बार आश्चर्य …
Read More »सुनील की कहानी करामाती बाबा
रमेश की अचानक मौत हो जाने के बाद सीमा पर जैसे मुसीबतों का पहाड़ ही टूट पड़ा। रमेश और सीमा की शादी को अभी एक साल भी नहीं हुआ था, अचानक एक दिन फैक्ट्री में काम करते समय करंट लग जाने से रमेश की मौत हो गई। रमेश की मौत के बाद सीमा बिल्कुल अकेली पड़ गयी। कुछ दिनों तक …
Read More »रेखा दुबे की कहानी समुद्र में तूफ़ान
जब भावनाओं के समुद्र में तूफान उठते हैं। तो भंवर के ग्रास में फंसा मन उसमें से निकलने के लिए फड़फड़ा उठता है । हाथ फैला कर पकड़ना चाहता है वह एक मजबूत वृक्ष की साख को अथवा मौजों के उन थपेड़ों में सहारे की तलाश करते हुए पकड़ना चाहता है कोई किनारा ।लेकिन क्या यह मन जमीनी हकीकत के …
Read More »सुपरकोप रणजीत की कहानी सच्ची कमाई
भावनपुर गांव की एक सावली सलोनी लड़की जिसका नाम था बुधना। बुधना बहुत ही नेक और कर्मठी लड़की थी। वह सुबह परिवार के लिए खाना बनाती उसके बाद अपने पिता के साथ उनके खेती-बाड़ी के कामो में हाथ बटाती। समय बीतता गया अब बुधना के माता पिता को उसकी शादी की चिंता सताने लगी। बुधना की माँ कहती बच्चे कब …
Read More »शालिनी की कहानी लगाव
कहानी संख्या 52 गोपालराम गहमरी कहानी लेखन प्रतियोगिता 2024मूवर्स एंड पैकर्स के कर्मचारी धड़ाधड़ सामान पैक कर रहे थे । डैडी के कमरे की किताबें अलग-अलग डिब्बों में रखी जा रही थीं । राजीव अंतर्मन में उठ रहे उद्वेग को दबाते हुए लगातार निर्देश दे रहा था । बेटी ने पूछा भी था,-पापा इतनी पुरानी पुरानी किताबें ले चलने की …
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