भक्ति की लोकप्रिय अवधारणाओं और भारतीय महाकाव्य रामायण में सबसे महत्वपूर्ण व्यक्तियों में प्रधान हनुमान जी भगवान शिवजी के सभी अवतारों में सबसे बलवान और बुद्धिमान हैं । भूमंडल पर हनुमान जी को अमरत्व का वरदान प्राप्त है । शक्ति, ज्ञान, भक्ति एवं विजय के भगवान, बुराई के सर्वोच्च विध्वंसक, भक्तों के रक्षक हनुमान जी को महाबली , महावीर , …
Read More »त्रयम्बकेश्वर परिभ्रमण-सत्येन्द्र कुमार पाठक
महाराष्ट्र राज्य के नाशिक ज़िले का मुख्यालय गोदावरी नदी के किनारे स्थित नासिक है। नासिक में पंचवटी , राम कुंड , लक्षमण कुंड , तपोवन , हनुमानजी की , गोदावरी नदी एवं कपिला नदी संगम , गोदावरी घाट, सीता गुफा , लक्षमण द्वारा खिंची गयी लक्ष्मण रेखा , सूर्पनखा का नाक कान काटने का स्थल , माता सीता को भगवानराम …
Read More »जिओ और जीने दो का प्रणेता भगवान महावीर स्वामी
भगवान महावीर का जन्म बिहार के वैशाली जिले के कुंडग्राम में इक्ष्वाकु वंशीय राजा सिद्धार्थ की पत्नी त्रिशला के गर्भ से छात्र शुक्ल त्रयोदशी 599 ई. पू. में अवतरित हुए थे । चौबीसवें तीर्थंकर महावीर को वीर, अतिवीर, वर्धमान, सन्मति महावीर स्वामी , महावीर वर्द्धमान कहा जाता है । 72 वर्षीय भगवान महावीर स्वामी को बिहार के नालंदा जिले का …
Read More »सनातन धर्म का नववर्ष है चैत्र शुक्ल प्रतिपदा-सत्येन्द्र
सत्येन्द्र कुमार पाठकचैत्र शुक्ल प्रतिपदा से प्रारम्भ होने वाला हिन्दू नववर्ष , गुड़ी पड़वा , मराठी-पाडवा और हिन्दू नव संवत्सरारम्भ माना जाता है। चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा को गुड़ी पड़वा या वर्ष प्रतिपदा या उगादि एवं युगादि कहा गया है। गुड़ी’ का अर्थ ‘विजय पताका’ है। शालिवाहन ने मिट्टी के सैनिकों की सेना से प्रभावी शक का पराभव करने …
Read More »धर्म-नरेन्द्र कुमार
धर्म (Dharm )क्या है ? धर्म शब्द के उच्चारण से लोग हिन्दू ,मुसलमान ,सिक्ख ,ईसाई ,पारसी, यहुदी ,जैन और बौद्धिष्ट होने का अर्थ लगाते हैं। अंग्रेजी शब्द ‘RELIGION ‘ (रिलिजन) को धर्म शब्द के लिए इस्तेमाल किया जाता है ,जो मेरे विचार से सही नहीं है। ‘RELIGION ‘ का उचित हिंदी रूपान्तर सम्प्रदाय होता है। सम्प्रदाय का अभिप्राय विभिन्न धर्मावलम्बी …
Read More »फूलदेई पर्व की एक विशेष रस्म – फुलछोला या अट्वाड़ा
हेमंत चौकियालरा० उ० प्रा० वि० गुनाऊँब्लॉक-अगस्त्यमुनि, रुद्रप्रयागउत्तराखण्ड
Read More »एक पत्रकार की यात्रा
धर्म कर्म के प्रति हिन्दुत्व आस्था और विश्वास पूर्वजों द्वारा स्थापित सदियों पुरानी एक जीवंत आदर्श परंपरा है। जिसमें निर्जीव प्रतिमाएं सजीवता का दर्शन कराते हुए सनातनी परंपरा को पुख्ता कर अकाट्य उदाहरण प्रस्तुत करती हैं। सनातन धर्म के विश्वास- पथ पर बलवती होती हिंदुत्व की उत्कट अभिलाषाएं आस्तिक जनों के अन्तर्मन् को बर्बस आह्लादित करती रहती हैं।हिन्दू धर्म की …
Read More »अभिभावक की महत्वाकांक्षा पर खोता बचपन-सुनीता
“बचपन से ही तो रूठ गईबचपन की मासूमियतजब अभिभावकों की महत्वाकांक्षाका सैलाब हर सपने को समेट गयारह गई केवल माँ पिता की इच्छाजिन्हें पूरा करने में उम्र गुजर गई l”विश्व के किसी भी देश में जा कर सर्वेक्षण कर लीजिए अविभावक और बच्चों लेकर सभी जगह एक जेसी स्थिति है lसच तो यही है कि हर अभिभावक का सपना होता …
Read More »अभिवावक की महत्वाकांक्षा में खोता बचपन-राज फौजदार
बच्चे देश की धरोहर होते हैं ।परिवार में आने वाले भविष्य की नींव माता-पिता की उम्मीद की पूंँजी होते हैं ।बच्चों का मानसिक स्तर कैसा है? उसकी रुचि क्या और किस तरफ है? रूचि सब की एक समान नहीं होती कहते हैं –(1)”पूत के पांँव पालने में ही दिख जाते हैं।”(2) हौन हार बिर वान के होत चीकने पात” बच्चा …
Read More »मेरा गांव मेरा बचपन-अजय
“वर्षों पहले पीछे छूट गया वो पुस्तेनी गांव?”कह मिस्टर डिसूजा ने अपनी बात पूरी की तो विस्मृति स्मृति की रेखाएं बरबस ही चेहरे पर खिंच गई। हां अवश्य केबिन में लगे पंखे की खटखट की ध्वनि विचारों में दखल दे रही थी, जिस पर माघमास ने अपना डेरा समेटा तो फागुन ने अपना पैर पसार लिया था,अतः वातावरण में गर्मी …
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