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साइबर जालसाजो से सामना-रोहित

रोहित मिश्रा

वैसे तो में सोशल मीडिया प्लेट फार्म का अधिक इस्तेमाल नहीं करता हूं, पर फिर भी कभी कभार फेसबुक लाइट डाउनलोड करके अपना फेसबुक एकाउंट देख लिया करता हूं, और फिर काम होने के बाद  फेसबुक एकाउंट को रिमूव भी कर देता हूं, ऐसे ही एक दिन मैंने अपना फेसबुक एकाउंट देखा, तो कुछ फ्रैंड रिक्वेस्ट आई हुई थी, उन रिक्वेस्ट में एक Olivia Smith नामक विदेशी महिला की भी फ्रैंड रिक्वेस्ट थी। मैंने उनके रिक्वेस्ट को स्वीकार कर लिया।  लगभग 9 दिनों बाद जब मैंने दुबारा अपनी फेसबुक एकाउंट खोला, तो देखा कि किसी का मैसेज आया था, मैसेज खोला तो वहीं विदेशी महिला ने hi से बातों की शुरुआत की मैंने भी उससे बातचीत की शुरुआत कर दी, उसने अपना परिचय प्लास्टिक सर्जन, मैनचेस्टर,यूनाइटेड किंगडम के तहत दिया, फिर उसने व्यस्तता का कारण बताकर यूके के कोड नंबर ±44 के तहत वाट्सएप नंबर पर संपर्क करने को कहा। अगर कोई महिला अपना वाट्सएप नंबर दे, और सामने वाला पुरुष उसे इग्नोर कर दे, तो ऐसा तो हो ही नहीं सकता, जबकि महिला विदेशी हो और पुरुष कुंवारा हो। मैंने भी झट से उसके दिए गए वाट्सएप नंबर पर संपर्क कर लिया।

अब उसने अपने परिवार की कुछ जानकारी दी जिसमें उसने बताया कि मेरे पिता की कार एक्सीडेंट में मृत्यु हो चुकी है। मेरी मां और एक बहन है। उसने मुझसे भी मेरी जानकारी मांगी, तो मैंने भी अपने परिवार की जानकारी दे दी। बातों का सिलसिला चलने लगा,गुड मार्निंग  और गुड नाईट से बात आगे बढ़ी, तो उसने दो तीन दिन में ही मुझसे अपने प्यार का इजहार कर दिया।ये बात मुझे कुछ ज्यादा हजम नहीं हुई, यहां तो मेरी एक के बाद एक शादी टूट रही थी, वहीं दूसरी ओर विदेशी लड़की बिना वीडियो काल और वाइस काल के बिना प्यार का इजहार कर रही थी। तभी मैंने निर्णय लिया कि इनकी फेसबुक आईडी चेक करनी चाहिए। मैंने इनका नाम Olivia Smith डालकर सर्च किया तो इनकी डीपी पर लगी फोटो जैसी ६ आईडी मिली। तब मुझे थोड़ा इन पर शंका हुई, वैसे मैंने इनको अपनी कोई विशेष जानकारी दी न थी। तभी दो दिन बाद उसने एक मेडिकल छुट्टी का पत्र दिखाया, और बताया कि मैं भारत घूमने आ रही हूं, और तुमसे मिलना चाहती हूं। अब वो वाट्सएप पर वाइस काल तो करने लगी थी, पर वीडियो काल करने पर वो व्यस्तता का बहाना बनाकर टाल देती थी‌। जब उसके मेडिकल लेटर को मैंने बारीकी से चेक किया, तो लेटर में दिनांक का कहीं जिक्र नहीं था। जबकि लेखन से जुड़े व्यक्ति पत्र व्यवहार की हर बारीकी से परिचित रहते हैं। उस लेटर में मोबाइल नंबर व ईमेल का भी जिक्र था। दोनों को चेक किया, तो नंबर के वाट्सएप की डीपी पर उसी महिला की फोटो थी, पर ईमेल आईडी पर कोई फोटो नहीं थी, ये नंबर, बातचीत नंबर से भिन्न था। शंका तो उस पर बनी हुई थी, पर ये भी था कि कहीं महिला की बात सही भी हुई तो हाथ में आया मौका गंवा दूंगा। उससे शंका का समाधान भी नहीं कर सकते थे, महिला सही होगी, तो नाराज़ हो जाएगी, गलत होगी तो उसको मालूम हो जाएगा कि उसका भेद खुल गया है। उसने दो हफ्ते बाद भारत आने की बात कही थी, तो मैंने कहां सही होगी तो दो हफ्ते बाद मुलाकात हो ही जाएगी, और गलत होगी तो दो हफ्ते बाद बातचीत बंद हो जाएगी। बीच बीच में वो अपनी दिलकश अदाओं वाली फोटो भेजती रहती थी। अब वो वाट्सएप के स्टेटस पर भी अपनी फोटो डालने लगी थी। वह देखना चाहती थी कि मैं उसको लेकर कितना रोमांचित हूं, बात काफि आगे बढ़ जाने के कारण व महिला पर शंका पैदा होने के कारण उसके मैसेज आने पर भी उसे तुरंत नहीं देखता था, बल्कि एकाद घंटे बाद ही देखकर जवाब देता था, असल में मैं उसके आने वाले दिन का इंतजार कर रहा था कि इसी बीच एक दिन उसने अपने बर्थडे की छोटी सी वीडियो मुझे भेजी। वीडियो को ध्यानपूर्वक तीन चार बार देखा तो कुछ सवाल उभर कर आ गये। वीडियो में कहीं भी उसकी मां नहीं थी, जबकि वह अपने मां के साथ वाली तस्वीर मुझे दिखाई थी। वीडियो एक छोटी सी पार्टी की थी जिसमें तकरीबन 15 – 20 लोग रहे होंगे, उसमें देखा कि एक आदमी उसके कंधे पर हाथ रखकर सहला रहा था। उसी दृश्य से फिर शंका उभर गर्ई, क्योंकि उसने बताया था कि उसका कोई ब्यायफ्रैंड अभी है नहीं, एक था, जिसने उसको धोखा दिया था। और कोई रिश्तेदार या सहकर्मी इस प्रकार से हाथ कंधे पर नहीं सहलाएगा। वो जरुर ब्यायफ्रैंड या पति रहा होगा। 
शुरुआत में जब बातचीत का सिलसिला शुरू हुआ था, तब उसने मुझसे पूछा था कि आप नशा तो नहीं करते हैं ? पर बीच में उसने एक फोटो पोस्ट कि जिसमें उसके कुछ दोस्त भी थे, पर टेबल पर ‘वाइन’ और ‘वोटका’ की बोतल भी रखी थी, जिसे वो हाथ से पकड़े हुए थी। इसी प्रकार फिर एक बार मेरी शंका उस पर उभर गर्ई। अब उसके प्रति उत्सुकता काफी कम हो गई थी। अब मैंने गुड मार्निंग व गुड नाईट कहना भी बंद कर दिया था। पर वो बातचीत जारी रखें थी। मतलब मैं अपनी तरफ से पहल नहीं करता था। तभी भारत पहुचने से चार दिन पहले उसने मुझे भारत वीजा का फोटो पोस्ट की, अब मैं उसके हर क्रियाकलापों की जांच करने लगा था। मैंने तुरंत उसके वीजा का फोटो भारतीय विदेश मंत्रालय के X पर टि्वट करके वीजा की प्रमाणिकता के बारे में जानना चाहा, पर तीन दिन तक कोई जवाब न आया। फिर भारत आगमन से एक दिन पहले उसने हवाई टिकट की फोटो भेजी। जिस पर उसका एक और मोबाइल नंबर व एक और ईमेल आईडी थी। इस नंबर पर उसकी फोटो के बजाए प्राकृतिक फोटो लगी हुई थी। ईमेल की डीपी पर भी कोई फोटो नहीं थी। मैंने उसे कोई आभास नहीं कराना चाहता था, दूसरे दिन का इंतजार करना ही बेहतर समझा। अब शाम को लंदन  हवाईअड्डे पर ली गई फोटो भेजी, कि मैं अब आ रही हूं। दूसरे दिन सुबह साढ़े दस बजे भारतीय नंबर से मेरे पास फोन आया कि हम भारत के मुंबई में स्थित यूनाइटेड किंगडम के दूतावास से बोल रहे ओलिविया स्मिथ को आर्थिक मदद की जरूरत पड़ गई है, अतः आप अपना बैंक का एकाउंट नंबर दे, मैं समझ गया कि ये पूरी तरह फ्राड है, मैंने साफ़ इंकार कर दिया। फिर फोन काट दिया।
इस घटना के बाद मैं समझ गया कि मैं बहुत बड़े जालसाजी गिरोह के पल्ले पड़ा था। पहला ऐसे गिरोह बातचीत के जरिए आप की जानकारी इकठ्ठा करके आपके बैंक खातो को खाली कर देते है। दूसरा प्रेम जाल में फँसाकर आपसे होटल बुक कराएगे, फिर बुकींग की डिटेल के जरिए आपकी डिटेल ले लेगे, फिर विदेशी नंबर के जरिए ही आप से फ्राड करेगे। तीसरा आपको वाट्सएप वाइस काल करके आपके आपके आवाज को रिकार्ड करके जालसाजी करेगे। ये वाट्सएप पर ही बातचीत करते  रहेगे, इनको लगा कि मैं अपने वाट्सएप नंबर से और की तरह आनलाइन पेमेंट करता हूँ, पर मैने इनको अपना निजी नंबर नही दिया था, तभी ये आखिरी दिन दूतावास अधिकारी बनकर एकाउंट नंबर माँगने लगे थे। ये एक अंतरराष्ट्रीय गिरोह था, जिससे मैं भगवान की दया लूटने से बच गया था।
रोहित मिश्र, प्रयागराज

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