मेरी दृष्टि-ओम जी मिश्र’अभिनव’

मेरी दृष्टि-ओम जी मिश्र’अभिनव’

साहित्य सरोज पत्रिका द्वारा आयोजित गोपाल राम गहमरी पर्यावरण सप्ताह

सम्मान्य प्रतिभागियों आपको सादर अवगत कराना है इस सम्पूर्ण आयोजन की परिकल्पना एवं क्रियान्वयन करने वाले श्री अखंड गहमरी अपने संकल्प पर दृढ़ रहने वाले वर्षों से बिना किसी से आर्थिक सहायता लिए वर्षपर्यंत साहित्यिक गतिविधियों का संचालन करनेवाले अत्यंत उत्साही युवा हैं वे जहाँ एक अच्छे कवि एवं लेखक हैं वहीं एक अत्यंत विनम्र एवं सेवाभावी हैं अनुशासनप्रिय भी हैं।वे जिस अनुशासन का पालन करते हैं अपेक्षा करते हैं कि उनसे जुड़ा हर व्यक्ति महिला अथवा पुरुष अनुशासित रहे ।आयोजक द्वारा दी गई सूचनाओं को गम्भीरता से लें व तदनुसार अपनी गतिविधि करें किन्तु इस सम्पूर्ण आयोजन में मुझे समूह से जुड़े सदस्यों में एक उदासीनता का अनुभव हुआ।यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है।जो आपको निरन्तर यथोचित सम्मान दे रहा है आप उसी की उपेक्षा करें क्या यह उचित है स्वयं से प्रश्न करें। अखंड गहमरी के लिए बस इतना ही कहूँगा कि–
वो तो दरिया है कोई राह बना ही लेगा
आप पत्थर हैं बता दीजिए किधर जाएंगे।

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