मुझे याद है उसे समय मेरे घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। पिताजी के पास आय का कोई साधन नहीं था। वह अक्सर ठेला में भजिया पकौड़ी की दुकान खोल रखे थे। जिसमें दो वक्त की रोटी आना मुश्किल होता था। जिसकी वजह से माँ पिताजी के बीच अलगाव की स्थिति आ जाती थी। न जाने कब माता-पिता अलग …
Read More »भावपूर्ण और ह्रदय स्पर्शी रचनाओं का गुलदस्ता-तुमको अपनी जीत लिखूँ
*भावपूर्ण और ह्रदय स्पर्शी रचनाओं का गुलदस्ता* ********************** *तुमको अपनी जीत लिखूँ* (गीत, ग़ज़ल, मुक्तक, छंद संग्रह) मेरे परम मित्र भाई संजय कुमार गिरि जी युवा कवि, शायर व एक खुद्दार और यशस्वी रचनाकार- चित्रकार हैं। हाल ही में आपका काव्य संग्रह “तुमको अपनी जीत लिखूँ ” मिला।इस संग्रह में -150- मुक्तक , 12-गीत , 44- ग़ज़ल ,150- दोहे ,12 …
Read More »खूबसूरत दास्तां: कुछ आँसूं कुछ मुस्कानें -सुमन सिंह चंदेल
पुस्तक समीक्षासुमन सिंह चंदेलपुस्तक: कुछ आँसूं कुछ मुस्कानें (आत्मकथा)रचनाकार: सन्दीप तोमर प्रकाशक: इंडिया नेटबुकप्रकाशन वर्ष:2021मूल्य: 350/. आत्मकथा लिखना बेहद जोख़िम भरा काम है। पंजाबी लेखिका अजीत कौर का कथन है – “आत्मकथा लिखना अंगारों पर चलने जैसा है।” बावजूद इसके लेखक अपनी निजी दुनिया के द्वार, उसकी तमाम खिड़कियाँ पाठकों के लिए खोल देते हैं। इन खिद्क्यों को खोलने के पीछे उनकी …
Read More »पैसे की क़ीमत-पीयूष गोयल
एक क़स्बे में दो घनिष्ठ मित्र रहते थे,बात आज़ादी के तुरंत बाद की हैं,एक धनी था,एक इतना धनी नहीं था । रोज़ाना कमाना और गुजर बसर करना,पर दोस्ती की लोग मिसाल दिया करते थे। दोनों दोस्त अपने-अपने माँ बाप की इकलौती संतान थे। एक दिन दोनों दोस्त साथ-साथ अपने-अपने घरों को जा रहे थे, विदा लेते समय निर्धन दोस्त ने …
Read More »मर्यादापुरुषोत्तम राम-कुमकुम
कमल नयन हरि के अवतारे। त्रेतायुग में अवध पधारे।। हिन्दू संस्कृति के मूल पुरूष कमल नयन विष्णु के सातवें अवतार श्रीराम का जन्म त्रेतायुग में चैत्र शुक्ल नवमी तिथि को कौशल नरेश दशरथ की पत्नी कौशल्या के गर्भ से हुआ। राम एक ऐसा नाम है जिसके सुमिरन मात्र से मन के सारे मैल धूल जाते हैं। राम अर्थात …
Read More »सौंदर्य यात्रा की शुरुआत: के.जी. सुब्रमण्यम- प्रबुद्ध घोष
कल्पथी गणपति सुब्रमण्यन (१५ फरवरी १९२४ – २९ जून २०१६), जिन्हें प्यार से के.जी. सुब्रमण्यन और मणि दा के नाम से जाना जाता है, भारतीय कला के क्षेत्र में एक असाधारण व्यक्ति थे, जिन्होंने अपने अभिनव कार्यों और स्वदेशी कलात्मक परंपराओं के साथ गहरे संबंधों के माध्यम से एक स्थायी विरासत छोड़ी। एक कलाकार, शिक्षक और दार्शनिक के रूप में …
Read More »12th फेल क्यों देखना-समीक्षा तैलंग
••एक दर्शक की प्रतिक्रिया•• 12th फेल क्यों देखना है? क्योंकि वो मेरे गृहनगर ग्वालियर और उस क्षेत्र की कहानी है इसलिए? या इसलिए कि लाइफ में सक्सेसफुल कैसे बना जाता है? इसमें कोई दो राय नहीं कि गृहनगर और उसकी कहानियों को बड़े पर्दे पर देखना रोमांचित करता है। हम अपनी माटी से प्यार करते हैं इसलिए यह सहजभाव आना …
Read More »जुनूनी लड़की-सुनीता छाबड़ा
जुनून क्या होता है? किसी भी चीज को पाने की लालसा। पाने की चाह में इस तरह पागलपन कि जब तक वह नाम मिल जाए, मां को सुकून नहीं मिलता। जुनून किसी भी चीज का हो सकता है। चाहे प्यार का हो, घर बनाने का हो या अपने करियर का हो। जब तक वह लक्ष्य प्राप्त न हो, तब तक …
Read More »युवा ही रोक सकते हैं मां के आंसू- अखंड गहमरी
5 फरवरी 2024 को गहमर गॉंव का एक युवक फिर असमय काल के गाल में समा गया। इस बार भी कारण मोटरसाइकिल बनी। मैनें उस युवक के कई मित्रों की पोस्ट देखी। सबके दिलों में उसके बेसमय जाने का गम था, दर्द था। मगर आपने कभी सोचा है कि जब आप उसके मित्र है तो आपको इतना दर्द और गम …
Read More »उफ्फ्फफ्फ्फ़ ये प्री -वेडिंग शूट-सीमा”मधुरिमा”
संस्कृति कैसे बदलती है धीरे धीरे ये समझना होगा । अभी तक तो शादी विवाह में सेल्फी और डि जे पर थिरकना ही फैशन था । अब एक नया फैशन ट्रेंड में आ गया है । अब जब किसी नई जगह शादी विवाह में जाईयेगा तो गौर करियेगा । जहाँ ये ट्रेन्ड न दिखे आप समझ लीजियेगा की अत्यंत ही …
Read More »