बैंक सेवाकाल संस्मरण-एस के कपूर

दिनाँक ।।21 अप्रैल 2002।। मैं आंवला शाखा जिला बरेली का शाखा प्रबंधक था । 20 अप्रैल 2002 की शाम को शाखा प्रबंधक कक्ष के लिए एक नई छोटी अलमारी आ गई थी और आज जाकर उसमें सभी महत्त्वपूर्ण फाइल्स क्रमबद्ध रूप से रखनी थीं।सुबह से ही जबड़ों, गालों, दांतों में दर्द हो रहा था।यह एनजाइना का दर्द था और सोर्बिट्रेट की गोली से आराम मिलता था।गोली खाई और बैंक चले गए।दिन भर में 6 गोली और खाई और अलमारी में सामान लगाते रहे, जब दोपहर बाद हालत खराब होने लगी तो लेखाकार श्री वी सी जनार्दन जी को चाबी और नई अलमारी की फाइल्स समझा कर और कुछ पैसे निकाल कर चल दिया और रास्ते में दो गोली सोर्बिट्रेट और खाई।कुल 9 गोली।घर पहुँच कर पीलीभीत से छोटे भाई साहब को कॉल किया और वो गाड़ी लेकर आ गए और 22 अप्रैल 2002 को एस्कोर्ट हॉस्पिटल्स दिल्ली में आपातसेवा में एडमिट हो चुके थे।22 को ही एंजियोग्राफी हो गई। तीन धमनियां ब्लॉक थी और 24 अप्रैल 2002 को बाई पास सर्जरी हो गई। 02 मई 2002 को हॉस्पिटल से मुक्त होकर एक सप्ताह के लिए बहन के घर मेरठ चले गये और 09 मई 2002 को हॉस्पिटल में चेकअप हुआ और 10 मई 2002 को बरेली वापिस आ गए।इससे पूर्व का जिक्र करते हैं ,कि 02 मार्च 2002 को आंवला शाखा मैं एक बहुत बृहत लोन मेले का आयोजन किया था, जिसमें तत्कालीन स0 म0 प्र0 क्षेत्र 1 आ0 स्नेह दीप अग्निहोत्री जी व आ0 सहगल साहब तत्कालीन उ0 म0 प्र0 बरेली आंचलिक कार्यालय आए थे।लायंस क्लब आंवला ,एस्कोर्ट डीलर एसोसिएशन ,बदायूं व स्टेट बैंक , आंवला ( बरेली की बड़ी तहसील) के सम्मिलित कार्यक्रम में उस दिन कई कार्यक्रम सम्पन्न हुए और उसके बाद सफल वार्षिक लेखाबंदी व लेखा परीक्षा से मैं आंचलिक कार्यालय की अच्छी नजर मैं आ चुका था।इसके चलते ही आ0 सहगल साहब व आ0 अग्निहोत्री जी ने चिकित्सा अग्रिम राशि दिलवाने व परिवार को हॉस्पिटल के पास न्यू फ्रेंड कॉलोनी नई दिल्ली में बैंक गेस्ट हाउस में स्थान दिलाने में बहुत सहायता करी। वैसे तो दिल्ली में हमारी बहुत ही रिश्तेदारी व छोटे भाई के बहुत व्यापारिक संबंध हैं लेकिन हॉस्पिटल के साथ थोड़ी दूरी पर ही कमरा मिलने से आराम रहा। 14 मई 2002 को आ0 श्री स्नेहदीप अग्निहोत्री जी व उनके सहायक श्री
अरविंद सक्सेना जी घर आये और सब हाल – चाल लिया और अगली नियुक्ति के बारे में पूछा।मैंने बताया कि बीमारी के बाद भी मैं बरेली में या तो शाखा प्रबंधक या पटल अधिकारी (डेस्क ऑफिसर) आंचलिक कार्यालय ही रह सकता हूँ।मैं कोई साधारण अधिकारी की नियुक्ति में नहीं लेना चाहता हूँ।उन्होंने बताया कि तुम पर बहुत भार पड़ेगा ,लेकिन मेरे बहुत जोर करने पर ,उन्होंने 16 मई को ही श्री अरविंद जी के हाथ पटल अधिकारी (डेस्क अफसर )क्षेत्र 1 का नियुक्ति पत्र(अपॉइंटमेंट लेटर )भिजवा दिया। 3 महीने पूर्ण होने पर व पुनः चेक अप के बाद 27 जुलाई 2002 को क्षेत्र 1 में पटल अधिकारी (डेस्क ऑफिसर) के पद पर जॉइन कर लिया और 1से 2 वर्ष बाद मेरी पदौन्नति अधिकारी संवर्ग 3 में होने पर जुलाई 2004 में चौक स्थित स्टेट बैंक शाखा शाहजहांपुर का शाखा प्रबंधक बन कर चला गया।

एस के कपूर।बरेली।
मोब।। 9897071046

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