तू मेरी जिंदगी है-प्रतिभा

कमलेश द्विवेदी लेखन प्रतियोगिता -4 कविता
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गुलज़ार की गुल तू, सहर की वो सबा तू,
मेरे शबे महताब, तू मेरी बंदगी है।

बिखर न जाऊं कहीं, सिमट न जाऊं कहीं,
समय की धड़कन, तू मेरी जिंदगी है।

बज़्म की शान तुझसे, रहगुज़र तुझसे,
तड़प मेरे हिज्र की, तू मेरी बंदगी है।

प्रतिभा जोशी अजमेर,राजस्थान – 30500

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