सेवा में
मेरी जान
लव यू लॉट।
जब से तुम्हें देखा मैं अपना दिल हार बैठा। रात की नींद और दिन का चैन खो बैठा। सरकारी नौकरी वाली अच्छी खासी जिंदगी चल रही थी, अब तो उल्लुओं-सी तुम्हें ताकते हुए कट रही है। यकीन मानो सच कह रहा हूँ तुम्हारे दीदार के डे वन से आज तक ऐसा पल नहीं बिता, जब तुम्हें याद न किया हो। तुम्हारी आकर्षक कलेवर, सुंदर अंग-सज्जा और हार्डबॉडी देख मैं अब अपने होशोहवास में नहीं हूँ।
ईश्वर का क्या शुक्रिया अदा करूँ, मैं तो तुम्हारे मम्मी-पापा की आजीवन पूजा करूँगा बस शर्त यही है कि वे तुम्हारा हाथ मेरे हाथ सौंप दें। वादा है मेरा, रोज सुबह मैं तुम्हारी ठीक वैसी पूजा करूँगा जैसे मैं अपनी लाईब्रेरी की अलमारियों में सजी पुस्तकों की करता हूंँ।
और हाँ, तुम्हारी सुरक्षा हार्डबांड बुक की तरह ही करूँगा। दीमक से बचाने नियमित अंतराल पर जैसे पुस्तकों की अलटी पलटी करता हूंँ। वैसे ही लाइफ बोरिंग होने से बचाने के सैर सपाटा कराऊँगा। तुम्हारे साथ लाइफटाइम रिचार्ज करते हुए दो नये एडिशन लॉन्च करूँगा। आशा है मेरा ये प्रपोजल एक्सेप्ट होगा। स्वीकृति की सूचना व्हाट्सएप पर अपेक्षित है। मोबाइल नंबर लाइब्रेरी के नोटिस बोर्ड पर अंकित है।स्वीकृति मिलते ही मेरे पापा ससुर जी मिलने जाएँगे।
स्वीकृति का आकांक्षी
यूवर डियर लाइब्रेरियन
डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा
एकेडमिक लाइब्रेरियन
छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम
ऑफिस कॉम्प्लेक्स, सेक्टर-24
ब्लाक-बी, नया रायपुर, अटल नगर, रायपुर