बाबा अमरनाथ बाबा केदारनाथ जब मैं गया तों मन में एक विचार बार बार आता था बाबा ऐसे दुर्लभ स्थान पर एकांत प्रकृति सोन्दर्य में ही क्यों आएं होंगे! ऐसा ही एक स्थान देवास शहर से 7 किलोमीटर दूर नागदा कस्बे में है कहते हैं नागदा जो कभी एक समृद्ध कस्बा था पोराणिक महत्व का महाभारत काल के कई अवशेष यहां से प्राप्त हुए हैं यही से नागधम्न नदी का उद्गम स्थल है यही पर महाभारत काल के महारथी अर्जुन के पौत्र अभिमन्यु के पुत्र राजा परीक्षित के पुत्र जन्मेजय ने श्री सिद्ध विनायक गणेश मन्दिर का निर्माण करवाया था ऐसे ही कई। पोराणिक इतिहास के महत्व को अपने आप में समेटे नागदा कस्बा है किन्तु समय के साथ ही एवं सड़क मार्ग से सम्पर्क न होने से एवं पास ही देवास कस्बा मुम्बई आगरा मार्ग पर होने से देवास शहर समृद्ध होने लगा और नागदा उपेक्षा का शिकार यहीं नागदा कस्बे का दुर्भाग्य रहा नागदा से तिन किलोमीटर दूर जंगल में पहाड़ प्रकृति के अनुपम सौंदर्य को अपने आप में समेटे हुए है जंगल और पहाड़ कई किलोमीटर तक फैले हैं यहां जंगली जानवर का भय भी सदा बना रहता है।
कुछ माह पुर्व यहां शेर आ जाने से हड़कंप मच गई थी प्रशासन को शेर पकड़ने में करोड़ों रुपए खर्च करने पड़े पर शेर हाथ नहीं लगा शेर के साथ ही नीलगाय जंगली सुअर का आतंक देखने को मिल जाया करता है। किसान भाई इससे बहुत परेशानी में रहते हैं और ऐसा ही भय शिव भक्तों को भी रहता है यही कारण है कि सूर्य अस्त के बाद *केदार खोह* कोई आता जाता नहीं है जैसे जैसे हम केदार खोह के करीब जाते हैं प्रकृति का सोन्दर्य वन पहाड़ मन मोह लेते हैं करीब जाने पर पैदल ही पहाड़ी चढ़नी होती है जो लगभग दौ सो फिट ऊंचा होंगी वहां पर केदार खोह नामक स्थान है यही अज्ञात समय से शिवलिंग है शिवलिंग पर लगभग पिचहतर से सो फिट उंचाई से एक झरना गिरता है और शिवलिंग का जल अभिषेक करता है। जो देखने में अद्भुत मनोहारी प्रकृति वातावरण से ओतप्रोत है वन पहाड़ के मध्य यह केदार खोह भक्तों के लिए आलोकित आनंद मस्ती उत्साह के साथ शांति सगुन प्रदान करतीं हैं। यह ऐतिहासिक महत्व का स्थल उपेक्षा का शिकार हैं यहां आने जाने के लिए कोई मार्ग नहीं है पहाड़ पर भी अपने विवेक से चढ़ना होता है। यही कारण है कि यहां अधिकतर युवा वर्ग ही जाता है बच्चे और बुजुर्ग के लिए यहां कोई सुविधा नहीं है यदि स्थानीय लोग रुचि ले और प्रशासन पर इस क्षेत्र के विकास विस्तार को अग्रसर हों तों यकिन मानिए एक दिन यह पुरा नागदा कस्बा एक समृद्ध खुशहाल हो सकता है।15 से 20 किलोमीटर का यह क्षेत्र आपने वैभवशाली गौरवशाली इतिहास को जागृत कर सकता है नव रोजगार सृजन हो सकता है एकं धार्मिक इतिहास स्थल के रुप में पुनः स्थान पा सकता है।
कुछ माह पुर्व यहां शेर आ जाने से हड़कंप मच गई थी प्रशासन को शेर पकड़ने में करोड़ों रुपए खर्च करने पड़े पर शेर हाथ नहीं लगा शेर के साथ ही नीलगाय जंगली सुअर का आतंक देखने को मिल जाया करता है। किसान भाई इससे बहुत परेशानी में रहते हैं और ऐसा ही भय शिव भक्तों को भी रहता है यही कारण है कि सूर्य अस्त के बाद *केदार खोह* कोई आता जाता नहीं है जैसे जैसे हम केदार खोह के करीब जाते हैं प्रकृति का सोन्दर्य वन पहाड़ मन मोह लेते हैं करीब जाने पर पैदल ही पहाड़ी चढ़नी होती है जो लगभग दौ सो फिट ऊंचा होंगी वहां पर केदार खोह नामक स्थान है यही अज्ञात समय से शिवलिंग है शिवलिंग पर लगभग पिचहतर से सो फिट उंचाई से एक झरना गिरता है और शिवलिंग का जल अभिषेक करता है। जो देखने में अद्भुत मनोहारी प्रकृति वातावरण से ओतप्रोत है वन पहाड़ के मध्य यह केदार खोह भक्तों के लिए आलोकित आनंद मस्ती उत्साह के साथ शांति सगुन प्रदान करतीं हैं। यह ऐतिहासिक महत्व का स्थल उपेक्षा का शिकार हैं यहां आने जाने के लिए कोई मार्ग नहीं है पहाड़ पर भी अपने विवेक से चढ़ना होता है। यही कारण है कि यहां अधिकतर युवा वर्ग ही जाता है बच्चे और बुजुर्ग के लिए यहां कोई सुविधा नहीं है यदि स्थानीय लोग रुचि ले और प्रशासन पर इस क्षेत्र के विकास विस्तार को अग्रसर हों तों यकिन मानिए एक दिन यह पुरा नागदा कस्बा एक समृद्ध खुशहाल हो सकता है।15 से 20 किलोमीटर का यह क्षेत्र आपने वैभवशाली गौरवशाली इतिहास को जागृत कर सकता है नव रोजगार सृजन हो सकता है एकं धार्मिक इतिहास स्थल के रुप में पुनः स्थान पा सकता है।
कुंदन पाटिल देवास
129, नयापुरा मराठा समाज देवास मध्य प्रदेश पिन 455001
मोबाइल नंबर 9826668572
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