गुरु और शिक्षक में अंतर 5 सितम्बर को हम शिक्षक दिवस मनाते हैं। यह दिन डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के रूप में शिक्षा और शिक्षकों को सम्मान देने के लिए समर्पित है। इस अवसर पर हमें यह समझना ज़रूरी है कि “शिक्षक” और “गुरु” दोनों ही शब्द एक जैसे लगते हैं, परंतु इनके अर्थ और प्रभाव अलग-अलग हैं। शिक्षक …
Read More »हिंदी दिवस : उत्सव के शोर में जमीनी सन्नाटा
14 सितंबर को हर साल हिंदी दिवस मनाया जाता है। यह दिन हिंदी की संवैधानिक प्रतिष्ठा को याद करने और उसके प्रचार-प्रसार के संकल्प को दोहराने का प्रतीक बन गया। बड़े-बड़े सभागारों में गोष्ठियाँ होती हैं। लेखकों, कवियों और विचारकों को सम्मानित किया जाता है। सोशल मीडिया पर हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने की माँग दोहराई जाती है और विदेशों में …
Read More »मारकंडेय महादेव- ज्योति सिंह
मारकंडेय महादेव को चिरंजीवी होने का वरदान कैसे और किससे मिला- भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के वाराणसी जिले में स्थित कैथी ग्राम जो की गंगा के तट पर बसा है वही मार्कण्डेय महादेव की पावन मंदिर का निर्माण हुआ है इस मंदिर और मार्कण्डेय महादेव के बारे में हम आज विस्तृत चर्चा करेंगे क्योंकि यह कहानी भक्ति और भगवान …
Read More »पटना में मिला 500 साल पुराना शिवलिंग-माधुरी
आज मैं सावन मास के इस पावन महीने में आपको अपने पटना जिले की एक महत्वपूर्ण जानकारी देने जा रही हूं ,शिवलिंग के बारे में।पटना के त्रिपोलिया इलाके में 500 साल पुराना शिव मंदिर मिला है यह मंदिर कूड़े के ढेर के नीचे दबा हुआ था। यह पटना जंक्शन से 7 किलोमीटर दूरी पर स्थित त्रिपोलिया इलाके में है। इसकी …
Read More »श्रावण में शिव शक्ति का विस्तार -ज्योति सिंह
शिव जिसे पूरा ब्रह्मांड संचालित होता है जो जग के विस्तारक और कल्याण कारक है पृथ्वी ,आकाश, पाताल सभी जगहों स्थानों पर शिव का ही वास मिलता है ऐसे ही हमारे शिव का सावन माह में एक विशेष महत्व माना जाता है उस महत्व को जानना है तो हमें शिव के साकार और निराकार रूप को दर्शाने की आवश्यकता है …
Read More »पांच गाँव एक देव खेरे वाले महादेव-संतोष शर्मा शान
उत्तर प्रदेश के जिला हाथरस में मथुरा कासगंज रोड़ पर मैंडू रेलवे स्टेशन से लगभग पांच किलोमीटर की दूरी पर मुख्य पांच गाँव ( अनिरुद्धपुर , बाघऊ, नगला अलिया , सूरतपुर एवं राजपुर ) के बीच स्थित है भगवान भोलेनाथ का अप्रतिम लगभग डेढ़ से दो सौ साल प्राचीन मंदिर जिसे खेरे वाले महादेव के नाम से जाना जाता है …
Read More »बंकेश्वर महादेव श्रीगंगानगर- अंजू नारंग
राजस्थान के सुदूर उत्तर में अवस्थित श्री गंगानगर शहर से 10 किलोमीटर आगे स्थित एक गांव सहारणवाली जिसे जब 8 ए छोटी भी कहा जाता है, यहां एक निजी कारखाने में भगवान भोलेनाथ महादेव का मंदिर है ।यद्यपि इसका कोई पौराणिक इतिहास नहीं है और यह एक नवीनतम मंदिर है परंतु,श्रद्धा ,आस्था और प्रेम और मनोकामना पूर्ति के चलते भक्त …
Read More »कन्नौज में बाबा गौरीशंकर का मंदिर-अपूर्वा अवस्थी
कन्नौज प्राचीन नाम कान्यकुब्ज श्रेत्र में स्थित गौरीशंकर मंदिर शिव पार्वती प्रेम का एक अद्भुत उदाहरण है। कन्नौज प्राचीन काल में राजा जयचंद की राजधानी रही और पृथ्वीराज चौहान ने जब संयोगिता का हरण किया तो क्षेमकली मंदिर से ही पूजा करके ले गये।उसी क्षेमकली मंदिर के समीप एक अद्भुत शिवलिंग प्रकट हुआ जिसकी यह विशेषता है कि इस शिवलिंग …
Read More »संस्कृति व आस्था का अग्र प्रतीक- “ताड़केश्वर् धाम
संस्कृति प्राकृतिक सौगात नही वरन् सामाजिक धरोहर है।भारतीय समाज में जीवन मूल्यों की भेंट संस्कृति के रूप में सौंपी जाती है। हमें महान नाग परंपरा और अमूल्य क्रियाशील नाग संस्कृति विरासत में मिले हैं।देवभूमि उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जनपद के विकास क्षेत्र- रिखणीखाल ,पट्टी बिचला बदलपुर में स्थित ताड़केश्वर् धाम प्राग् वैदिक संस्कृति व आस्था का अग्र प्रतीक है। नैसर्गिक …
Read More »सैनिक पत्नियों की आत्मकथाएं
आज के समाज में सैनिक पत्नियों और उनके परिवारों की जो सच्चाई है, वह अक्सर लोगों की दृष्टि से ओझल रहती है। समाज उन्हें सम्मान की दृष्टि से तो देखता है, पर यह सम्मान दोहरे दृष्टिकोण में बंधा होता है। जब तक सैनिक ड्यूटी पर होता है, समाज उनकी वेदना को समझने का कोई प्रयास नहीं करता। लोगों को लगता …
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