लेख-आलेख

दिखावा-ज्‍योति किरण रतन

ज्‍यो‍ती किरण रतन बंटवारे का दंश झेलते प्रभु दयाल का परिवार भारत का हिस्सा बन गया ।शरणार्थी शिविर मे परिवार के साथ रहते हुए पेट की आग को बुझाने के लिए काम की तलाश करना शुरू किया।कभी कुली , दुकान का नौकर, जैसे काम करते हुए परिवार के लिए एक समय की रोटी मिल पाती थी ।पत्नी दुलारी ने कंधे …

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ज़ह किसने अकिलि बताई अल्ला – रामभोले शर्मा

बेडीजोर गाँव के ठलुहाप्रमुख बाँके की राय पर अमल करके डॉ सलमुद्दीन ने एक लाख रुपए चुनावी आग के हवाले कर दिए। बाँके ने उन्हें बीमा एजेण्ट की तरह डील करके यह कहके फँसा दिया कि तुम चिंता क्यों करते हो? बी डी सी बनने के बाद कम से कम दो गुना तो निश्चित रूप से मिल ही जाएगा। अब …

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लीक ही लीक-अरुण अर्णव खरे

सुना है फिर से कोई पेपर लीक हुआ है | अरे! हुआ होगा, इसमें आश्चर्य कैसा ? पिछले दो वर्षों में देश के हर कोने से, हर तरह की परीक्षाओं के पेपर लीक होने के इतने मामले सामने आ चुके हैं कि अब यदि दो-चार दिनों तक पेपर लीक होने का समाचार न दिखे तो हैरत होती है | पेपर …

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विजयशंकर मिश्र ‘भास्कर’:-व्यक्तित्व और कृतित्व

भारतीय पौराणिक प्रज्ञा को आधुनिक संदर्भों में समाजोपयोगी रूप में प्रस्तुत करनेवाले,तटस्थ समीक्षक,लेखक,कालजयी लेखनी के माध्यम से एक भारत-श्रेष्ठ भारत,अखंड भारत-अतुल्य भारत,विश्वगुरु भारत-स्वर्णविहग भारत के महान गायक कविप्रवर विजय शंकर मिश्र ‘भास्कर’ का जन्म पाँच जुलाई उन्नीस सौ पचपन ई.को आदिगंगा गोमती के उत्तरी तट से दस किमी दूरी पर जनपद सुलतानपुर के ग्राम समुदा पत्रालय गौराटिकरी तहसील कादीपुर विकास …

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“शाला प्रवेश उत्सव” एक पावन कार्य-डॉ शीला शर्मा

शाला प्रवेश उत्सव शैक्षणिक सत्र के पहले दिन मनाये जाने वाले इस उत्सव में ,’नव प्रवेशी’ और ‘नव कक्षा प्रवेशी’ दोनों ही प्रकार के छात्रों का शाला में स्वागत के रूप में उत्सव मनाया जाता है। यह स्वागत उत्सव बच्चों के प्रवेश का है जिसे नई उर्जा और आनंद के साथ मनाना है। वस्तुत: उत्सव सृजनशील ऊर्जा निर्माण के ही …

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लिथोग्राफी कार्यशाला सम्पन्न-प्रबुद्धो घोष

इंडियन नेशनल फोरम ऑफ आर्ट एंड कल्चर का लिथोग्राफी कार्यशाला: भव्य आयोजन के साथ अपनी दो दशकों की यात्रा को याद किया है-प्रबुद्ध घोष इंडियन नेशनल फोरम ऑफ आर्ट एंड कल्चर (INFAC – आईएनएफएसी), २००५ में स्थापित एक सार्वजनिक ट्रस्ट, भारत में कलात्मक प्रचार और सांस्कृतिक संवर्धन का एक प्रतीक रहा है। जैसे ही वे अपने १९ वें वर्ष को …

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जौहर – नारी अस्मिता का हथियार या भावनात्मक आत्महनन

जौहर शब्द जीव और हर से मिलकर बना है , जिसका तात्पर्य है , अपनी अस्मिता की अपनी पवित्रता की सुरक्षा के लिए किया गया आत्मोसर्ग | यह भारतीय पुरातन संस्कृति की उच्चतम मान्यताओं और परम्पराओं में से एक कही जा सकती है | जिसमे अपनी सात्विकता और यौनिक शुचिता को सर्वोपरी मानते हुए उसकी रक्षा के लिए स्वयम को …

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क्‍या यही प्‍यार है- अशोक

एक प्रश्न बार-बार बेचैन किये जा रहा है कि ऐसा क्यों हुआ ? और फिर वह सुरसा के मुँह की तरह फैलता ही जाता है या फिर कोढ़ की तरह सारे तन गलाये डाल रहा है। उफ़्फ़॥ जैसे पोर-पोर गल-गल कर गिरी पड़ रही है। समझ में नहीं आता कि यह कैसे हो गया ? सौभाग्यशालिनी निशीथ की शीतलता में …

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नंदलाल का भय

भय अन्तर्मन कि गहराई से उतपन्न वह विचार है जो व्यक्ति के व्यक्तित्व को झकझोर देता है  और विचारों को अशांत उद्वेलित करता है विचारो कि उतपत्ति मनुष्य कि कल्पनाशीलता कि  योग्यता है जो उसे अपने परिवेश परिस्थितियों के कारण उसे विवश करती है जाग्रत करती है एव उसके विचारों के सृजन के लिए प्रेरित करती है ।विचारो के सृजन …

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राष्ट्रीय कवि दिनकर -सीमा रानी

हमारे देश में एक से बढ़कर एक साहित्यकारों का जन्म हुआ। सभी अपने समय के अत्यंत महत्वपूर्ण और प्रभावशाली लेखक थे, जिनका योगदान हिंदी साहित्य में अद्वितीय है। उन्हीं में एक नाम आता है –  रामधारी सिंह ‘दिनकर’ का। हिंदी साहित्य के महान कवि और निबंधकार, जिन्हें राष्ट्रकवि के रूप में जाना जाता है। जिनका जन्म 23 सितंबर 1908 को बिहार के …

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