सोहना गाँव के राजेन्द्र बाबू का छोटा लड़का महेश पढने में बहुत होशियार था । स्नातक होने के बाद उसका चयन भारतीय वन सेवा में हो गया ।अब तो खैर इस बात को कई वर्ष गुजर गए हैं । राजेन्द्र बाबू तो बेचारे अब इस दुनियाँ मे रहे नहीं । महेश की पोस्टिंग पिछले तीन साल से अपने पैतृक …
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जीह्वा कमाल की
आप सभी ने अपने दादा, दादी, नाना, नानी को वृद्ध होते देखा होगा यानि छोटेपन से उनके साथ समय अवश्य ही बिताया होगा। उसी दौरान आपने पाया होगा कि धीरे धीरे वे शिथिल होते जाते हैं। कभी उनके दाँतों में तकलीफ होती है तो कभी आँखों में। इसी प्रकार अनेक अंग से वे लाचार होते चले जाते हैं।यहाँ तक की …
Read More »समकालीन कविता में यथार्थवाद- डॉ. रेखा मिश्रा
कविता में कल्पना तत्व की प्रधानता होती है, कवि एक कल्पनाशील प्राणी है, प्रजापति की तरह वह स्वयं की कल्पना लोक का निर्माण करता है| शब्द मानव ध्वनियों का पहला संगठन और भाषा की पहली ईकाई है, शब्द का अपना जादू होता है, इसमें संदेह नहीं है| कवि शब्द रूपी ईंटों से काव्य की इमारत खड़ा करता है| मानव की …
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