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ओएलएक्स पर ठगी-नरेन्‍द्र कुमार

ओएलएक्स (OLX) एक ऐप है। जिस पर लोग अपने पुरानी वस्तु के क्रय-विक्रय के लिए पोस्ट कर संपर्क में आते हैं। इसे बनाने वाले की इच्छा भी यही रही होगी पर इस पर आज लोग अपने नई वस्तुएं भी क्रय-विक्रय के लिए पोस्ट कर रहे हैं। यह ऐप कैसे काम करता है। इस पर हम चर्चा नहीं करेंगे। ठग इसे कैसे इस्तेमाल में ला रहें हैं। इसके कुछ प्रकार को हम यहाॅं संक्षिप्त में जानेंगे।  आप सही व्यक्ति हैं और आप अपनी कोई वस्तु बेचना चाहते हैं। जैसे ही आप ओएलएक्स पर पंजीयन कर अपनी वस्तु का विवरण चढ़ाते हैं और जब वह ऐप पर पोस्ट हो जाती है। ठग आप को तुरंत टारगेट करते हैं। वह आप से यथाशीघ्र सम्पर्क करते हैं। वस्तु को खरीदने की इच्छा व्यक्त करते हैं। वह आपको आपकी वस्तु का मूल्य भुगतान करने के लिए कहते हैं और वह आपका मोबाइल नम्बर और यू पि आई आई डी (UPI  ID) मांगते हैं। अगर आप जल्दबाजी करते हैं तो आप फस जाते हैं। वह आप को पे न कर के पे रिक्वेस्ट भेजते हैं और आप को एक्सेप्ट करने के लिए कहते हैं। उनको आपके पास से पैसा चला जाता है और आप ठगे जाते हैं। कभी कभी वे आपको पैसा पे का झूठ मेसेज और पे का स्क्रीन शॉट भेजने के बाद कहते हैं मुझे यह सामान नहीं लेना, मुझे मेरा पैसा लौटा दिजीए। आप अपने बैंक खाता में शेष राशि नहीं देखते और सीधे उन्हें यू पि आई कर ठगे जाते हैं। यह दो तरीके खरीदने वालों द्वारा उपयोग में लाये जा रहें हैं।    
            अगर आप क्रय करने वाले हैं तो भी आप ठगी का शिकार हो सकते हैं। इसमें जब आप विक्रेता के सम्पर्क में आते हैं। जब वस्तु का मूल्य निश्चित हो जाता है तब विक्रेता द्वारा आपसे कुछ पैसा मांगा जाता है, जिससे यह सौदा निश्चित समझा जाए।  इसके साथ ही अगर आप दूर हैं तो कहेगा इसका डाक खर्च दिजिए हम डाक से भेज देते हैं। आपको सामान जब मिल जाएगा और आपको सही लगेगा तथा जब आप उसे रखेंगे तो मूल्य भुगतान कर दीजिएगा। अन्य बहाने भी बनाये जाते है जैसे बीमार हूॅं या कोई रिश्तेदार बीमार है, बहुत जरूरी काम है कृपया कुछ पैसा भेज दिजीए। अगर आप इनकी बातों में आ जाते हैं और भुगतान कर देते हैं तो आप ठगे जाते हैं।   वर्तमान में ठगी का एक और तरीका प्रचलित हो रहा है। इसमें विक्रेता अपना सामान जो बेचने के लिए लगाया है और उससे आप खरीदते हैं। वह उस सामान को ईएमआई EMI पर लिया रहता है। इसमें वह कई बार ऐसे व्यक्ति का पैन, आधार कार्ड का उपयोग करता है। जिसे बैंकिंग सुविधा से कोई खास मतलब नहीं रहता है। जब आप उस गेजेट्स को खरीदते हैं तो वह उसका कुछ ईएमआई नहीं भरता आपका गेजेट्स लाॅक हो जाता है और काम करना बंद कर देता है।  उस लाॅक को खुलवाने के लिए आप कभी कभी अनमने मन से भुगतान कर देते हैं। इसमें भी आप तय मुल्य से कुछ राशि ठगे जाते हैं। देखने में आया है कि इस प्रकार का व्यक्ति आनॅलाइन या खाता में पैसा नहीं लेता है। बहुत बार ऐसा भी देखा गया है जो ठग है, क्रेता या विक्रेता कोई भी। वह कभी-कभी अपने आप को फौजी बताता है जिससे लोगों का विश्वास जीत सके। इसमें कुछ खास प्रकार के पेशेवर और प्रतिष्ठित लोग भी हिस्सा ले रहे हैं। वे आप से बोलेंगे मैं इसे ईएमआई पर लिया हूॅं। सिविल अच्छा बनाने के लिए जो आप को समझ नहीं आएगी, मैं डॉक्टर हूॅं मेरा क्लिनिक है, मैं कहाॅं जाऊंगा, आप विश्वास किजिए। वे ऐसा कह सकते हैं या उनकी वस्तु स्थिति देख आप ऐसा सोच सकते हैं। आप को किसी भी चमक दमक पर विश्वास नहीं करना चाहिए। इसमें विशेष कर मोबाइल और गाड़ी होती है। गाड़ी जिसे फाइनेंसर खिंच कर ले जाता है। मोबाइल जो बंद हो जाता है। फिर आप अपना लाभ हानि और समय की जरूरत को देखते हुए। इस  ईएमआई को न चाहते हुए भी भुगतान कर देते हैं।  आपको ओएलएक्स या अन्य ऐप्स पर क्रय-विक्रय पर विशेष सावधानी रखनी चाहिए। कोई भी हो आप उसकी बात पर आंख बंद कर विश्वास नहीं कर सकते हैं।


नरेन्द्र कुमार
बचरी (तापा), अंखगाॅंव,  संदेश, भोजपुर (आरा) बिहार-802161
वार्ता सूत्र:- 8584000923

        

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