कमलेश द्विवेदी लेखन प्रतियोगिता -4 संस्मरण साहित्य सरोज पेज को लाइक एवं फालो करें, परिणाम व लिंक पेज पर https://www.facebook.com/profile.php?id=100089128134941 स्मृतियों की एक खूबी होती है जरा सा भी अनुकूल वातावरण मिलता है तो छम छम करती चली आती हैं। प्रसंगवश #वह दीपावली मैं शायद ही कभी भूल पाऊँ। सन् 1987 की दीपावली थी ।हर साल की तरह वही सारे घर …
Read More »तू मेरी जिंदगी है- कुमकुम
कमलेश द्विवेदी लेखन प्रतियोगिता -4 साहित्य सरोज पेज को लाइक एवं फालो करें, परिणाम व लिंक पेज पर https://www.facebook.com/profile.php?id=100089128134941 चले आओ पनाहों में,निगाहें राह तकती है।बताए क्या तुम्हें दिलवर,तुम्हीं में जान बसती है।।सुनो सजना तुम्हें मैंने, तहे दिल से पुकारा है।चले आओ सजन मेरे, बड़ा दिलकश नजारा है।।बहारों ने फिजाओं में,गुलों को यूँ खिलाया है।लगे जैसे कि अम्बर ने,नवल मोती …
Read More »वह ताँगे वाला-ओम प्रकाश नौटियाल
सोहना गाँव के राजेन्द्र बाबू का छोटा लड़का महेश पढने में बहुत होशियार था । स्नातक होने के बाद उसका चयन भारतीय वन सेवा में हो गया ।अब तो खैर इस बात को कई वर्ष गुजर गए हैं । राजेन्द्र बाबू तो बेचारे अब इस दुनियाँ मे रहे नहीं । महेश की पोस्टिंग पिछले तीन साल से अपने पैतृक …
Read More »जीह्वा कमाल की
आप सभी ने अपने दादा, दादी, नाना, नानी को वृद्ध होते देखा होगा यानि छोटेपन से उनके साथ समय अवश्य ही बिताया होगा। उसी दौरान आपने पाया होगा कि धीरे धीरे वे शिथिल होते जाते हैं। कभी उनके दाँतों में तकलीफ होती है तो कभी आँखों में। इसी प्रकार अनेक अंग से वे लाचार होते चले जाते हैं।यहाँ तक की …
Read More »समकालीन कविता में यथार्थवाद- डॉ. रेखा मिश्रा
कविता में कल्पना तत्व की प्रधानता होती है, कवि एक कल्पनाशील प्राणी है, प्रजापति की तरह वह स्वयं की कल्पना लोक का निर्माण करता है| शब्द मानव ध्वनियों का पहला संगठन और भाषा की पहली ईकाई है, शब्द का अपना जादू होता है, इसमें संदेह नहीं है| कवि शब्द रूपी ईंटों से काव्य की इमारत खड़ा करता है| मानव की …
Read More »हिन्दी दिवस प्रतियोगिता 2023 परिणाम घोषित
त्रैमासिक पत्रिका साहित्य सरोज, मासिक ई पत्रिका धर्मक्षेत्र एवं गहमर वेलफेयर सोसाइटी द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित हिन्दी दिवस प्रतियोगिता 2023 के परिणाम आज घोषित किये गये। जिसमें मेरा गॉंव मेरा शहर शीर्षक के तहत पिंकी प्रजापति प्रथम, प्रज्ञा पालीवाल द्वितीय एवं ललीता टाक एवं रंजना जायसवाल संयुक्त रूप से तीसरे स्थान पर रही। बच्चों में पुस्तक की जगह मोबाइल …
Read More »स्वतंत्रता सेनानी-तिरुप्पूर कुमरन
मानव जीवन को तीन श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है। पहला जो अपने लिए ‘स्वांतः सुखाय’ के आदर्श के अनुरूप जीता हो। अपने लिए जीते हुए दूसरों के लिए भी जीना दूसरी श्रेणी का माना जाता है। खुद के लिए न जीकर अन्य लोगों के लिए अपना संपूर्ण जीवन बिताना तीसरी श्रेणी का जीवन माना जाता है। खुद …
Read More »बेदम साँस-नफे सिंह कादयान
जिस्म की बेचैनियों का कोई तो हल हो। एक आग सी है सीने में जो दिल से हरारत पा बुद्धि को रोशन रखती है। मस्तिष्क में फैली हुई हजारों मील लम्बी नाड़ियों की रक्तखुंबियों में हर समय जैसे बिजली सी चमकती है। ऐसे जैसे घनघोर काली घटाओं में कड़कती हुई विद्युत धाराएँ रोशनी के झमाके पैदा करती हैं। पहले जब …
Read More »सुनो जवानों -डॉ.सुरेन्द्र दत्त सेमल्टी
सुनों देश के वीर जवानों , कर्मचारियों और किसानों । देश भक्ति भाव जो मन में , पहले से भी जादा तानों ।। श्रमिक वर्ग और व्यापारी , विकास धारा से सारे जुड़े । कन्धे से कन्धा मिलाकर , प्रगति पथ पर सभी मुड़ें ।। देश के बालक बालिकायें , विश्व में परचम फहरायें । पहुॅंचा न जहाॅं तक कोई …
Read More »तुम से अच्छा कौन है-विनय बंसल
हमारे फेसबुक पेज को लाइक व फालो करें अपनी धड़कन के झूले पर, तुमने मुझे झुलाया।पीड़ाओ को झेला, सहकर पल में उन्हें भुलाया।खुद गीले में सो कर मुझको सूखी सेज सुलाया।जाग जाग कर रात रात भर, अपनी गोद बिठाया।पाला पोषा मुझको तुमने, अपना दूध पिलाया।स्वयं भले भूखी रह जाती, मुझको मगर खिलाया।संस्कार दीन्हे अच्छे अरु अच्छा पाठ पढ़ाया।आन पड़ी हो …
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