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स्त्री जीवन की चुनौतियाँ एवं उनके समाधान

मानव समाज में स्त्रियों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। हमारे घर-परिवार में स्त्री माँ, बहू, बहन, बेटी, जीवन-संगिनी बनकर जिम्मेदारी के साथ ही स्नेह की गंगा बहाती है। एक माँ संस्कार और आदर्श का पाठ हमें बचपन से देती है। हम आगे चलकर एक सुयोग्य नागरिक एवं व्यक्ति के रूप में प्रतिस्थापित होते हैं। एक स्त्री जीवन-संगिनी के रूप में …

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सामाजिक क्रांति के अग्रदूत-महर्षि दयानंद सरस्वती 

महर्षि दयानन्द सरस्वती का जन्म 1824 में टंकारा (गुजरात) में हुआ। पिता का नाम करसन जी तिवारी तथा माता का नाम अमृतबाई था। जन्म से ब्राह्मण परिवार में उत्पन्न बालक मूल शंकर को शिवरात्रि के दिन व्रत के अवसर पर बोध प्राप्त हुआ।  मथुरा में गुरु विरजानन्द जी से शिक्षा प्राप्त की एवं इस मूल बात को समझा कि देश की …

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भारतीय सिनेमा की महिला हास्य कलाकार-सोनल

 बॉलीवुड में हर साल अलग-अलग जॉनर की कई फिल्में रिलीज होती हैं। कॉमेडी एक ऐसा जॉनर है, जिसे देखना हर कोई पसंद करता है। लेकिन आज बॉलीवुड जितना कॉमेडी के लिए फेमस है उतना आज से 80 साल पहले नहीं था और महिला कॉमेडियन तो भूल ही जाइए। उस दौर की फिल्मों में महिलाओं को हम रोने-धोने के किरदार में …

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जलक्रीड़ा के लिए मशहूर कुचामन का किला-सुनील जैन

’हर किला एक-सा नहीं होता। हर किले की कुछ विशेषता होती हैं। राजस्थान‌ के कुचामन के किले का निर्माण राजा जालिम सिंह ने करवाया था। यह एक ऊंची पहाड़ी पर स्थित है। अतिदुर्गम और विलक्षण है। तलहटी के मुख्य द्वार तक पहुंचने के लिए पुरानी अनाज मंडी के बीच से जाना होता  है। सड़क के किनारे एक-दूसरे के सामने बने हवेली …

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जीवन का एक मजबूत आधार होती हैं महिलाएं-पूजा

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस एक मजदूर आंदोलन से उपजा है। इसका बीजारोपण साल 1908 में हुआ था जब 15 हजार औरतों ने न्यूयॉर्क शहर में मार्च निकालकर नौकरी में कम घंटों की मांग की थी। इसके अलावा उनकी मांग थी कि उन्हें बेहतर वेतन दिया जाए और मतदान करने का अधिकार भी दिया जाए। ये आइडिया एक महिला का ही था। …

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“राजधानी का वो रिश्तों का सफर था-पूजा गुप्ता

रामधानी एक्‍सप्रेस के 55 साल

बात उन दोनों की है जो मुझे दिल्ली से जम्मू के लिए अकेले सफर करना था मैंने राजधानी एक्सप्रेस की टिकट ली जिसका किराया पांच हजार रुपये था। जाना भी बेहद जरूरी था। घर की बेटी की शादी जो थी। फिर भी इतना महंगा रिजर्वेशन कराकर मैं राजधानी एक्सप्रेस में चढ़ गई। बेटा बाहर पढ़ता है वर्ना उसे लेकर मैं …

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बेदर्द दिल-अखंड गहमरी

बेर्दद दिल-अखंड गहमरी

(सत्‍यकथा) अभी 18 साल उम्र भी पूरी नहीं किया था कि खेल कोटे से सीमा सड़क संगठन में सिपाही के पद पर तेजपुर असम में नौकरी लग गई। पूरा परिवार खुशियों से झूम गया। अभी नौकरी करते दो साल भी नहीं बीता कि रिश्‍तेदारों ने विवाह के लिए परेशान कर दिया। अन्‍त में पिता जी ने आनन-फानन में विवाह कर …

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राजधानी एक्‍सप्रेस के 55 वर्ष-साहित्‍य सरोज

रामधानी एक्‍सप्रेस के 55 साल

आज से 55 वर्ष पूर्व 3 मार्च 1969 को भारतीय रेलवे ने इतिहास रचते हुए देश की राजधानी दिल्‍ली से पश्चिम बंगाल की राजधानी हाबड़ा के बीच दक्षिण एशिया की पहली तीव्र गति की पूर्ण वातानुकूलित एक लक्‍जरी ट्रेन का परिचालन शुरू किया। 1969 में आलीशान लक्जरी और सबसे तेज भागने वाली पूर्ण वातानुकूलित ट्रेन जिसने पहली बार 17 घंटे …

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राजधानी का वह एक यादगार सफर-पूनम झा प्रथमा

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राजनीति के दलदल अध्याय नौवां – डॉ लोक सेतिया 

हरियाणा से जो हवा चली थी आया राम गया राम की उस से देश की दलबदल की राजनीति को कितनी बार नया आयाम प्रदान किया जाता रहा है । बात 1967 की है जब पलवल से निर्वाचित विधायक जिनका नाम गया लाल था उन्होंने पहली बार कुछ ही घंटों में तीन बार दलबदलने का इतिहास रचा था और आखिर में …

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