होली: खुशी, उत्साह और आपसी सौहार्द का प्रतीक – रंगों का त्योहार होली खुशी, उत्साह और आपसी सौहार्द का प्रतीक है। यह भारत के सबसे प्राचीन और लोकप्रिय त्योहारों में से एक है, जिसे न केवल भारत में बल्कि नेपाल सहित दुनिया भर के 50 से अधिक देशों में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। होली सिर्फ हिंदू संस्कृति तक …
Read More »अनोखी दोस्ती-प्रबुद्धो घोष
रहस्यमय दुनिया में निश्चलरहस्यमय माहौल से भरी हवा में 55 वर्षीय निश्चल डूबे हुए थे। उन्हें तंत्र-मंत्र, भूत-प्रेत और अनदेखी शक्तियों में गहरी रुचि थी। उनका छोटा सा घर प्राचीन वस्तुओं, रहस्यमयी किताबों और एक अजीब-सा माहौल से सजा हुआ था, जो आने वाले लोगों को सहमाने पर मजबूर कर देता था। निश्चल की दुनिया में बस दो वफादार साथी …
Read More »स्पाइसजेट के कर्मचारीयों पर दहाड़ी बनारस की शेरनी -जाने पूरा मामला
पहला भाग (1 मार्च 2025 की घटना)1 मार्च 2025 को दिल्ली एयरपोर्ट पर स्पाइसजेट ने दिल्ली से लेह जाने वाली फ्लाइट को मौसम के आधार पर रद्द कर दिया। फ्लाइट में 15 सैनिक और 125 सामान्य यात्री थे। फ्लाइट के रद्द होने के बाद स्पाइसजेट ने यात्रियों को कोई सुविधा नहीं दी और न ही उन्हें वैकल्पिक फ्लाइट का विकल्प …
Read More »महाकुंभ में श्रद्धालुओं और मौत के बीच बने रहे सिपाही और दरोगा
महाकुंभ जैसे आयोजन पर कलम चलाने से पहले बहुत कुछ सोचना पड़ता है। एक बार अधजल ज्ञान से इस पर लिखा जा सकता है, लेकिन उसकी प्रकृति, महत्त्व और रंगों पर लिखना हम साधारण मानव के बस की बात नहीं है। इसीलिए मैंने महाकुंभ में कई दिनों के प्रवास के बाद भी कुछ लिखने की हिम्मत नहीं जुटाई। परंतु अपने …
Read More »मातृभाषा दिवस पर पटना बिहार से माधुरी सिंह
मातृ भाषा को भी वही सम्मान प्राप्त होता है जो माँ को प्राप्त होता है। समाज में माँ के अमूल्य योगदान को सम्मान देकर और स्मरण कर हम जिस प्रकार खुद को सम्मानित करते हैं उसी तरह मातृभाषा का सम्मान कर हम अपने आप को एक विशेष पहचान देते हैं। जिस प्रकार मॉं बच्चों के जीवन को आकार देने, नैतिक …
Read More »सपना की कहानी अहसान
“मैं इस आदमी की कुछ नहीं लगती,सुना आपने !.और ये रिश्ते की दुहाई देना बंद कीजिए आप मुझे।” स्वरा,जिसके स्वर में सुर नदी की तरह बहती थी.शास्त्रीय संगीत में जिसने खुब ख्याति पाई थी,आज उसकी आवाज में कितनी कठोरता दिख रही थी.जिंदगी उसके सामने ऐसी लकीर खिंचेगी जो आर या पार की होगी,उसने कभी सोंचा भी नहीं था.अचानक से उठे …
Read More »मातृभाषा दिवस पर कुशराज की बुंदेली कहानी रीना
रीना काछिन भोरे अपनी बखरी खों झार रई ती। बा गिनठी, गोरी – नारी फटी – पुरानी धुतिया पैरें; माओ के यी जाड़े में आठ साल पुरानो मैलो – कुचैलो साल ओढ़ें रोजीना कौ काम निपटा रई ती। बा बीए पास करकें आई ती सिरकारी बुंदेलखंड कॉलेज, झाँसी सें। यीके बाप – मताई गरीब हते ऐईंसें जा गांओं में बिया …
Read More »मातृभाषा दिवस पर दीपमाला की छत्तीसगढ़ी कहानी सुरता
सुरता हमर अउ हमर पुराना दिन के बीच के कतका सुग्घर रिश्ता हरे l सुरता नहीं रतीस त हमन कहाँ पुराना दिन ल समेटे रतेंन l आज मइके आहों मेहा बस में l बस ले उतरे हो बस स्टैंड म l लागिस कोनो ले बर आय होहीl फेर कहाँ कोई आ हे, फोन लगाय हों घर मा त भौजी ह …
Read More »मातृभाषा दिवस पर उत्तराखंड से लक्ष्मी चौहान
आज 21 फरवरी को अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस की 25वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है।भाषाई और सांस्कृतिक विविधता को संरक्षित करने, बढ़ावा देने और बहु -भाषावाद को प्रोत्साहित करने के लिए हर साल 21 फरवरी को अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाया जाता है। 17 नवंबर 1999 को यूनेस्को ने इसे स्वीकृति प्रदान की थी। साल 2000 में पहली बार इसे पूरी दुनिया …
Read More »अर्चना त्यागी की कहानी परवरिश
साहित्य सरोज कहानी प्रतियोगिता 2025 की कहानी, इस कहानी पर अपना कमेंट अवश्य दें। आज सुबह जैसे ही सोकर उठा वृद्धाश्रम से फोन आया। जो सूचना मिली उसे सुनकर मेरा दिल बैठ गया। एक बार तो आंखों के सामने अंधेरा ही छा गया। समझ नहीं आ रहा था कि क्या करूं ? घरवालों को कुछ बताऊं या नहीं ?पिछले रविवार …
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