ब्रह्मनाथ पाण्डेय की कहानी पीपल

साहित्‍य सरोज कहानी प्रतियोगिता 2025, कहानी पर कमेंट जरूर देंं।
महातम लाल अपने समय के बड़े मशहूर आदमी रहे। क्षेत्र में उनका बोलबाला रहा। हर कोई उन्हें नाम और चेहरे से पहचानता था। उनका एक बेटा था जिसका नाम रोहन था। वह भी अपने पिता के नक्शेकदम पर चल रहा था। एक रात की घटना है जब रोहन गहरी नींद में था। रात ॲंधेरी थी। चारो ओर सन्नाटा पसरा हुआ था। रात्रिचर जीवों की आवाज इस सन्नाटे को चीरती थी। रोहन पूरी नींद में था। वह एक सपना देखता है। कुछ लोग हाथों में कुल्हाड़ी लिए जंगल की तरफ जा रहे हैं। एक दूसरे से कह रहे हैं कि आज कम से कम पीपल के दस वृक्षों को काटना है। सभी एक स्वर से कहते हैं ” हाॅं- हाॅं ” कम से कम दस वृक्षों को काटना है। इससे कम काटेंगे तो हम लोगों का लक्ष्य कैसे पूरा होगा? कुछ देर शांत रहने के बाद फिर एक बोलता है कि अगर कोई देख ले तो क्या होगा? बड़ी फजीहत होगी। एक दूसरा कहता है कि चलो देखेंगे। जो भी होगा देखा जाएगा। सभी जंगल की तरफ कदम बढ़ाते जाते हैं। वहाँ पहुँचकर सभी एक वृक्ष पर लगातार कुल्हाड़ी से वार पर वार करना शुरू कर देते हैं। एक एक करके नौ वृक्षों को काट डालते हैं। उनकी शाखाएँ, टहनी सबको अलग- अलग करके वाहन पर लादकर कहीं भेज देते हैं। उसके बाद दसवें वृक्ष की बारी थी। वह सबसे मजबूत और दृढ़ इच्छा वाला था। एक मोटा तगड़ा आदमी पहला प्रहार करता है। यह सब नजारा रोहन अपने सपने में देख रहा है। उसे बड़ा कष्ट हो रहा है उन वृक्षों को कटता हुआ देखकर। जैसे- जैसे कुल्हाड़ी का वार होता है वैसे- वैसे उस वृक्ष की आत्मा घायल होती जाती है। अचानक आकाशवाणी होती है ” रुक जाओ- रुक जाओ ” इन पीपल के वृक्षों को मत काटो। इनकी रक्षा करने के बजाय इन्हें काट रहे हो। यह तो बड़ा पाप है। ” वही आकाशवाणी रोहन को अपने सपने में सुनाई देती है। वह आगे सुनता है ” रोहन, तुम तो प्रकृति के पुजारी हो। अगर तुम जैसे लोग चुप रहेंगे तो प्रकृति की रक्षा कैसे हो सकेगी। ” यह सुनकर रोहन व्यथित हो जाता है। वह उठ बैठता है। और आकाशवाणी पर विचार करने लगता है। वह निर्णय लेता है कि कल सुबह गाँव के मुखिया जी के पास जाकर यह सारी घटना यथावत बताऊँगा। सुबह होने पर वह तैयार होकर मुखिया जी जिसका नाम रघुवीर है, के पास जाता है। और जैसा कुछ सपने में देखा था, सबकुछ साफ- साफ बता देता है।  गाँव का मुखिया घटना वाले स्थान पर जाने का निर्णय लेता है। जाकर देखता है। सबकुछ वैसा ही पाता है जैसा कि रोहन ने बताया था। रघुवर और रोहन अपने अपने घर वापस आते हैं। उसके दूसरे दिन मुखिया गाँव के लोगों के सामने यह बात रखता है कि हम सबको इन पीपल के वृक्षों को हरहाल में बचाना है। वह लोगों से प्रतिज्ञा करवाता है। प्रतिज्ञा-” हम इस बात की प्रतिज्ञा करते हैं कि जबतक जीवन है तबतक इन वृक्षों की रक्षा करेंगे। जितना भी हो सकेगा, इनके पौध रोपेंगे।” पीपल हमारी परम्परा और संस्कृति का पवित्र और सनातन स्वरूप है। इसका हमारे जीवन में बड़ा महत्व है। इसके सभी अपने- अपने घरों को वापस हो जाते हैं। कुछ दिन बाद उसी घटना की पुनरावृत्ति होती है। इस बार कुछ पकड़े जाते हैं। उनपर मुकदमा होता है और अंततः हवालात में चले जाते हैं। ऐसे कृत्य करने वालों के मन में डर पैदा हो जाता है। फिर धीरे- धीरे क्षेत्र में पीपल के वृक्षों की संख्या बढ़ने लगती है। हरियाली में वृद्धि होती है।
क्षेत्र में हरियाली फैलती चली जा रही है। धरती मगन हो रही है। धरती माँ का हृदय गदगद है। वह अपने प्यारे पुत्रों को आशीर्वाद दे रही है। आकाश मंडल से देवता भी यह दृश्य देखकर प्रफुल्लित हैं। जितने भी इस पवित्र काम में सहयोग किये हैं, देवता उन्हें आशीर्वाद दे रहे हैं। भगवान वासुदेव भी आह्लादित हैं। इसके बाद रोहन जो सपने में वृक्षों को कटता हुआ देखकर मुखिया रघुवीर से इस कार्य को करने के लिए निवेदन किया था, उसकी चतुर्दिक प्रशंसा हो रही है। सरकार भी उसे प्रशस्ति- पत्र देकर उसे गौरवान्वित किया है। उसका मान- सम्मान बढ़ता जा रहा है। सामाजिक स्तर ऊपर उठ रहा है। यह एक ऐसी घटना है जिसकी आरंभिक घटना की जितनी निंदा की जाय वह कम ही होगा। और रोहन के प्रयास की जितनी प्रशंसा की जाय वह कम से कमतर होगा। हमारे धार्मिक ग्रन्थों में पीपल के महत्व पर बहुत व्यापक लिखा गया है। यह हमें प्राणवायु देते हैं। अतः हमारा नैतिक कर्तव्य है कि इनका संरक्षण और संवर्धन करें।   पीपल भी खुश है। वह अब मन ही मन हॅंस रहा है। सोच रहा है कि काश! अगर रोहन इतना परिश्रम न किया होता तो मेरा अस्तित्व ही मिट गया होता। हे भगवान! रोहन जैसे जितने भी इस विश्व में हैं उन सबकी रक्षा करना। और जो कभी इससे दूर हैं उन्हें सद्बुद्धि दो कि वे भी इस पुनीत कार्य में सहयोग दें।
नाम:- ब्रह्मनाथ पाण्डेय’ मधुर’
पता:- वार्ड नंबर-5 काॅंटी, मुहल्ला- ककटही, 
नगर पंचायत- मेंहदावल, संत कबीर नगर, उत्तर प्रदेश
पिन:-272271

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