Breaking News

बाढ़ है बहार है-विनोद कुमार विक्की

जनवरी 2023

बाढ़ राहत समीक्षात्मक कार्यो की प्रगति रिपोर्ट जारी करने के लिए मंत्री जी ने अपने पार्टी कार्यालय में एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित किया। पेन,पेनड्राइव,कलम,कैमरा आदि लेकर लगभग सभी रिपोर्टर नेताजी के कार्यालय पहुंच गए।

तय समय पर नेताजी पहुंचे और जैसे ही दोनों हाथ जोड़कर उपस्थित पत्रकारों का अभिवादन करते तब तक शोरगुल चैनल के रिपोर्टर ने उनके दोनों हाथों के बीच माइक घुसेड़ दिया।

पत्रकार- सर…सर! जैसा कि आप जानते हैं कि हर साल आने वाले बाढ़ के कारण प्रदेश का अधिकांश क्षेत्र डूब जाता है फिर भी आप या आपकी सरकार द्वारा इस पर ध्यान नहीं दिया जाता है ऐसा क्यों ?

नेताजी (भुनभुनाते हुए)- ”अजीब बुड़बक हो भाई कौनो मैनर अर है कि नही तुमको !अरे भाई थोड़ा सांस त लेने दो अभी आए नहीं कि टपक पड़े माइक लेकर…देखिए आपकी जानकारी के लिए आपको बता दें कि हम और हमारी सरकार बाढ़ आने से एक महीना पहले से ही एनडीआरएफ और एसडीआरएफ टीम को अलर्ट मोड पर रखते है।बाढ़ पीड़ितों के लिए हजारों टन चुड़ा-गुड़,मुड़ी रिजर्व रखवाते हैं।पीड़ितों के लिए नाव और अपने क्षेत्र भ्रमण के लिए हेलीकाप्टर तैयार रखते हैं। बाढ़ से बचाव के लिए टीवी एवं अखबार हेतु विज्ञापन तैयार करवाते हैं… और आप कहते हैं कि हर साल आने वाले बाढ़ के उपर हमारी सरकार ध्यान नहीं देती।…हद है मरदे…” शोरगुल चैनल के रिपोर्टर को दुत्कारते हुए नेताजी बोले।

शोरगुल चैनल के पत्रकार की किरकिरी होते देख मन ही मन प्रसन्न हो उपर से संवेदना भाव व्यक्त कर स्थिति को संभालते हुए चीख़-पुकार लाइव के रिपोर्टर ने कहा-“साॅरी सर   दरअसल हमारा आशय ये था कि हर साल आने वाली इस त्रासदी का स्थायी समाधान क्यों नहीं करते आपलोग…!”!

“कौन भकचौंधड़ सब पत्रकार को बुलाय लिए हो जी! हमको बोलने ही नहीं दे रहा ससुरा खुदही भौंक रहल है” पत्रकार के इस प्रश्न पर कुनमुनाते हुए कार्यकर्ता की ओर देखकर धीरे से बुदबुदाए फिर लंबी मुस्कान बिखेरते हुए बोले- देखिए जी करोड़ों की जनसंख्या है,और बिजली,शिक्षा,चिकित्सा,सड़क,अपराध आदि सहित प्रदेश की हजारों स्थायी समस्या है जिस पर ध्यान देते देते पांच साल कब निकल जाता है पता ही नहीं चलता और रही बात बाढ़ की, इ त सीजनल है कभी आया त कभी नहीं आया।वैैैैसे भी नियमित पार्टी बैठक,पार्टी प्रचार, शिलान्यास और उद्धाटन,सांस्कृतिक कार्यक्रम सहित विभिन्न कार्यक्रमों में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थिति,पार्टी परिवार,निजी परिवार आदि की व्यस्तता के कारण पांच साल में अपने विधानसभा क्षेत्र में एकाध बार भी घूमने का समय नहीं मिल पाता।समयाभाव के कारण ही बाढ़ के स्थायी समाधान पर ध्यान नय दे पाते हैं…हे हे हे “

नेताजी की बात खतम हुई नहीं कि भड़कदार न्यूज़ के रिपोर्टर ने माइक उचकाते हुए पूछा-सर पक्के बांध का निर्माण क्यों नहीं हो पाया अबतक”!

नेताजी टेढ़ी नजरों से रिपोर्टर को देखकर बोले-बड़ा बकलोल हो जी!दर्शन शास्त्र अर कुछ पढ़े हो कि नही! अरे भाई

नदी की धार प्राकृतिक है और मिट्टी का कच्चा बांध भी प्राकृतिक।प्रकृति का प्रकृति के साथ नैसर्गिक रिश्ता होता है फिर कृत्रिम पक्का बांध बनाकर प्रकृति के विरुद्ध हम क्यों जाए! वैसेे भी सीमेंट,बालूू और गिट्टी से बना बांध का कौन्हो भरोसा है कब प्रकृति अर्थात मिट्टी के जमीन से नाता तोड़ ले

 नेताजी अपनी बात पुरी करते तब तक एक कार्यकर्ता बोल पड़ा “अभी हाल में न एगो पुल पानी से दह गया है नेताजी”।

नेताजी कार्यकर्ता की ओर उंगली दिखाकर पत्रकारों से बोले-” बड़ी होशियार है राम भरोस, पुरा दिन न्यूज़ देखते रहता है! हाँ त हम कह रहे थे कि प्रकृति का तोड़ सही नही होता।

“बट द लेक ऑफ परमानेंट साॅल्यूशन इज डेंजरस फोर फ्लड इफेक्टेड एरिया एंड देयर नेटिव्स” चिल्ल पों इंग्लिश चैनल के रिपोर्टर ने चिल्लाते हुए आगाह किया।

अंग्रेजी सुनकर नेताजी की भौंह में भाइब्रेशन होने लगा।

पास खड़ा कार्यकर्ता नेताजी के कान में फुसफुसाने लगा।संभवतः वह पत्रकार की बातों का हिन्दी अनुवाद कर रहा था।

नेताजी गले में पड़े पार्टी गमछा के दोनो सिरा पर हाथ फेरते हुए बोले-” या या… आई… अंडरस्टैंड…देखिए बाढ़ हमेशा बुरा नहीं होता!आप बाढ़ का सकारात्मक पहलू देखिए।बाढ़ के दौरान वैसे घरों तक भी पानी पहुंच जाती है जहाँ हमारी सरकारी हर घर जल योजना के तहत भी पानी नहीं पहुंच सकती!लाखों-करोड़ों के खर्च पर स्वीमिंग पुल या वाटर पार्क की बजाय बाढ़ ग्रस्त गड्ढे और खेतों के नेचुरल वाटर पार्क में बच्चे स्वीमिंग का प्राकृतिक आनंद लेते हैं!बाढ़ के महीना में  आपके चैनल को टीआरपी बढ़ाने के लिए प्राकृतिक न्यूज़ मिल जाता है और बाढ़ के पश्चात प्रभावित इलाकों का दौरा कर लेने से हमे भी जन प्रतिनिधित्व निभाने का मौका मिल जाता है।अब आप तो जानते ही हैं कि हमारी भोली भाली जनता नदियों को गंगा मैया, कोसी मैया,गंडक माता के रूप में पूजते हैं, इसलिए उनकी निश्छल आस्था पर माता स्वयं उनके घरों में पधारती और उन्हें धन्य करती है! उ कहते है न कि मन चंगा तो कठौती में गंगा “!

“लेकिन सर हर साल बाढ़ रूपी त्रासदी तो जनता को ही झेलना पड़ता है और कभी बाढ़़ पीड़ित जनता ने आपकी इस उदासीनता पर सहनशीलता को त्यागकर हल्ला बोल कर दिया तो…”!हो-हल्ला न्यूज़ का एंकर बोल पड़ा।

“अजी चिंता मत करिए हमारी जनता काफी सहनशील और धैर्यवान है, जब ये लोग डेली के मंहगाई,भ्रष्टाचार,गरीबी,बेरोजगारी आदि स्थाई प्राब्लम को काफी हिम्मत और हौसला से झेल लेते है त फिर इ एकाध साल में आने वाला टेेम्पररी बाढ़ इनकी सहनशीलता का क्या बिगाड़ लेगा जी! खैर चलिए इ पुछाताछी बहुते हुआ अब हमें निकलना है… और हाँ आपलोग भोजन करके जाइएगा पीछे हाॅल में भेज-नाॅनवेज दोनों का बूफे वाला इंतेज़ाम है “। 

इतना कह चिर-परिचित अंदाज में हाथ जोड़ नेताजी मुस्कुराते हुए कांफ्रेंस हाॅल से बाहर निकल गए।

About sahityasaroj1@gmail.com

Check Also

अहिल्याबाई होलकर एक अद्वितीय प्रतिभा की साम्राज्ञी- डॉ शीला शर्मा

अहिल्याबाई होलकर एक अद्वितीय प्रतिभा की साम्राज्ञी- डॉ शीला शर्मा

बहुत कम लोग ऐसे होते है जो स्थान और समय की सीमाओं को तोड़ , …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *