राहुल की शादी हो गई वह भी खुश था कि उसे सुजाता जैसी पढी लिखी सुशिल पत्नी मिली ,जो मां का ख्याल भी रखती थी । घर में खुशी का माहौल था। धीरे-धीरे दिन बितने लगे और हर घर में होता है वैसे सास बहू की कहासुनी शुरू हो गई। राहुल की मां को लगता था कि सुजाता आजकल मुझे पूछती नहीं ,मनमानी करती है ।और सुजाता को लगता था मै हर बार क्यूं पूछूं ? मेरे मन की भी तो मैं कर सकती हूं। बस शुरू हो गया।
वह दोनों शाम में राहुल के आने का इंतजार करती, राहुल कब आए और कब एक दूसरे के बारे में बताएं। राहुल ने शुरू में अनसुना कर ध्यान नहीं दिया। पर यह चीज बढ़ती देख कर वह भी परेशान हो गया ,फिर वह देर रात घर आने लगा । उसे मां ने डाटा, ” आजकल तुम बहुत देर से घर आते हो “?पत्नी ने भी पूछा,’ क्या बात है आपको आजकल बड़ी देर हो जाती है घर आने में “। तभी उसने सुजाता से कहा,” देखो मेरी मां ने मुझे बडा किया है,मेरी तरक्की उसकी वजह से ही है, और मां से बढ़कर कुछ नहीं होता। फिर मां की तरफ देखकर कहा ,”और मां सुजाता को भी मैंने पत्नी बनाकर लाया है तो उसकी जिम्मेदारी भी मुझ पर है। और आप दोनों में आजकल जिस तरह से मनमुटाव दिखाई दे रहा है उससे मैं परेशान हो रहा हूं और मेरा घर जल्दी आने का मन नहीं करता आप दोनों पहले इंतजार करती थी प्यार से रहती थी तो मुझे अच्छा लगता था पर अब तुम्हारा एक दूसरे के खिलाफ बोलना मुझे बिल्कुल पसंद नहीं और मेरे देर से आने का बस यही कारण है अगर तुम दोनों चाहती हो कि मैं जल्दी घर आऊं,देर रात बाहर रहकर शराब पीना ना शुरू करु और अपने कंपनी में भी मन लगाकर काम करु, तो घर के झगड़े मुझे नहीं चाहिए और इसके बाद ना मां सुजाता के बारे में कुछ सुनाओगी ना सुजाता तुम मां के बारे में।यह कह कर वह अंदर चला गया। सास बहू एक दूसरे की तरफ देखने लगे और फिर उन्होंने भी समझदारी से कम लिया और राहुल को एक दूसरे की शिकायतें सुनाना बंद कर दिया। राहुल की समझदारी काम आयी।
सुवर्णा जाधव
पुणे,महाराष्ट्र
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