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ज़ह किसने अकिलि बताई अल्ला – रामभोले शर्मा

बेडीजोर गाँव के ठलुहाप्रमुख बाँके की राय पर अमल करके डॉ सलमुद्दीन ने एक लाख रुपए चुनावी आग के हवाले कर दिए। बाँके ने उन्हें बीमा एजेण्ट की तरह डील करके यह कहके फँसा दिया कि तुम चिंता क्यों करते हो? बी डी सी बनने के बाद कम से कम दो गुना तो निश्चित रूप से मिल ही जाएगा। अब …

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लीक ही लीक-अरुण अर्णव खरे

सुना है फिर से कोई पेपर लीक हुआ है | अरे! हुआ होगा, इसमें आश्चर्य कैसा ? पिछले दो वर्षों में देश के हर कोने से, हर तरह की परीक्षाओं के पेपर लीक होने के इतने मामले सामने आ चुके हैं कि अब यदि दो-चार दिनों तक पेपर लीक होने का समाचार न दिखे तो हैरत होती है | पेपर …

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बेलगाम सोशल मीडिया-नवीन कुमार जैन

बेलगाम सोशल मीडिया व्युत्क्रमानुपाती शिक्षकों की आदर्श छवि, सुरक्षा और गोपनीयतासोशल मीडिया पर आए दिन शिक्षकों के कंटेंट चर्चा में बने रहते हैं किन्हीं पोस्ट्स पर तो उनके रचनात्मक शिक्षण कौशल व अनूठे प्रयोग की प्रशंसा की जाती है व किन्हीं पोस्ट्स पर उनके अनापेक्षित आचरण की आलोचना भी होती है। हाल ही में कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कुछ शिक्षिकाओं …

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विजयशंकर मिश्र ‘भास्कर’:-व्यक्तित्व और कृतित्व

भारतीय पौराणिक प्रज्ञा को आधुनिक संदर्भों में समाजोपयोगी रूप में प्रस्तुत करनेवाले,तटस्थ समीक्षक,लेखक,कालजयी लेखनी के माध्यम से एक भारत-श्रेष्ठ भारत,अखंड भारत-अतुल्य भारत,विश्वगुरु भारत-स्वर्णविहग भारत के महान गायक कविप्रवर विजय शंकर मिश्र ‘भास्कर’ का जन्म पाँच जुलाई उन्नीस सौ पचपन ई.को आदिगंगा गोमती के उत्तरी तट से दस किमी दूरी पर जनपद सुलतानपुर के ग्राम समुदा पत्रालय गौराटिकरी तहसील कादीपुर विकास …

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पुनर्वास-डा रेनू सिंह

कन्याकुमारी के रामकृष्ण आश्रम से 4 बजे सुबह ही निकल सूर्योदय -दर्शन कर,वही से हम विवेकानंद रॉक के लिये स्टीमर से चल पड़े।सागर का नीला विस्तृत आकाश,उठती -गिरती लहरें।अचानक सामने की सीट पर डॉ दास,।,,बार- बार मेरी नजरें वही पहुँच टटोलने लगती,, ,विल्कुल वैसा ही रूप-रंग,वैसी ही कद -काठी,।बस चेहरे पर तैर रही उदासी के बीच उम्र का विस्तार।,फिर भी …

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“शाला प्रवेश उत्सव” एक पावन कार्य-डॉ शीला शर्मा

शाला प्रवेश उत्सव शैक्षणिक सत्र के पहले दिन मनाये जाने वाले इस उत्सव में ,’नव प्रवेशी’ और ‘नव कक्षा प्रवेशी’ दोनों ही प्रकार के छात्रों का शाला में स्वागत के रूप में उत्सव मनाया जाता है। यह स्वागत उत्सव बच्चों के प्रवेश का है जिसे नई उर्जा और आनंद के साथ मनाना है। वस्तुत: उत्सव सृजनशील ऊर्जा निर्माण के ही …

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सुबह की हवा

अपने घर की शैव संस्कृति के कारण मेरा कभी अन्य संस्कृति के लोगों से ज्यादा मिलना जुलना नहीं हो पाया। पिताजी हिंदी के प्राध्यापक होने के कारण अपने क्षेत्र के पहले निशुल्क हिंदी की शिक्षा देने वाले गुरु जी के रूप में विख्यात थे ।दूर-दूर से हिंदी की समस्याओं का समाधान करवाने छात्र-छात्राएं आते और संतुष्ट होकर चले जाते ।मेरा …

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लिथोग्राफी कार्यशाला सम्पन्न-प्रबुद्धो घोष

इंडियन नेशनल फोरम ऑफ आर्ट एंड कल्चर का लिथोग्राफी कार्यशाला: भव्य आयोजन के साथ अपनी दो दशकों की यात्रा को याद किया है-प्रबुद्ध घोष इंडियन नेशनल फोरम ऑफ आर्ट एंड कल्चर (INFAC – आईएनएफएसी), २००५ में स्थापित एक सार्वजनिक ट्रस्ट, भारत में कलात्मक प्रचार और सांस्कृतिक संवर्धन का एक प्रतीक रहा है। जैसे ही वे अपने १९ वें वर्ष को …

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जौहर – नारी अस्मिता का हथियार या भावनात्मक आत्महनन

जौहर शब्द जीव और हर से मिलकर बना है , जिसका तात्पर्य है , अपनी अस्मिता की अपनी पवित्रता की सुरक्षा के लिए किया गया आत्मोसर्ग | यह भारतीय पुरातन संस्कृति की उच्चतम मान्यताओं और परम्पराओं में से एक कही जा सकती है | जिसमे अपनी सात्विकता और यौनिक शुचिता को सर्वोपरी मानते हुए उसकी रक्षा के लिए स्वयम को …

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मेरी आजी -गीता चौबे

संस्‍मरण – बात उन दिनों की है जब हम छुट्टियों में अपने गाँव गए हुए थे। तब हमें हमारी छुट्टियाँ गाँव में ही बितानी होती थी। तब किसी पर्यटन स्थल पर जाने का चलन नहीं था।  बहुत हुआ तो नजदीक के तीर्थ-स्थान पर चले गए। पर ऐसा बहुत कम होता था; क्योंकि तीर्थ-स्थानों की भीड़-भाड़ में बच्चों को लेकर जाना मेरे …

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