पर्यावरण दिवस पर रागिनी की कहानी

सुनीता बाजार से घर आती है सोनू को रोते हुए देखकर घबरा जाती है बेटा क्या हुआ सोनू फुट-फुट का रो रहा था मां गोदी में सर रखकर सिर पर हाथ फिरते हुए  प्यार से सोनू बेटा क्या हुआ । सोनू रोते हुए वह गमला नहीं है जिसमें मैं रोज पानी देता था 3 साल पहले मैंने लगाया था वह गमला कोई चुरा कर ले गया। अरे बेटा वह  तो मैंने दो नंबर वाले तिवारी अंकल को सुबह दे दिया जब तुम स्कूल गए थे पर क्यों मां अपने तो बोला था की बड़ा होकर  हमें छाया देगा ऑक्सीजन देगा निबोरी वाले फल देगा वह तो मैंने कभी खाएं भी नहींऔर मैं उसकी नीम की पत्ती भी रोज खाता हूं जिससे कि हर बीमारी से मे बचा रहता हूं  किसे पानी  दूंगा कोई बात नहीं बेटा  उन्हें ज्यादा जरूरत थी क्योंकि तिवारी अंकल के भाई को कैंसर हो गया है और उन्हें नीम की पत्ती को पीसकर दवाई में रोज प्रयोग करने के लिए बताया है आप परेशान मत हो मैं बाजार से आते समय नर्सरी से दो नीम के पौधे दो अमरूद के पौधे और दो आम के पौधे लेकर आई हूं जो अपने सामने वाले गार्डन पर लगाएंगे अगर तुम चाहो तो एक पौधा  गमले में भी लगा देंगे। बैरिकेड भी मंगवा लिए हैं की सुरक्षा के लिए पर आप को  रोज पानी देना है और उनकी देखरेख करना है जिससे हमारे साथ-साथ हमारे कॉलोनी के लोग भी पौधे बड़े होने पर उसका लाभ मिल  सके ।

अब तुम्हें एक पौधे की नहीं बल्कि   6 पेड़ों की सुरक्षा जिम्मेदारी है स्कूल से जाने के पहले पानी देकर जाओगे सोनू मां को गले लगाते हुए खुशी से झूम गया धन्यवाद देते हुए मेरी प्यारी मां मेरी अच्छी छोटी सी के बच्चे के मन में सवाल उठा पर मां पेड़ काटते क्यों है। समझाते हुए मां समझते हुए लोगों को लकड़ी की जरूरत होती है पत्तियों की जरूरत होती है जड़ों की जरूरत होती है अपनी सुविधा के लिए लोग ले जाते हैं लेकिन जो समझदार लोग हैं वह कभी जड़ से नहीं कटते उनकी डगाली का उपयोग करते हैं। हवा तूफान गिर गया तो एक पेड़ की जगह पर 10 लगते हैं। बड़े होकर आपको भी यही करना है। बड़े होकर नहीं मां अभी से मैं बड़ा हो गया हूं मैं 7 साल का हूं मां  अपने बताया था। पेड़ तो ऑक्सीजन देते हैं फल भी देते हैं पत्तियां  जड़ सभी उपयोग में आते हैं दवाइयां बनाने के प्रयोग में भी  लाई जाती है। हां बेटा इसलिए पेड़ लगाओ पेड़ बचाओ अपनी सुरक्षा औरों की सुरक्षा पीढ़ी की सुरक्षा यह संदेश घर घर पहुंचाआओ। सोनू पेड़ को हाथ में लेकर बगीचे की तरफ दौड़ गया। बोलते हुए जा रहा था पेड़ लगाओ पेड़ बचाओ यह संदेश घर घर पहुंचाओ।
रागिनी मिश्रा विदिशा मध्य प्रदेश

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