हिन्दी दिवस प्रतियोगिता 2023
प्रस्तावना-वर्तमान युग में विज्ञान द्वारा अनेक आश्चर्य जनक आविष्कार किए गए हैं जिसमें मोबाइल फोन का विशेष महत्व है।मोबाइल रखने और आवश्यकता से अधिक मोबाइल का उपयोग करना स्वास्थ्य के लिए बहुत ही हानिकारक है । सकारात्मक उद्देश्यों के लिए इसका उपयोग करने से बच्चे को कुछ हद तक फायदा हो सकता है लेकिन यह उनके शारीरिक के मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकता है। पहले मोबाइल फोन कुछ संपन्न लोगों तक ही प्रचलित था क्योंकि मोबाइल एवं सेवाएं बहुत महंगी थी। मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनियां भी कम थी।परंतु वर्तमान में अनेक सेवा प्रदाता कंपनियां खड़ी हो गई है मोबाइल फोन भी सस्ते से सस्ते मिलने लगे हैं इस कारण अब हर व्यक्ति मोबाइल फोन रखने लगा है।भारत में वर्तमान काल में लगभग 80 करोड लोग इसका उपयोग कर रहे हैं। मोबाइल सेवा बहुत बड़ा व्यापार बन गया है इससे अरबो रुपए का व्यापार हो रहा है।यह हमारे लिए बहुत अफसोस की बात है कि पूरे विश्व में सबसे ज्यादा युवा भारत वर्ष में है और उन युवाओं के हाथ में मोबाइल है ताकि वे ना इधर देखे ना उधर देखे वह सिर्फ और सिर्फ मोबाइल देखें ताकि उनके आसपास क्या हो रहा है वे जान ही ना सके।यह बात हम सभी क्यों नहीं समझ रहे हैं इस मोबाइल फोन की वजह से आज का युवा खतरे में है और हमारा देश भी।
मोबाइल का बढ़ता प्रभाव- आजकल मां-बाप छोटे बच्चों को बहलाने के लिए उनके हाथ में मोबाइल फोन थमा देते हैं। लेकिन अब एक नई स्टडी में यह पता चला है कि 6 साल तक के बच्चे जो मोबाइल से खेलते हैं आगे चलकर उनकी याददाश्त कमजोर हो जाती है और उन्हें कई प्रकार की मानसिक विकृतियों का सामना करना पड़ता है।देश के नोनीहालो के हाथों में मोबाइल थमाने का प्रमुख कारण माता-पिता ही है माता-पिता इतने व्यस्त रहते हैं कि वह अपने बच्चों को समय नहीं दे पाते हैं कार्य की वजह से इतने तनाव में रहते हैं कि वे बच्चों की बातें एवं उनकी प्रॉब्लम सुनने तक का उनके पास समय नहीं है तो वे अपने बच्चों के हाथों में मोबाइल थमा देते हैं, इसके लिए माता-पिता ही सबसे ज्यादा जिम्मेदार होते हैं।अप्रत्यक्ष रूप से माता-पिता उसे नशे की लत दे रहे हैं जिस प्रकार नशा करने वाले को उसका संबंधित नशा नहीं मिलता है तो वह उद्विग्न हो जाता है और तोड़फोड़ करता है ठीक उसी तरह मोबाइल के न मिलने पर भी ऐसे कहीं उदाहरण देखने मे आए हैं जिसमें बच्चों ने पूरे घर को तोड़ डाला। इसका दूरगामी परिणाम भी माता-पिता को ही भुगतना पड़ता है। फिर माता-पिता इसकी प्रति जागरूक क्यों नहीं है?
मोबाइल फोन के लाभ– मोबाइल फोन बहुत छोटा यंत्र है जिसे व्यक्ति अपनी जेब में या हाथ में लेकर कहीं भी एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जा सकता है इससे समाचारों का आदान-प्रदान भी सरलता से होता है देश-विदेश में रहने वाले अपने लोगों से संपर्क में लगातार रहा जा सकता है।
सबके पास मोबाइल फोन होता है मोबाइल में कई ऐसे ऐप होते हैं जिसे बहुत कुछ सीखने को मिलता है। मोबाइल लोगों के कनेक्ट रहने और अपनी बातें शेयर करने का आज बहुत बड़ा माध्यम है।
मोबाइल से आप अपने दोस्तों से फोटो, वीडियो, म्यूजिक कंटेंट और अपनी लोकेशन शेयर कर सकते हैं।
आप विश्व के किसी भी कोने में किसी को भी फ्री में मैसेज भेज सकते हैं।
मोबाइल से आप कई लोगों का ग्रुप बनाकर सभी लोगों के साथ सूचनाओं का आदान-प्रदान कर सकते हैं।
व्यापार एवं व्यवसाय में तो यह लाभदायक और सुविधाजनक है ही अन्य क्षेत्रों में भी यह विज्ञान का वरदान बन रहा है।
असाध्य रोगी की तुरंत सूचना देने अनेक प्रकार के खेलकूदों के समाचार जानने, मनचाहे गानेऔर किसी भी तरह की समस्या का समाधान मोबाइल के द्वारा गूगल पर हम प्राप्त कर सकते हैं।
मोबाइल फोन कैलकुलेटर का कार्य भी करता है साथ ही वीडियो और रेडियो का काम भी कर लेता है आत: सूचना एवं मनोरंजन के साथ ही शिक्षा की दृष्टि से मोबाइल काफी लाभदायक सिद्ध हो रहा है।
मोबाइल को चलाने से निम्न हानियां है-
6 साल से कम उम्र के बच्चे मोबाइल फोन चलाने से वर्चुअल ऑटिज्म का शिकार हो रहे हैं जिस उम्र में वह बोलना सीखते हैं प्रश्न करना सिखते हैं वहां मोबाइल की वजह से बच्चे मौन रहना सीख रहे हैं उनकी याददाश्त कमजोर हो रही है साथ ही एक जगह बैठे बैठे मोबाइल चलाने से मोटापा बढ़ रहा है।
पहले जब सभी बच्चे संयुक्त परिवार में रहते थे और बच्चों को अपने भाव को सांझा करने के लिए कोई न कोई मिल जाता था जिससे वह मानसिक और शारीरिक तौर पर स्ट्रांग बनता था परंतु आजकल सर्वत्र हम देखते हैं कि सब एकल परिवार में रहते हैं और कहीं-कहीं तो माता-पिता की अकेली संतान बच्चा होता है और वह नौकरी करने के कारण बच्चों को समय नहीं दे पाते हैं और समय के बदले मोबाइल दे देते। बच्चा तो नासमझ है उसको तो पता नहीं है पर माता-पिता इतने बड़े उम्र के होते हुए भी नासमझी दिखा रहे हैं यह बड़ी शर्म की बात है।
मोबाइल के ज्यादा समय तक इस्तेमाल करने से बच्चों मैं चिड़चिड़ापन , एकाग्रता की कमी व्याकुलता एवं उन्माद अक्सर देखने को मिलता है। यह सभी नकारात्मक संवेग है जो उसके व्यक्तित्व के लिए बहुत ही खतरनाक है। जब देश के नोनिहाल ऐसी नकारात्मक चीजों के भंडार होंगे तो आगे आने वाले समय में देश का क्या भविष्य होगा? इसलिए हम सभी को इस खतरनाक समस्या पर काम करना शुरू कर देना चाहिए।
फोन चलाने की लत की वजह से बच्चे सामाजिक तौर पर विकसित नहीं हो पाते हैं और बाहर न जाने की वजह से व्यक्तित्व का विकास भी नहीं हो पाता है।
मोबाइल से बच्चे की मस्तिष्क का विकास खराब होता है 18 से कम उम्र के बच्चों का मानसिक विकास कम होता है और वे हिंसक बन जाते हैं।
ज्यादा मोबाइल का उपयोग करने से बच्चों में स्पीच डेवलपमेंट नहीं हो पता है उसका व्यवहार खराब होने लगता है।
मोबाइल फोन का लगातार सुनने पर कान कमजोर हो जाते हैं मस्तिष्क में चिड़चिड़ापन आ जाता है एवं बच्चों को मोबाइल गेमिंग की बुरी लत पड़ने से उन पर दूरगामी दुष्प्रभाव पड़ता है। इससे समाज में अपराध बढ़ रहे हैं।
मोबाइल से निकलने वाले इलेक्ट्रोमैग्नेटिक विकारों से डीएनए क्षतिग्रस्त हो सकता है मोबाइल के अधिक इस्तेमाल से बच्चों के मस्तिष्ककैंसर, ब्रेन ट्यूमर, डायबिटीज, हृदय रोग आदि होने की अधिक संभावना होती है।
मोबाइल के अधिक इस्तेमाल करने से बच्चे का पोस्चर खराब होता है उसके गर्दन और कमर में दर्द बना रहता है साथ ही उसका विलंबित विकास होता है और पढ़ने की खराब आदते पड़ जाती है।
मोबाइल से बच्चे की रचनात्मक पूरी तरह खत्म हो जाती है साथ ही रिश्तो में तनाव पूर्ण स्थिति पैदा हो जाती है और कई बार बालक साइबर बुलींग का भी शिकार हो जाता है।
मोबाइल फोन देखने से बच्चे कई बार मोबाइल से खराबऔर ऐसी चीज देखने लगते हैं जो उनको नहीं देखना चाहिए जिससे उनकी आदतें खराब होती है और उनका व्यक्तित्व दूषित होता है।
मोबाइल फोन से पैसों का अपव्यय भी बढ़ रहा है। युवाओं में चैटिंग का नया रोग भी फैल रहा है इन सब कारणों से मोबाइल फोन हानिकारक और समाज के लिए एक अभिशाप है।
मोबाइल के दुष्प्रभाव को रोकने के उपाय
माता-पिता को चाहिए कि वह बच्चों को समय और साथ दोनों दे। बच्चों को मोबाइल पर नकारात्मक चीज़ें देखने के दुष्प्रभाव के बारे में जरूर बताएं। जितना समय बच्चे मोबाइल पर बर्बाद करते हैं इस समय को किताबें पढ़ने में कॉमिक्स पढ़ने में या कोई क्राफ्ट एक्टिविटी करने में व्यतीत करने हेतु प्रेरित करें।
माता-पिता को चाहिए कि बच्चों को घरेलू कामों में उनकी मदद करने के लिए जैसे बालकनी साफ करना, साइकिल वॉश करना, मम्मी को किचन के कार्यों में मदद करना आदि कार्यों के लिए प्रेरित करें जिससे माता-पिता के सानिध्य में वे खाली समय का सही उपयोग कर सकेंगे।
समय निर्धारणकरना-माता-पिता को चाहिए कि वह बच्चों के मोबाइल देखने का समय निर्धारित करें अक्सर बच्चे स्कूल से आते ही मोबाइल देखना शुरू कर देते हैं अगर पेरेंट्स समय ना दे तो घंटो अपने फेवरेट नाटक या चैनल देखते रहते हैं बच्चे को खाने पीने की भी कोई परवाह नहीं होती इसलिए बच्चों का मोबाइल देखने का समय फिक्स कर देना चाहिए जिससे पढ़ने के लिए समय बच सके।
माता-पिता को चाहिए कि वह बच्चों का ध्यान बांटने के लिए संगीत, पेंटिंग और नृत्य का प्रशिक्षण दिलवाएं जिससे बालक अपने समय का सही सदुपयोग कर सके।
समय-समय पर बच्चों को ऐसे टास्क देते रहे जिसे बच्चों की रचनात्मक क्षमता का विकास हो। मोबाइल की जगह बच्चों को कोई पालतू पशु लाकर दे जिससे बच्चों में सेवाभाव आए।
खाली समय में बच्चों की क्षमता के अनुसार घरेलू कामों में उसका सहयोग ले जिससे बच्चा आत्मनिर्भर बनेगा व्यावहारिक चीज सीखेगा।
मोबाइल से दूर रखने के लिए बच्चों को आउटडोर एक्टिविटी में इंवॉल्व करें, उन्हें बाहर खेलने, साइकिल चलाने एवं गार्डनिंग आदि के लिए मोटिवेट करें।मोबाइल देने के बजाय स्क्रीन टाइम के लिए टीवी का ही इस्तेमाल करें और टीवी पर रामायण महाभारत या और कोई धार्मिक कार्यक्रम बच्चों के साथ माता-पिता को भी देखना चाहिए जिससे अच्छा संदेश मिले।
जिद्दी बच्चों के लिए माता-पिता को चाहिए कि वह उनसे बहस ना करें उनकी बात शांति से सुने और बच्चों को ऑप्शन दे, बच्चों से स्नेह से कनेक्शन मेंटेन करें और नेगोशिएशन करना सीखे। जो बच्चे जिद्दी होते हैं उन्हें जिम्मेदारी देने से वह बहुत अच्छा काम करके दिखाते हैं अतः उनको डांटने के बजाय अच्छा बर्ताव करें।
उपसंहार-मोबाइल फोन दूरभाष की दृष्टि से महत्वपूर्ण आविष्कार है, गूगल के माध्यम से दुनिया की कोई भी जानकारी हमें आसानी से मिल जाती है अर्थात यह ज्ञान का भंडार है तथा इसका उपयोग उचित ढंग से तथा आवश्यक कार्यों के करने हेतु ही किया जावे तो वह वरदान ही है लेकिन अपराधी लोगों और युवाओं में इसके दुरुपयोग की प्रवृत्ति बढ़ रही है जो सर्वथा अनुचित है ।मोबाइल फोन का संतुलित उपयोग किया जाना ही लाभदायक है यह तभी दूरसंचार का आधुनिकतम श्रेष्ठ साधन बन सकता है।
– प्रतिभा शर्मा प्राध्यापक हिंदी
श्री बालकृष्ण विद्या भवन राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय कांकरोली
फोन नंबर-9024897689