Breaking News

नई पीढ़ी भूलती जा रही है गोपालराम गहमरी को, सरकार भी उदासीन- अखंड गहमरी

साहित्य सरोज पत्रिका एवं गहमर वेलफेयर सोसाइटी द्वारा भारत महोत्सव लखनऊ के मंच पर प्रसिद्ध जासूसी उपन्यासकार गोपालराम गहमरी की स्मृति में एक शाम गोपालराम गहमरी कार्यक्रम का आयोजन हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कैप्टन के के सिंह थे।
इस अवसर पर साहित्य सरोज पत्रिका के संपादक अखंड प्रताप सिंह ने कहा कि भारत मे़ं गोपाल राम गहमरी जासूसी उपन्यास लेखन के जनक थे। उन्होंने भारत की पहली जासूसी पत्रिका जासूस का प्रकाशन गहमर गांव से शुरू किया।आज भारत में जासूसी लेखकों की कमी सी आ गई है। जबकि भारत में जासूसी कहानीयों पर बनने वाली फिल्मों का व्यवसाय 500 करोड़ रूपये से अधिक का है।
वही पत्रिका के सह संपादक ओम जी मिश्र ने कहा कि वैश्य कुल गौरव कहे जाने वाले गोपालराम गहमरी पर सरकार का कोई ध्यान नहीं। सरकार और साहित्यिक संस्था भी उनके नाम पर कोई कार्य नही कर रही है। जिससे नई पीढ़ी उनके नाम और काम को भूलती जा रही ।
पत्रिका की सहायक सम्पादिका श्रीमती रेनुका सिंह ने कहा कि साहित्य सरोज पत्रिका गोपालराम गहमरी के नाम विगत 10 वर्षों से गोपालराम गहमरी पर आयोजन कर देश विदेश के साहित्यकारों के प्रतिभा प्रदर्शन एवं सम्मान देने का काम कर रही।वह अब शार्ट फिल्मों एवं नुक्कड़ नाटकों के मंचन से उनके नाम को फैलाने का प्रयास कर रही है। और जासूसी कहानियों एवं संस्मरण लेखन पर कार्यशाला कर रही है।
गोपालराम गहमरी पर बोलते हुए गीताश्री के अध्‍यक्ष राजनारायण गुप्‍त कैमी जी ने कहा कि कुछ दिन पूर्व गोपालराम गहमरी पर गीताश्री के वार्षिक उत्‍सव में गोपालराम गहमरी पर विशेष सत्र रखा गया। गोपालराम गहमरी को सामान्‍य भाषा में सस्‍पेंशन बनाये रखने में महारात हासिल थी। गीताश्री उनके नाम पर पूरे देश में कार्यक्रमों के माध्‍यम से नई पीढ़ी को उनसे जोड़ने का कार्य करेगी।
कार्यक्रम की शुरूआत सीतापुर से आई सुमन मनीष मिश्रा ने वाटिका में खड़े थे प्रभू राम से किया। काव्‍यपाठ में हरदोई से आये गगनांचल तिवारी गगन ने हम सत्‍य सतातन वाले हैं, प्रयागराज से आये विनोद कुमार राय ने पापा की गुनगुन, सीतापुर से आई नवनीत मिश्रा नवल ने कह दिया सच तो हमसे खफ़ा हो गये। लखनऊ कि किसलय दुबे ने शक्ति ही शक्ति है कविता का पाठ किया। मिर्जापुर से आये राजरायण गुप्‍त कैमी जी जिस धरा पर देवता भी जन्‍म लेने को तरसते है सुना कर माहौल भक्ति मय कर दिया। मऊ से आये शशि कुमार वर्मा ने हास्‍य हास्‍य कविता एक और दिलाता हूँ चुनचुन कर सुनाया। कविता पाठ में लखनऊ की आरती वाजेपई जी, संजय सरस, प्रीति शुक्‍ला, वंदना पाल एक प्रेम गीत सुनाया। कवि सम्‍मेलन का संचालन राम भोले शर्मा पागल जी ने और आभार साहित्‍य सरोज के सपांदक अखंड गहमरी ने किया।

About sahityasaroj1@gmail.com

Check Also

गोपालराम गहमरी की स्‍मृति में साझा संग्रह का प्रकाशन अंतिम तिथि 22 अक्‍टूबर

गोपालराम गहमरी की स्‍मृति में साझा संग्रह का प्रकाशन अंतिम तिथि 22 अक्‍टूबर

गोपालराम गहमरी की स्‍मृति में साझा संग्रह का प्रकाशन भारत में जासूसी उपन्‍यास और जासूसी …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *