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अनोखी दोस्‍ती-प्रबुद्धो घोष

रहस्यमय दुनिया में निश्चल
रहस्यमय माहौल से भरी हवा में 55 वर्षीय निश्चल डूबे हुए थे। उन्हें तंत्र-मंत्र, भूत-प्रेत और अनदेखी शक्तियों में गहरी रुचि थी। उनका छोटा सा घर प्राचीन वस्तुओं, रहस्यमयी किताबों और एक अजीब-सा माहौल से सजा हुआ था, जो आने वाले लोगों को सहमाने पर मजबूर कर देता था। निश्चल की दुनिया में बस दो वफादार साथी थे – एक काला, चमकदार बिल्ली जिसका नाम था “शैडो,” और एक आवारा कुत्ता, जिसे उन्होंने प्यार से “व्हिस्पर” कहा। ये तीनों अपने रहस्यमय घर में एक लय में चलते थे।

निश्चल का अनोखा संसार
कला प्रेमी निश्चल ने अपने चारों ओर पेंटिंग्स, रहस्य से भरी कहानियाँ और पुरानी ब्लैक एंड व्हाइट फिल्में सजा रखी थीं, जो उनकी अनूठी दुनिया को और भी रहस्यमय बना देती थीं। लेकिन उनकी सामाजिक गतिविधियाँ सीमित थीं। वे फोन पर बातचीत और वीडियो बनाने में खुश रहते थे, पर आमने-सामने मिलने से हमेशा बचते थे। हर शाम, जब चाँद आसमान में झुकने लगता, निश्चल दो गिलास रम भरते। एक गिलास वह अपने सामने रखते और दूसरी, खाली रखी कुर्सी के सामने टेबल पर रखते, जैसे किसी अदृश्य साथी के साथ समय बिता रहे हों। वे जोश से बातें करते, मानो किसी अनदेखे मित्र से गहरी चर्चा में लीन हों।

रहस्यमय दोस्त “शरीन” का आगमन
एक दिन, निश्चल ने अपने दोस्त मेघनाद को अपने इस अजीब रिवाज के बारे में बताया। फोन पर उत्साह से उन्होंने कहा कि एक रहस्यमयी उपस्थिति, “शरीन,” उनके साथ शराब पीने आई थी। उन्होंने खाली कुर्सी की एक तस्वीर भी भेजी, मानो इसे साबित करना चाहते हों। मेघनाद हैरान और चिंतित था। पिछले कुछ महीनों में निश्चल के फोन पर ऐसे रहस्यमय दोस्तों की बातें बढ़ गई थीं। यह जानने के लिए कि सच्चाई क्या है, मेघनाद ने निश्चल के करीबी लोगों से पूछताछ शुरू कर दी।

शरीन का रहस्य
जांच के दौरान, मेघनाद को पता चला कि निश्चल के किसी भी परिचित ने कभी “शरीन” नाम के किसी व्यक्ति के बारे में नहीं सुना था। यह रहस्य और गहरा हो गया। क्या यह केवल निश्चल की कल्पना थी, या कोई अनदेखी शक्ति वास्तव में उनके जीवन का हिस्सा बन गई थी? सच्चाई की तलाश में मेघनाद एक अंधेरी और रहस्यमयी राह पर चला गया, जहाँ वास्तविकता और परालौकिकता के बीच की रेखाएँ धुंधली होती जा रही थीं। जैसे-जैसे उसने गहराई से निश्चल की रहस्यमयी गतिविधियों की परतें खोलीं, उसे लगा कि “शरीन” सिर्फ एक कल्पना नहीं, बल्कि कोई अनदेखी शक्ति थी, जो निश्चल की दुनिया में किसी रहस्य के साथ आई थी।

अजीब घटनाएँ और शरीन का प्रभाव
कुछ हफ्तों बाद, निश्चल के साथ अजीब घटनाएँ बढ़ने लगीं। फिर एक दिन, जब वह दोपहर की सैर पर निकले, अचानक एक तेज रफ्तार गाड़ी उनकी ओर बढ़ी। पर किसी चमत्कार की तरह, वे बाल-बाल बच गए। निश्चल को यकीन था कि “शरीन” ने उन्हें बचाया था। उन्होंने फिर से अपने दोस्तों को शरीन के बारे में बताना शुरू कर दिया। लेकिन इसके बाद घटनाएँ और डरावनी हो गईं। एक रात, जब निश्चल अपनी छत की मुंडेर पर बैठे थे, उन्होंने देखा कि शरीन उन्हें बुला रही थी। वह मुंडेर से झूल रही थी, जैसे किसी संकट में हो। बिना कुछ सोचे, निश्चल उसकी ओर बढ़ने लगे, जैसे कोई अनदेखी शक्ति उन्हें खींच रही हो।

निश्चल की रहस्यमयी यात्रा
जैसे ही निश्चल शरीन के करीब पहुँचे, उसका शरीर और धुंधला होता गया, और माहौल भारी और डरावना हो गया। उस पल, निश्चल ने एक बड़ा फैसला लिया। उन्हें यकीन था कि शरीन उन्हें किसी रहस्यमयी दुनिया में ले जाने आई है। उस रात की छत किसी अजीब नाटक का मंच बन गई। निश्चल की रहस्यमयी यात्रा पूरी हो गई, पर उनके जाने के बाद भी शरीन का रहस्य बना रहा। जो लोग निश्चल को जानते थे, वे सोचते रह गए – क्या सचमुच कोई अदृश्य शक्ति उन्हें अपने साथ ले गई, या यह सिर्फ एक भ्रम था? निश्चल की कहानी, उनके जीवन की तरह, रहस्य और अनसुलझे सवालों से घिरी रही।

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