अखंड गहमरी यदि भूले -भटके भी बिहार के चम्परान की बात चल जाये तो हांड़ी मटन का स्वाद लालच दे जाता है । आप यदि मटन के शौक रखते हैं तो बिहार के कई इलाके आपके स्वाद के लिए बहार ला सकते हैं। मुंँगेर, चम्पारन, मधेपुरा सहित अंग और मिथिला के कई इलाके अपने मटन के स्वाद के लिए जाने …
Read More »गंगा संरक्षण जागरूकता सप्ताह में करें प्रतिभाग-साहित्य सरोज
वट सावित्री पूजा
सौभाग्य और ऐश्वर्य का पर्व वट सावित्रीसत्येन्द्र कुमार पाठकवेदों और स्मृतियों में सावित्री के सतीत्व और व्यक्तित्व का उल्लेख किया गया है । सौभाग्य और सुहाग को देने वाला और संतान की प्राप्ति में सहायता देने वाला व्रत वट सावित्री है। भारतीय संस्कृति में वटसावित्री व्रत आदर्श नारीत्व का प्रतीक है। स्कंद पुराण तथा भविष्यपुराण के अनुसार ज्येष्ठ मास की …
Read More »विश यू अनहैप्पी पर्यावरणम – राम भोले शर्मा
पर्यावरण को अशुद्ध रहना ही चाहिए अन्यथा कई प्रकार की अन्य समस्याएं उत्पन्न हो जाएँगी। मसलन पानी बेचने वालों ,डॉक्टरों , पाँच रुपये की दवा के पत्ते पर पचास प्रिंट करके बेचने वाली दवा कंपनियों, बीड़ी- सिगरेट बनाने,बेचने और पीने वालों का क्या होगा? निर्धारित रेट की रकम मिलने के बाद बाग या जंगल के दिन- दहाड़े मर्डर होने पर …
Read More »मेरी दृष्टि-ओम जी मिश्र’अभिनव’
साहित्य सरोज पत्रिका द्वारा आयोजित गोपाल राम गहमरी पर्यावरण सप्ताह सम्मान्य प्रतिभागियों आपको सादर अवगत कराना है इस सम्पूर्ण आयोजन की परिकल्पना एवं क्रियान्वयन करने वाले श्री अखंड गहमरी अपने संकल्प पर दृढ़ रहने वाले वर्षों से बिना किसी से आर्थिक सहायता लिए वर्षपर्यंत साहित्यिक गतिविधियों का संचालन करनेवाले अत्यंत उत्साही युवा हैं वे जहाँ एक अच्छे कवि एवं लेखक …
Read More »हेमंत चौकियाल का पर्यावरण दिवस संस्मरण
*गोपालराम गहमरी पर्यावरण लेखन सप्ताह**30 मई से 05 जून 2024*05 *जून* 2024 बुद्धवार के कार्यक्रम।तब मैं कक्षा 3 का छात्र रहा था । हमारे हेड गुरूजी बहुत मेहनती थे। अनुशासन पर उनका विशेष ध्यान रहता था। जुलाई में विद्यालय खुलता तो हम नई पोशाक, जूतों और स्कूली बैग के साथ विद्यालय जाते। अधिकांशतः पहाड़ में जुलाई के इस मौसम में …
Read More »पर्यावरण का महत्व संस्मरण
पर्यावरण का महत्व संस्मरण गोपाल राम गहमरी पर्यावरण सप्ताह पेड़ के आभाव में बचपन और मानव जीवन प्रभावित प्रदूषित वायु पर्यावरण संक्रमण अतिशौध, बात उस वक्त की है जब मैं और मेरा परिवार गर्मियों की छुट्टी में छुट्टियां गुजारने टाटा जमशेदपुर बिहार में हम अपनी टाटा सफारी में आनंद करते हुवे सभी परिवार वाले अंताकशिरी खेलते हुए मौज मस्ती के …
Read More »पर्यावरण पर संस्मरण-शिवा सिंहल
गर्मी की तपन लूं भरी उमस ने दम निकला है। ऐसी कूलर भी लगाए, मगर कोई काम नहीं आया है। बहुत समय पहले हम अपनी दीदी के ससुराल शादी की सालगिरह मनाने गए थे। गर्म हवाओं से बदन जल रहा था, 1 दिन में ही धमोरिया ने बदन लाल कर दिया था । दूर-दूर तक पेड़ों का कहीं नामों निशान …
Read More »पर्यावरण पर संस्मरण -हेमलता दाधीच
आज बचपन की एक घटना याद आई जो गाँव जाते ही याद आ जाती है। पर्यावरण के पांच तत्वों में पानी की भी सबसे अहम भूमिका है। पेड़ो को हरा-भरा रखने बडा़ होने के लिये पानी सींचना आवश्यक बहुत है वरना वो सूख जायेगें। इसी तरह इस भयानक लू लपटों मे हमारे लिये भी पानी एक अमृत का काम करता …
Read More »पर्यावरण पर संस्मरण-सीमा सिन्हा
इस वर्ष की गर्मी ने मेरे जीवन में एक विशेष स्थान बना लिया है। बचपन में गर्मी का मौसम अक्सर छुट्टियों और मौज-मस्ती का समय होता था। आइसक्रीम, आम के फल, और दादी के हाथ की बनी ठंडी खीर, ये सब चीजें गर्मी के दिनों को खुशनुमा बनाती थीं। परन्तु इस वर्ष की गर्मी ने कुछ अलग ही अनुभव कराए।जब …
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