पिन कोड ४६२०१६ मतलब , शिवाजी नगर भोपाल ! इसलिये विशेष रूप से भोपाल वासियों को तो छत्रपति शिवाजी के बारे में संज्ञान होना ही चाहिये . देश के अनेक नगरों में शिवाजी नगर हैं , कई चौराहों , पार्क आदि सार्वजनिक स्थलों पर छत्रपति शिवाजी की मूर्तियां स्थापित हैं . वर्तमान में गुजरात में बनी दुनिया की सबसे ऊंची …
Read More »Monthly Archives: April 2023
कथनी और करनी-नीतू
रिया अपने मां-बाप की इकलौती संतान है। वह एक बैंक में जॉब करती है। रिया की मम्मी ने एक दिन रिया से कहा,”बेटा अब तो तुम्हारी जाॅब भी लग गई अब तुम शादी के लिए हां कर दो” रिया बोली,”मां मैं आपको और पापा को अकेला नहीं छोड़ सकती, अगर आप दोनों भी मेरे साथ चलते हो तो मैं शादी …
Read More »सफाई अभियान-अनिता सक्सेना
सुबह की मीठी नींद के बीच किसी की कर्कश आवाज ने सरोज बाबू को झकझोर दिया ‘ कब तक सोते रहोगे ? वो देखो वर्मा जी सुबह से झाड़ू लगाने की प्रैक्टिस कर रहे हैं !’ हडबडा कर सरोज बाबू उठ बैठे ‘ हे भगवन ! तुमने जगाया क्यूँ नहीं ? कितनी देर हो गई ? ‘ एक गुलाटी मार …
Read More »ये लफ्ज़ आईने हैं-कुमकुम कुमारी
हमारा बाहरी सौंदर्य कुछ समय के लिए लोगों को प्रभावित कर सकता है परंतु अपनी अमिट छाप छोड़ने के लिए आवश्यक है कि हम अपने लफ्ज़ यानी शब्दों को प्रभावशाली बनाएँ। क्योंकि हमारे नहीं रहने के बाद भी हमारी आवाज़ ही हमारी पहचान होगी। इसलिए बोलते वक्त हमें हमेशा ऐसा शब्दों का चयन किया जाना चाहिए जिससे हमारे मन की …
Read More »कढ़ा हुआ रूमाल-सुरेश बाबू मिश्रा
तिनसुखिया मेल के ए.सी. कोच में बैठे प्रोफेसर गुप्ता कोई पुस्तक पढ़ने में मशगूल थे। वे एक सेमीनार में भाग लेने गौहाटी जा रहे थे। सामने की सीट पर बैठी एक प्रौढ़ महिला बार-बार प्रोफेसर गुप्ता की ओर देख रही थी। वह शायद उन्हें पहचानने का प्रयास कर रही थी। जब वह पूरी तरह आश्वस्त हो गई तो वह उठकर …
Read More »पूनम की लघुकथाएं
“घर की मुर्गी दाल बराबर…” सौम्या बड़बड़ाते हुए काम निपटाती जा रही थी। ऐसे में कभी कुछ गिरता, कभी कुछ । विवेक जो कान में ब्लू-टुथ लगाकर आराम से मोबाइल देख रहा था। उसका ध्यान तब इस तरफ गया, जब उसके पास धम्म से कुछ गिरने की आवाज आयी, वह इसलिए क्योंकि वहाँ पानी का बोतल रखने के लिए किताब …
Read More »भगवा-उमेश कुमार पाठक ‘रवि’
जबतक भगवा, आन रहेगा। तबतक हिन्द महान रहेगा।। हिन्द मिटेगा, हिन्दू घटते, फ़िर वह पापिस्तान रहेगा। जहाँ घटा है, वहाँ मिटा है, बंग, पाक, अफगान रहेगा। विश्व-बंधुता, भगवा दीक्षा, मानवता अभियान रहेगा। सियाराम मय यह जग सारा, जबतक भगवा, शान रहेगा। रविसदन, वनसप्ती नगर,बक्सर (बिहार) 80210
Read More »तार सप्तक की कवयित्रियों के कविता में स्त्री-विमर्श-डॉ. माया दुबे
प्रस्तावना– विश्व की विभिन्न संस्कृतियों के निर्माण में स्त्री का योगदान महत्वपूर्ण है। किसी भी राष्ट्र की संस्कृति एवं सभ्यता के विरमान में स्त्री की भूमिका नि:संदेह अग्रणी है । भारत में स्त्री को देवी के रूप में पूजा जाता था, ईश्वर की कल्पना अर्धनारीश्वर के रूप में है। स्त्री की महत्ता माँ पत्नी, भगिनी, बेटी सभी रूपों में महत्वपूर्ण …
Read More »हम ऐसे क्यों हैं-नरेन्द्र कुमार
इस सृष्टि को सुचारु रूप से चलाने के लिए विभिन्नता अतिआवश्यक है। आप अपनी तलहथी को देखें अगर आपका सभी अंगुलियाँ बराबर हो जाये तो क्या ए सभी कार्य अभी जितना कुशलता से करता है , कर सकेगा , जबाब है नहीं। पहला अंतर रंग और आकृति से है , जो वंश (जनरेशन) से नियंत्रित होता है। जो जिस प्रकार …
Read More »बहन की डोली
नवंबर माह की गुलाबी ठंड से मौसम खुशनुमा हो रहा था ।एसे में स्वर्गीय माथुर साहब की बेटी की शादी की रौनक माहौल को और आकर्षक बना रही थी ,दरवाजे पर सजावट हो रही थी, अंदर से ढोलक की थाप पर सुहाग बन्नी गाई जा रही थी । मगर मिसेज माथुर का मन बेचैन था । वे अतीत की यादों …
Read More »