कमलेश द्विवेदी काव्य प्रतियोगिता -02 रचना शीर्षक – दिल की बात।
कभी धूप के उछाह की
चाह की
कभी बादल के फाहे की
चाह की।
चाहा कभी भीगूं
बारिशों में तरबतर
कभी प्रेम की खिली
धूप में छीलूं मटर।
हरी दूब पर नंगे
पांव झूमती चलूं
पढ़ एक प्रेम कविता
कि मैं कली सी खिलूं
मेरे जैसे कोई और
भी ऐसे ख्वाब बुनता ही होगा।
इतनी भीड़ है
मैंने कह तो दी दिल की
बात ।
कोई सुनता भी होगा?
©गरिमा जोशी पंत
गरिमा जोशी पंत
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Triveni Colony Main Road, Indore452007
Mobile: 9826416847
परिणाम 15 सितम्बर 2023, सम्मान पत्र 17 सितम्बर 2023
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