Breaking News

अविस्मरणीय यादें -क्रिसलय दुबे


किसी भी व्यक्ति को आमंत्रण पत्र भेजना यानि आमंत्रित करने के कई तरीके होते हैं। आमंत्रित करने के तरीके से ही मेहमान यह निर्णय लेता है कि आमंत्रण को स्वीकार करना श्रेयकर होगा या नहीं। मैं पूरे विश्वास से कह सकता हूं कि आमंत्रण पत्र भेजने की कला में श्री अखंड प्रताप गहमरी जी को अच्छा अनुभव है। मैं उनके प्रोग्राम नवें गोपाल राम गहमरी साहित्य एवं कला महोत्सव 2023 में एक बार के अनुरोध से उनके कार्यक्रम में सम्मिलित होने के लिए मन बना लिया। बताने की जरूरत नहीं है कि मैं अखंड जी के व्यक्तित्व से काफी प्रभावित हुआ और उनके आतिथ्य को सहर्ष स्वीकार कर लिया। प्रोग्राम का स्थल एक गांव था जो मुझको अपनी तरफ बहुत आकर्षित किया। गहमर गांव लखनऊ शहर से ट्रेन मार्ग द्वारा लगभग 380 कि.मी. हैं जहां पर कुछ ट्रेनों का ही स्टॉपेज है लेकिन मुझे श्रमजीवी एक्सप्रेस के ए सी कोच में नीचे की बर्थ मिल गयी। लगे हाथ लौटने का टिकट भी कन्फर्म मिल गया अर्थात यात्रा तो सुनिश्चित हो गई।

अब दिमाग में तरह तरह के सवाल पैदा होने लगे। गांव में आयोजक का आयोजन करने का स्तर कैसा होगा यानि वहां पर बिजली, पानी, सड़क जैसी मूलभूत सुविधायें मुहैया होंगी या नहीं। गांव के बारे गुगल और आयोजक से जो सूचनायें मिली वह पर्याप्त थी कार्यक्रम स्थल में पहुंचने और अन्य जानकारी के लिए।

दिसंबर 21, 2023 को यात्रा पर चल पड़ा और अगले दिन हल्की ठंड के बीच सुबह-सुबह रेलवे-स्टेशन गहमर पहुंच गया। यह स्टेशन काफी साफ सुथरा और यहां का वातावरण काफी शांत था। स्टेशन से बाहर आना और थोड़ी दूर चलने के बाद ही अखंड जी के दर्शन, अच्छी अनुभूति हुई। उसके बाद उनके आवास पर उनके पिता जी से मुलाकात और परिवार के अन्य सदस्यों का आत्मीयता भरा अपनापन मेरे मानसिक पटल पर स्मृति बन कर अमिट छाप छोड़ गया। कुछ कलाकार जैसे मैडम संतोष शर्मा जी, श्री राजेश भटनागर, श्री हरि ओम जी, मैडम डाॅ षुष्पा जी, डाॅ बृजेश गुप्ता जी से पहली मुलाकात अच्छी लगी। बाद में धीरे धीरे अन्य कलाकार जुड़ने लगे और स्नान ध्यान के बाद नाश्ता फिर दोपहर का लजीज भोजन, सच कहूं, मेरी सभी शंकाएं जो गांव के लिए मेरे मष्तिष्क में थी वे दूर हो गई।

आवास से अब आयोजित कार्यस्थल – कामाख्या महाविद्यालय, की ओर हम कलाकार चल पड़े। गांव में इस महाविद्यालय का प्रांगण देखने लायक था। हरे भरे पेड़ हमलोगों को आकर्षित कर रहे है।यह जानकर बहुत प्रसन्नता हुई कि अगले तीन दिन तक हम सभी लोग इसी प्रांगण में विभिन्न हाॅल में रहेंगे और आयोजित कार्यक्रम के सहभागी बनेंगे।

पहला दिन यानि अगले तीन दिन तक आयोजित होने वाले कार्यक्रमों को सूचीबद्ध करना और उसको क्रियान्वित करना जो आयोजक और उनके टीम के लिए चुनौतिपूर्ण होता है और रहा भी। मैं विभिन्न आयोजित कार्यक्रमों में गया हूं जहां आयोजक की उपलब्धता थोड़ी मुश्किल होती है उनके स्थान पर एक मनोनीत प्रशासक कुछ फार्म भरवाते हैं जिसको रजिस्ट्रेशन फार्म के नाम से जाना जाता है जिसके माध्यम से लक्ष्मी जी को स्वीकार किया जाता है, उसके बाद ही आयोजक के साक्षात दर्शन होते हैं।
यहां पर इस तरह का कुछ भी नहीं था।जैसा अखंड जी ने स्वीकार किया कि सभी सूचीबद्ध कार्यक्रम समयानुसार संपन्न होंगे लेकिन किसी कारण से थोड़ा-बहुत विलंब होता हो उसके लिए क्षमाप्रार्थी हैं।इतना स्पष्ट बोलने वाले कम ही आयोजक होते हैं।पहले दिन से अंतिम दिन तक कार्यक्रम की विशेषता रही कि किसी भी विशिष्ट व्यक्ति के लिए किसी कार्यक्रम के रूपरेखा के समय में परिवर्तन नहीं किया गया। कार्यक्रम में विभिन्न आयोजन को आयोजित किया गया जो सारगर्भित थे। कुछ महत्वपूर्ण उल्लेखनीय विविध आयोजन जैसे कलाकारों का आपस में परिचय, गंगा स्नान के समय सुरक्षा व्यवस्था, कामख्या देवी के दर्शन, रंगारंग कार्यक्रम का आयोजन यादगार बन गए।

अंत में कुछ लाईने आयोजक के लिए

एक आयोजन को आयोजित करना
अपने आप में बहुत बड़ा संग्राम है
आयोजक अख॔ड जी का कोई सानिध्य नहीं
हम उनके कार्यशैली के कायल
और मेहमानवाज़ी के शुक्रगुज़ार हैं

किसलय दुबे

About sahityasaroj1@gmail.com

Check Also

गोपालराम गहमरी साहित्‍य एवं कला सम्‍मान समारोह 22 को

गोपालराम गहमरी साहित्‍य एवं कला सम्‍मान समारोह 22 को

प्रसिद्व जासूसी उपन्‍यासकार गोपालराम गहमरी की स्‍मृति में साहित्‍य सरोज पत्रिका द्वारा विगत 9 वर्षो …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *