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निःशुल्क फेकुलर प्रशिक्षण केंद्र में आपका स्वागत है।यदि आप मे भी फेकुलरिज्म के प्रति रुचि है और फेकुलर बनने की इच्छा है तो चले आइए हमारे संस्थान में। हम आपको बिना हींग फिटकरी लगाए एक जिम्मेदार फेकुलर नागरिक बनने के हाॅट टिप्स देंगे! चलिए बातों में बिना वक्त जाया किए फेकुलर कोर्स की शुरुआत करते हैं।फेकुलर बनने के लिए आप का बुद्धिजीवी होना मायने नहीं रखता आप दिमाग से पैदल भी हो तो चलेगा क्योंकि प्रत्येक छोटे-बड़े विवाद या मुद्दे पर हाय-तौबा मचाने की कला आपको बुद्धिमान की श्रेणी में स्वतः स्थापित कर देगा।
आपको यह मालूम होना चाहिए कि हम फेकुलर मानववादी हैं, मानवता की बात करते हैं।आखिर करें भी क्यों ना, मानवीय हितो के पोषक जो ठहरे! जब कभी किसी एक कौम विशेष के एक चिंदी चोर का माॅब लिंचिंग होता है तो हमारा दिल फट जाता है, दिमाग झनझना जाता है, भुजाएँ फड़कने लगती है।खून उबाल मारने लगता है।फाइटर इम्यूनिटी का एंटीबाॅडिज ओवरफ्लो होने लगता है। हमारे समूह के विद्रोही बंधु मोर्चा खोल सड़को पर उतर जाते है।हमारे पंथ के निष्पक्ष पत्रकार न्यूज चैनल पर श्वान राग का उद्घोष करने लगते हैं। हमारे पंथ के उदार और सदाशय साहित्यकार अखबार,मैग्ज़ीन, टेक्स्ट बुक से फेसबुक तक विधवा विलाप करने लगते हैं। आखिर करें भी क्यों ना,मानवीय संवेदना भी कोई चीज है भाई। भले ही उस कौम के पीड़ित की संख्या एक ही सही लेकिन है तो वो इंसान ही! तो उसे बहुसंख्य दूसरे कौम द्वारा प्रताड़ित करने का कोई लाइसेंस तो नहीं।हम मानवतावादी की अन्तरात्मा सागर की लहरों में हिचकोले खाती डेंगी की तरह उफान मारने लगती है।हमे तथाकथित दूसरी कौम/समुदाय से घृणा नफरत होने लगती है और हम इंसानियत की दुहाई और असहिष्णुता का युगल गीत गला फाड़कर गाने लगते है।
फेकुलरिज्म पंथ की कुछ ऐसे नियम भी है जिसमें खास सावधानियाँ बरतनी आवश्यक है।जब कभी किसी दूसरे बहुसंख्य कौम के लोगो का सामूहिक नरसंहार हो,उत्पीड़न हो,घर-दुकान में लूट हो आगजनी हो,बलात्कार हो, प्रताड़ना हो तो भूलकर भी अपने चमड़े का चोंच नही खोलना है!यदि बकना आवश्यक हो तो सिर्फ शांति और भाईचारे का मुहावरा पढ़ना।वैसे भी बहुसंख्य कुआं से दो चार बाल्टी पानी बहा भी दी जाए तो क्या फर्क पड़ता है!बहुसंख्य उत्पीड़न पर निंदा या विरोध स्वर ना ही उठे तो फेकुलरिज्म के हित में होगा।जुल्म ढाने वाले समुदाय के प्रति आवाज क्या ऊँगली भी उठाने का दुस्साहस नही करना है।एक वर्ग के देवी देवताओं के अश्लील तस्वीर चित्रण पर या फिल्मों में धार्मिक कटाक्ष आदि पर अनुलोम-विलोम की मुद्रासन को अपनाना है तथा दूसरे कौम की कुप्रथाओं पर टिप्पणी आने पर कपालभाति की तरह भाइव्रेशन मोड में आ जाना है।
आप न्यूज चैनल के रिपोर्टर हो या साहित्यकार उन घटनाओं पर सौ प्रतिशत शुद्ध धृतराष्ट्र बन जाना है।यदि आप महिला फेकुलर है तो इन स्थिति में गांधारी बनना ही आपके फेकुलरिज्म का मानदंड होगा। अपने देश मे कश्मीर,बंगाल,केरल आदि स्थानों पर घटित अमानवीय कृत्यों पर टेम्पररी मौन व्रत धारण करना है।ब्लैक की रानी मुखर्जी और गोलमाल का तुषार कपूर बन जाना है।देश के अंदर एक समुदाय के प्रति गिद्ध दृष्टि रखते हुए चिल्ल पों मचाना तथा दूसरे समुदाय के प्रति सूरदास बन कान में तेल डालकर कुंभकर्ण की तरह सो जाना उच्च कोटि फेकुलरिज्म के लिए आवश्यक है। इजराइल द्वारा फिलीस्तीन पर जवाबी हमला,अमेरिका द्वारा जवाबी आतंकी हमला,सेना द्वारा पाक सर्जिकल आदि पर जोर जोर से राग मल्हार गाना आपके फेकुलरपंथी विचारधारा को ऊंचाइयां प्रदान करेगी! यदि फेकुलर निर्माण पाठ के उपरोक्त बिन्दुओं को अपने चाल-चरित्र में आत्मसात करते हैं,तो आप भी देश के एक योग्य जिम्मेदार इंसानियत के रहनुमा फेकुलर बन सकते हैं!
विनोद कुमार विक्की खगड़िया बिहार 7765954969