कहानी संख्या -03, गोपालराम गहमरी कहानी प्रतियोगिता -2024,
अरी ओ अनिता कुलटा -कुल्लछिनी कहाँ से आ रही है? “शादी के इतने साल बाद तूने अपने लच्छन दिखाने शुरू कर दिए। घर मे तो बहुत संस्कारी बहू बनती घूमती है। मेरी बेटी तुझे भाभी माँ -भाभी माँ कहते नहीं थकती है। तुमने क्या जादू कर दिया है उसके ऊपर?” कभी -कभी मैं सोचती हूँ कि इस बार बेटे के साथ क्यों नहीं गई तुम। जब वो यहाँ पर था तो उसके आगे – पीछे घूमती रहती थी, कमरे के बाहर नहीं निकलती थी। लेकिन जब वह नौकरी पर तुझे साथ चलने को कहा तो तुमने साफ मना कर दिया कि तुम इस बार उसके साथ नहीं जाओगी। मैं भी बावरी नहीं समझ पाई थी —- अब मेरे समझ में आई कि तुझे अब नया यार चाहिए था इसलिये मेरे बेटे के साथ नहीं गई तुम -इसीलिए मेरी गैरमौजूदगी में छैल छबीली बनकर घर से निकल जाती है।
अनीता की सास उसपर आरोप पर आरोप लगाये जा रही थीं।क्या हुआ माँ जी आप ये क्या कह रही हैं?बहू अनिता ने सहज भाव से अपनी सास रमा देवी से कहा-“ज्यादा भोली मत बनो! मिसेज शर्मा ने तेरे बारे में सब बताया है —कि तू कहाँ-कहाँ जाकर गुलछर्रे उड़ाती है। सिनेमा देखने जाती है, माल औऱ न जाने कहाँ -कहाँ —आज तो मैंने भी तुझे एक आदमी के साथ होटल के बाहर देखा।”अनिता चुपचाप अपने कमरे में जाने लगी।
सास रमा देवी- “तुम्हें अब इस घर में रहने की जरूरत नहीं है —जाओ अपने मायके ,तुम्हारे माँ बाप को भी तो तुम्हारे करतूतों के बारे में पता चले कि लड़की को कैसे संस्कार दिये हैं —
“मैं तुम्हें एक मिनट नहीं बर्दाश्त कर सकती इसी वक्त तुम घर छोड़कर चली जाओ नहीं तो तुम्हारे साथ मेरी बेटी कलिका भी बिगड़ जएँगी जाने क्या जादू फेर दिया है उसके ऊपर भाभी माँ -भाभी माँ कहते हुए तुमसे चिपकी रहती है। तुम्हारे खिलाफ एक शब्द भी सुनना नहीं चाहती।” तुम्हारी बातें बेटे को बताने को कहती हूँ तो कहती है भाभी माँ के बारे के कुछ भी उल्टा सीधा मत कहो किसी से —-नहीं तो मैं अपनी जान दे दूँगी।”
सास रमा ने अपना रौद्र रूप धारण कर लिया और वह अनिता को धक्के मारकर घर से बाहर निकलने लगीं।उनकी बेटी कलिका भी घर मे नहीं थी। अनिता हाथ जोड़कर कहती है- “माँजी मुझे दो दिन का समय दीजिये। मेरे माँ पिताजी तीर्थ यात्रा पर गए हैं।वे दो दिन बाद आ जाएंगे तो मैं यहाँ से चली जाउँगी।”
वह गिड़गिड़ाती रही लेकिन रमा देवी ने उसे घसीट कर घर से बाहर कर दिया और अंदर से दरवाजा बंद करने जा रही थीं तभी उनकी बेटी कलिका आ जाती है और उसे भाभी की हालत को देखकर बहुत दुख होता है। वह उन्हें को घर के अंदर ले जाती है।कलिका – “भाभी मुझे माफ़ कर दो, मेरे कारण आपको माँ से इतना कुछ सुनना पड़ा, आज तो उन्होंने हद ही कर दी। आज आप अगर चली जातीं तो मै कहीं मुँह दिखाने लायक नहीं रहती।”
अनीता – “तुम परेशान मत हो कलिका मैं तुम्हें उस शैतान की चंगुल से निकाल कर ही यहाँ से जाऊँगी।”रमा देवी कुछ समझ नहीं पाती हैं । वह बेटी के ऊपर भी गुस्सा करने लगती हैं तब कलिका उनसे कहती है- “माँ अब मैं आपको बताने जा रही हूँ कि कुलटा कौन है इस घर में?” अनिता-“कलिका क्या कर रही है चुप कर कुछ भी मत बोलना सब ठीक हो जाएगा।”
कलिका-”नहीं भाभी माँ अब मैं चुप नहीं रह सकती। “जब मैं दुष्ट नीतीश के झूठे प्यार के चंगुल में फँसकर अपना सबकुछ गँवा बैठी और आत्महत्या करने जा रही थी तो आपने मुझे बचाया । आपने मुझे समझाया और सहारा दिया।”
अपने गहने बेचकर पाँच लाख रुपये देकर उसके चँगुल से भी बचाया लेकिन वह अभी भी मुझे ब्लैकमेल कर रहा है। उसने अभी तक सारे अश्लील वीडियो और फ़ोटो नहीं डिलीट किये हैं अपने मोबाइल से जो कि एकदम फर्जी और झूठे हैं। जिसके लिए आप उसके पास जाती हैं। वो आपसे और पैसे माँग रहा है ये बात आपने भैया से भी नहीं बताया न ही पुलिस को ताकि मेरी और इस घर की बदनामी न हो। आप इसलिए इस बार भैया के साथ कानपुर भी नहीं गईं। मेरी करतूतों की सजा आपको मिल रही है। मैं बदनामी सह लूँगी पर आपको यहाँ से नहीं जाने दूँगी।”
तभी दरवाजे पर दस्तक होती है रमा देवी पुलिस को देख कर घबरा जाती हैं। “अनीता शर्मा यहीं पर रहती हैं?– “पुलिस द्वारा पूछने पर वह अपनी बेटी के लिये चिंतित होती हैं शायद पुलिस को उनकी बेटी के बारे में उस लडके ने कुछ गलत शिकायत कर दी होगी या कुछ नई साजिश रचा होगा इसलिये पुलिस उसे लेने आई होगी लेकिन ये लोग अनीता को क्यूँ पूछ रहे हैं -”हे भगवान कहीं मेरी बेटी अनीता को बचाने के लिये झूठ तो नहीं बोल रही है उनकी कुछ समझ में नहीं आ रहा था -वह दोनों को शक कि नज़र से देखती हैं।”
अनीता – “जी मैं ही अनीता हूँ।पुलिस कांस्टेबल – “मैडम आपने एक ब्लैमेलर के खिलाफ़ एफ. आई, आर दर्ज करवाया था। आपके बताये गये पते पर हमने एक ब्लैकमेलर को अरेस्ट किया है। आपको पुलिस स्टेशन चलना होगा उसकी पहचान करने के लिये। उसके पास से कुछ अश्लील फोटो औऱ वीडिओ भी बरामद हुये हैं। ” अनीता औऱ कलिका पुलिस के साथ जाने लगती हैं तो रमा देवी भी जिद करके उनके साथ पुलिस स्टेशन जाती हैं। कलिका और अनीता उसे पहचान लेती हैं। उसके खिलाफ पुख्ता केस बन जाता है।
पुलिस इंस्पेक्टर – “अनीता जी आज आपके कारण इतना शातिर बदमाश पकड़ा गया है भोली भाली लड़कियों को फँसा कर अश्लील वीडियो बनाकर उन्हें ब्लैक मेल करना ही इसका धंधा था। अपनी बेइज्जती के डर से कई लड़कियों ने आत्महत्या तक कर ली।”इंस्पेक्टर कलिका की तरफ़ देखते हुये – “आप किस्मत वाली थीं जो इनके कारण बच गईं।अब अपना ध्यान रखना, किसी के बहकावे में मत आना।” रमा देवी का मुँह देखने लायक था। उन्हें अपने किये पर बहुत पछतावा हो रहा था।वे आँखों में आँसू भरकर अनीता को गले से लगा लेतीं हैं।
स्नेह लता पाण्डेय”स्नेह”, गाज़ियाबाद -उत्तरप्रदेश,85100 19424