“आखिर क्यूं बिगड़ रहा आज हमारा फिटनेस? “
लोगों को आलस्य इतना घेर लिया है अपनी दिनचर्या में शामिल होने वाली गलत वस्तुओ का प्रयोग करके अपने स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने लगे हैं। अपनी फिटनेस को दरकिनार कर नए रोगों को निमन्त्रण दे रहे हैं। समय की कमी कहें या आधुनिकता का तकाजा! मुंँह में लगे इस स्वाद का अंदाज बच्चे तो बच्चे बड़े लोग भी बर्गर, पिज़्ज़ा, पास्ता जैसे स्वाद के दीवाने हो गए हैं। कभी-कभी इस प्रकार के भोजन में कोई बुराई नहीं होती है पर अति से ज्यादा इसका प्रयोग करना खतरे की घंटी होती है। स्वास्थ्य के दृष्टि से बनाएं गए यह सभी प्रकार के खाना पोषण की दृष्टि से उचित नहीं है, इसमें ट्रांसफैट ज्यादा होता है जिसके कारण कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है और मैदे से बनी होने के कारण इसमें फाइबर की मात्रा ना के बराबर होती है इससे कब्ज जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसमें कृत्रिम रंगों की मिलावट होती है जिसकी वजह से एलर्जी वगैरह भी हो सकती है इसमें अजीनोमोटो, सोडियम ग्लूटामैट जैसे तत्व होते हैं जो ग्रोथ के लिए नुकसानदायक होते हैं। दूसरी गलत आदत चुइंगम और चॉकलेट होते हैं यह गलत नहीं है लेकिन इन से दांतों में सड़न होने लगती है शुगर फ्री चुइंगम से नुकसान नहीं होता बल्कि यह क्लींजर का काम करते हैं लेकिन इसके ज्यादा सेवन से मस्क्यूलर की समस्या हो सकती है साथ ही इसकी वजह से दांँत के एनामेल नष्ट हो जाते हैं।
आमतौर पर हम सांस लेते वक्त निचले फेफड़े का इस्तेमाल करते हैं और हमारा डायग्राम ऊपर नीचे मूव करता है यदि कमर की बेल्ट बहुत ज्यादा टाइट होती है तो ऊपर फेफड़ों द्वारा साँस लेनी पड़ती है इसे सांँस लेने में कठिनाई सिर दर्द या चक्कर आने की स्थिति आ सकती है। टाइट जींस व ट्राउजर्स महिलाओं की मांसपेशियों में गंभीर दर्द का कारण बन सकते हैं और जांघों में झनझनाहट या जलन हो सकती है, अतः इस तरह के कपड़े सेहत की दृष्टि से उचित नहीं है। टाइट जींस से पाचन क्रिया प्रभावित हो सकती है त्वचा पर खिंचाव हो सकता है जिससे इंफेक्शन की संभावना बढ़ जाती है टाइट जींस पहनने से पुरुषों में नपुसंकता का भी खतरा अधिक होता है। ऊंची हील की सैंडल आजकल स्टाइल का हिस्सा बन गई है इससे पूरी पर्सनैलिटी का लुक बदल जाता है लेकिन इसकी आदत या हमेशा इसे पहनना सेहत की दृष्टि से हानिकारक होता है इससे कमर और पंजों पर अनुचित दबाव पड़ता है और दर्द होता है लंबे समय तक इसका प्रयोग करने से रीढ़ की हड्डी भी प्रभावित होने लगती है। आजकल लोग मोबाइल अधिक प्रयोग करते हैं और रोजाना फ्री में घंटो बातें करते हैं लेकिन हर वक्त मोबाइल पर चिपके रहना भी स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं इसमे रेडिएशन का खतरा होता है जिसकी वजह से सिर दर्द की संभावना बढ़ती है। बहुत सी महिलायें पेन किलर यानी दर्द निवारक गोलियों का सेवन करती हैं किंतु इन गोलियों की आदत स्वास्थ्य की दृष्टि से उचित नहीं है लंबे इस्तेमाल के बाद इसके दुष्प्रभाव सामने आने लगते हैं साथ ही यह कुदरती दर्द निवारक क्षमता को भी पूर्ण रूप से खत्म कर देती है। कंप्यूटर का अधिक प्रयोग करना भी स्वास्थ्य की दृष्टि से सही नहीं होता इसका अधिक प्रयोग विजन सिंड्रोम का कारण बन सकता है लैपटॉप का अधिक प्रयोग करना प्रजनन अंगों पर अनुचित प्रभाव डाल सकता है क्योंकि लैपटॉप को अक्सर पैरों पर रखकर प्रयोग किया जाता है।
आधुनिक पीढ़ी प्यास लगने पर पानी की जगह कोल्ड ड्रिंक्स लेना पसंद करती है कोल्ड ड्रिंक्स हमारी हड्डियों के लिए स्वास्थ्य प्रति नहीं होते यह हड्डियों में कैल्शियम की मात्रा के अवशोषण में अवरोध पैदा करती है कोल्ड ड्रिंक्स दांतों की सेहत के लिए हानिकारक होती है और इसमें अत्यधिक मात्रा में शुगर होती है जिसे दांतों पर कोटिंग हो जाती है और फिर बैक्टीरिया उत्पन्न होते हैं इसे दांतों व मसूड़ों में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। आजकल सप्लीमेंट के रूप में रोजाना विटामिन पिल्स लेने का चलन बढ़ गया है पर इसे अत्यधिक मात्रा में इस्तेमाल करना सुरक्षित नहीं माना गया है सामान्य मल्टी विटामिन सुरक्षित होते हैं और कोई भी विटामिन की दवाइयां लेने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें। कई बार मोबाइल पर लोग गाने सुनते हैं ईयर फोन लगाकर जिसकी तेज आवाज की वजह से श्रवण शक्ति पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है कान के पर्दे भी क्षतिग्रस्त हो सकते हैं और कई तरह की बीमारियाँ भी जन्म ले सकती है इनसे बचने का प्रयास करें।
“फिट रहने के उपाय”
संतुलित फिटनेस रूटीन होना जीवन में कई महत्वपूर्ण कारणों से ज़रूरी होता है। यह आपके स्वास्थ्य और कुशलता को सुधारने में मदद करता है और आपको शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से संतुलित रखता है।अच्छा संगीत जरूर सुने। मन को शांत रखे। कुछ समय अपने शरीर को दीजिए और अच्छे स्वास्थ्य के लिए निम्न उपायों को जरूर अपनाए। शारीरिक स्वास्थ्य: संतुलित फिटनेस रूटीन आपके शारीरिक स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करता है। यह आपकी शारीरिक क्षमता, स्थायित्व, और सुचारू रूप से काम करने की क्षमता को बढ़ाता है। नियमित व्यायाम, सही आहार, और प्रशिक्षण संबंधी गतिविधियाँ आपके शारीरिक शक्ति, दिमागी ताजगी, और ऊर्जा को बढ़ाती हैं। मानसिक स्वास्थ्य: नियमित व्यायाम और ध्यान आपके मानसिक स्वास्थ्य को सुधारते हैं। व्यायाम स्ट्रेस को कम करने, मन को शांत करने, और मनोवैज्ञानिक रोगों से बचाने में मदद करता है। ध्यान आपकी मनशक्ति, ध्यान, और स्थिरता को बढ़ाता है और आपको स्पष्टि, स्थिरता, और अच्छी नींद के लिए मदद करता है। भावनात्मक स्वास्थ्य: संतुलित फिटनेस रूटीन आपके भावनात्मक स्वास्थ्य को सुधारता है। व्यायाम और मानसिक आयाम करने से आपकी स्वाभाविक खुशी और संतुष्टि के स्तर में सुधार होता है। यह आपको स्वस्थ रिश्तों, सकारात्मक मानसिक स्थिति, और अच्छे मानसिक संतुलन की ओर प्रवृत्त करता है। संतुलित फिटनेस रूटीन आपकी दिनचर्या में एक महत्वपूर्ण अंश होना चाहिए ताकि आप स्वस्थ, सुखी, और समृद्ध जीवन जी सकें। यह आपके शरीर , मन, और आत्मा के लिए संतुष्टि और समानता का संरक्षण करने में मदद करेगा।
पूजा गुप्ता
मिर्जापुर (उत्तर प्रदेश)