हम सबके जीवन में ढेर सारी समस्याएँ हैं। व्यक्ति समस्या से परे नहीं है। बावजूद इसके दुनिया में लोग अलग अलग स्तर पर इसलिए हैं क्योंकि उन्होनें समस्या का अलग अलग तरीके से समाधान किया। हर समस्या की एक सीमित अवधि होती है, श्रेष्ठ और साधारण लोगों के बीच एक यही फर्क होता है कि वो अपनी समस्या को किस …
Read More »Monthly Archives: September 2024
देश सुरक्षित नहीं है तो कोई सुरक्षित नहीं-हृदय नारायण
इस देश का बंटवारा धर्म के आधार पर हुआ। जिन्ना ने पाकिस्तान को इस्लामी राष्ट्र बना दिया। अब भारत को इसे हिंदू राष्ट्र घोषित करना था किंतु नेहरू जो खुद ही मुसलमान थे उन्हें यह बात पसंद नहीं थी और सरदार पटेल के बार-बार कहने के बाद भी इसे हिंदू राष्ट्र घोषित नहीं किया। फिर पटेल ने कहा कि सारे …
Read More »अखंड गहमरी की कहानी सब्जीवाली
एक चाय देना। उसने बड़ी शराफत से पैसे बढ़ाते हुए कहा। वह आवाज सुन कर जैसे लगा कि आवाज कुछ जानी पहचानी सी है। मैनें सर उठा कर देखा तो मुझे सामने बिन्दू दिखी। उसे इस हाल में देख कर तो मैं आवा़क रह गया। क्या थी और क्या हो गई। मेरे आंखों के सामने बिन्दू का चेहरा घूम गया। …
Read More »छात्रों में अनुशासनहीनता कारण और निवारण-डॉ शीला शर्मा
छात्रों को शिक्षित करना अपने आप में कला है जिसमें धैर्य का होना एक महत्वपूर्ण गुण है। जिस तरह हर व्यक्ति वैज्ञानिक नही हो सकता उसी तरह हर व्यक्ति शिक्षक भी नही हो सकता। चूँकि हमारे देश में शिक्षा कभी गंभीर मुद्दा रहा ही नही है इसलिए कभी शिक्षकों के विषय या स्तर पर शायद ही विचार किया गया हो। …
Read More »राव तुलाराम साहस, दूरदर्शिता और निस्वार्थ देशभक्ति का प्रतीक-रेखा
राव तुलाराम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक ऐसे नायक थे, जिनके साहस, नेतृत्व, और दूरदर्शिता को भुलाया नहीं जा सकता। उन्हें महज एक योद्धा कहकर उनका मूल्यांकन करना उनकी महानता को कम आंकना होगा। उनकी वीरता के अनगिनत पहलू हैं, जो उनके संघर्ष की गहराई और उनकी देशभक्ति को दर्शाते हैं। 1857 की क्रांति के दौरान राव तुलाराम ने अंग्रेजों …
Read More »इंसान भी बसते हैं- अंजू
मैं और दरम्यानी उम्र की वे महिला आगे-पीछे ही स्टेशन से बाहर निकले। मौसम उमस से भरा था और बावजूद इसके कि एक कुली उनके साथ आये पांच-छ: नग को अपने ऊपर लादे था, वे पसीने से तरबतर थी। मेरे पति तो सामान के पास मुझे खड़ा कर ऑटो देखने चले गये और वे कुली को पैसे देने लगी। …
Read More »अब तो जाग जाओ सरकार-गीता सिंह
बलात्कार एक शब्द जो इंसानियत की रूह को दर्द से तरबतर कर दे वह आज एक बहुत आम बात बन गई है हमारा भारतीय समाज जहां वैदिक काल से महिलाएं पूज्य होती थी जहां यह कहा जाता था”” यत्र नार्यस्तु पूज्यते रमंते तत्र देवता” आज उस सनातनी संस्कृति में छोटी-छोटी बच्चियाँ हैवानियत का शिकार हो रही है ,और इस दरिंदगी …
Read More »सुनील की कहानी -जैसी करनी वैसी भरनी
काम-धंधे के सिलसिले में जब रमेश पहली बार शहर आया तो उसे अपने मकान में ठहरने की जगह सुरेश ने ही दी थी।उस समय सुरेश अपने कमरे में अकेला ही रहता था। रमेश और सुरेश एक ही गांव के रहने वाले थे और बचपन में साथ- साथ एक ही स्कूल में पढ़े भी थे। परिवार की माली हालत ठीक न …
Read More »कहानी विधुर-शीला श्रीवास्तव
विधुर” सुबह-सुबह साधू महाराज “तान पूरा”बजाते हुए गली से जा रहें हैं और गा रहे हैं! “आए भी अकेला जाए भी अकेला, दो दिन की जिंदगी है दो दिन का मेला “। दीनदयाल जी ने दरवाजा खोला। “राम राम महाराज” महाराज जी बोले सब कुशल मंगल है भाई? कहाँ महाराज!आपका गाना सुना तो मेरी आँखें खुल गईं आपने इतना सही …
Read More »नशे की लत में डूब रहे युवा- डॉ शीला शर्मा
आज युवा वर्ग नशे की चपेट में बुरी तरह से फंसे हुए है। इनका असर बच्चों पर भी पड़ रहा है। इन पर नशा न सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक दुष्प्रभाव डाल रहा है। नशे की पूर्ति के लिए अपराध से भी वह हिचक नहीं रहे है। नशे के कारण सबसे अधिक प्रभावित युवा वर्ग है। इससे उनका मानसिक संतुलन खराब …
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