“हाऊ आर यू वर्जिन किंग” – राजीव राठी ने पवन मिश्रा को छेड़ते हुए कहा – “यार, तूने शादी नहीं की, अभी तक कुँवारे के कुँवारे हो .. बिना पार्टनर के जिन्दगी कितनी अधूरी और रंगहीन होती है,यह अब तक तुम समझ ही गए होगे ।” “किंग विंग नहीं, छड़े कहो छड़े” – वीरेंद्र, जिसने उन दोनों की बातें सुन …
Read More »बचपन की सच्ची भक्ति-सुधा दुबे
भीषण महामारी में पढ़ाई ना हो पाने के कारण स्कूल की परीक्षाएं किसी तरह समाप्त हुई। सभी शिक्षक उत्तर पुस्तिकाएं जांच कर परीक्षा परिणाम बनाने में लगे थे शाला की उत्तर पुस्तिका जांचने के पश्चात मास्टर दीनानाथ शाम के समय अपने घर लौट रहे थे। तभी अपनी बस्ती के मंदिर में घंटियां बजाते हुए हर्ष गौरव, और महेश देखें तीनों …
Read More »प्रतियोगिता के परिणाम घोषित
8वें गोपाल राम गहमरी साहित्यकार महोत्सव एवं सम्मान समारोह 2022 में आयोजित कहानी लेखन, लेख आलेख लेखन एवं खुद की फोटो प्रतियोगिता के परिणाम आज गणतंत्र दिवस के अवसर पर घोषित किये गये। प्रतियोगिता में लेख आलेख प्रतियोगिता शीर्षक महत्वाकांक्षा की भेट चढ़ता बचपन में डॉ नीलिमा तिग्गा, अजमेर राजस्थान ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। कहानी लिखो प्रतियोगिता के कांटो …
Read More »कांटो का सफर-पिंकी
(संघर्ष की कहानी) सुमन आंटी अपनी 3000 की नौकरी से घर का पूरा खर्च भी सही ढंग से नहीं चला पा रही थी , कि एक दिन छोटे बेटे के जन्म के बाद वह दवाई लेने अस्पताल गई हुई थी ,कि अचानक से उन्हें तेजी के साथ रक्तस्राव शुरू हो गया । डॉक्टर नर्स में अफरा-तफरी मच गई कि अभी तो …
Read More »महत्वाकांक्षा की भेंट चढ़ गया है बच्चों का बचपन ‘
आधुनिक युग में अति महत्वाकांक्षा की भेंट चढ़ गया है बच्चों का बचपन ‘प्रतियोगिता लेखन सम्मानित बचपन अर्थात मौज-मस्ती, आमोद-प्रमोद, खेलकूद, नटखटपन, शरारत, चुहलबाजी ये ही तो सब हैं ना …? ये तभी संभव है जब बच्चों को उसका साथ मिले I ज्यादा ढीलाई या ज्यादा कसना दोनों नुकसान हीं करते हैं I फिर भी पढ़े-लिखे समझने वाले समाज ने …
Read More »पहला और आखिरी प्यार-सोनिया
पिंकी एक सीधी साधी, भोली भाली और सुशील लड़की थी । वह एक प्राइवेट टेलीकॉम कम्पनी में काम करती थी । अजय भी उसी कम्पनी में काम करता था ।अजय पिंकी की मासूमियत से बहुत आकर्षित हुआ और मन ही मन पिंकी को चाहने लगा । जबकि अजय को यह भी आभास था कि पिंकी शादीशुदा है, क्यूँकि वह गले …
Read More »तिरंगा झंडा-मीरा जैन
पाठशाला में पुरस्कार वितरण के दौरान विजेता बच्चों को प्रमाण पत्र के साथ उनमे देशभक्ति की भावना को और अधिक सशक्त बनाने हेतु नगीने जड़ित फ्रेम में अति आकर्षक तरीके से सुसज्जित तिरंगा झंडा उपहार स्वरूप दिया गया । समस्त पुरस्कार प्राप्त बच्चे खुशी से चहक रहे थे उन्हे अपने विजेता होने का जितना गुमान नही था उससे कहीं …
Read More »खुशी का खजाना-वंदना पुणतांबेकर
राजा धुमसेन ओर रानी तारामती के वैभव की चर्चा दूर-दूर के राज्यों तक फैली हुई थी लेकिन राजा धुमसेन बहुत ही क्रोधी ओर लालची स्वभाव का था।उनके दुःख का एक ही कारण था कि उसे कोई संतान नही थी वह संतान की चाह में बहुत ही व्याकुल रहता।ना जाने कहाँ-कहाँ मंदिरों में जा-जा कर मनंते मांगता।रानी की व्याकुलता उससे देखी …
Read More »बेकार की बातें -वंदना
मैं खाट पर पड़े-पड़े धूप में बैठा मोबाइल देख रहा था। मां अपनी दिनभर की दिनचर्या में व्यस्त थी तभी घर का दरवाजा बजा।मां ने बिना देखे ही डिब्बे से दो रोटी निकाली और दरवाजा खोलने चली गई।अब उसके हाथ पहले की तरह काम नहीं करते थे और अब पैरों में भी कहां जान थी।जरा सा आंगन पार कर दरवाजा …
Read More »काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से जुड़े रोचक तथ्य…
1. सर्वप्रथम प्रयाग राज की सड़कों पर अपने अभिन्न मित्र बाबू गंगा प्रसाद वर्मा और सुंदरलाल के साथ घूमते हुए मालवीय जी ने हिन्दू विश्वविद्यालय की रूपरेखा पर विचार किया। 2. 1904 ई में जब विश्वविद्यालय निर्माण के लिए चर्चा चल रही थी तब कइयों ने इसकी सफलता पर गहरा शक भी प्रगट किया था। कइयों को विश्वास ही नहीं …
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