लेख-आलेख

12th फेल क्यों देखना-समीक्षा तैलंग

••एक दर्शक की प्रतिक्रिया•• 12th फेल क्यों देखना है? क्योंकि वो मेरे गृहनगर ग्वालियर और उस क्षेत्र की कहानी है इसलिए? या इसलिए कि लाइफ में सक्सेसफुल कैसे बना जाता है? इसमें कोई दो राय नहीं कि गृहनगर और उसकी कहानियों को बड़े पर्दे पर देखना रोमांचित करता है। हम अपनी माटी से प्यार करते हैं इसलिए यह सहजभाव आना …

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उफ्फ्फफ्फ्फ़ ये प्री -वेडिंग शूट-सीमा”मधुरिमा”

संस्कृति कैसे बदलती है धीरे धीरे ये समझना होगा । अभी तक तो शादी विवाह में सेल्फी और डि जे पर थिरकना ही फैशन था । अब एक नया फैशन ट्रेंड में आ गया है । अब जब किसी नई जगह शादी विवाह में जाईयेगा तो गौर करियेगा । जहाँ ये ट्रेन्ड न दिखे आप समझ लीजियेगा की अत्यंत ही …

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हमारी भी आत्मा की शांति के लिए उठाये सरकार कदम- डीडी अखंड गहमरी

मतदाता दिवस पर विशेषआदरणीय सरकार जी, नमस्ते, प्रणामआशा है कि आप कुशलतापूर्वक रहते हुए आज मतदाता दिवस पर विशेष कार्यक्रम कर के मतदाताओं को लुभाने-रूझाने और पूड़ी-पाड़ा खिलाने का काम कर रहे होगें।लेकिन बड़े दुःख के साथ हमें यह कहना पड़ रहा है कि आपका वो मतदाता, जो आपको सबसे अधिक सबसे अधिक प्यार करता है। जो आंधी-पानी, तूफान-सुनामी, सर्दी-बर्फबारी, …

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जब श्रीकृष्ण कहलाये रणछोड़-सोनल मंजू श्री ओमर

श्रीकृष्ण भगवान का एक नाम रणछोड़ भी है। वैसे तो रणछोड़ एक नाम है लेकिन रणछोड़ का अर्थ होता है- “युद्ध का मैदान छोड़कर भागने वाला।” पुराणों में मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण दो बार अपनी युद्ध स्थली छोड़कर भाग आये थे। तब उनके प्रतिद्वंद्वी ने उन्हें रणछोड़ कहा था।          वो पौराणिक कथाएँ कुछ इस प्रकार है कि जब भगवान …

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अमूर्त पेंटिंग में आध्यात्मिकता-प्रबुद्धो घोष

संक्षेप पेंटिंग एक मोहक माध्यम के रूप में कार्य करती है जो प्रतिनिधित्व की सीमाओं को पार करती है, जिससे कलाकारों को आध्यात्मिकता के दायरे में आने और मानव अनुभव के अप्रभावी पहलुओं को व्यक्त करने की अनुमति मिलती है। अमूर्त के विशाल कैनवास में, कलाकारों को एक स्थान मिलता है जहां वे अमूर्त, अनदेखी और अस्तित्व के आध्यात्मिक आयामों …

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अयोध्या त्रेता से भविष्य तक -विवेक रंजन श्रीवास्तव

भारतीय मनीषा में मान्यता है कि देवों के देव महादेव अनादि हैं। उन्हीं भगवान् सदाशिव को वेद, पुराण और उपनिषद् ईश्वर तथा सर्वलोकमहेश्वर कहते हैं। भगवान् शिव के मन में सृष्टि रचने की इच्छा हुई। उन्होंने सोचा कि मैं एक से अनेक हो जाऊँ। यह विचार आते ही सबसे पहले शिव ने अपनी परा शक्ति अम्बिका को प्रकट किया तथा …

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हिन्दी सागर में भाषा नदियां समाहित है हिंदी

सत्येन्द्र कुमार पाठकहिन्दी सागर में  भाषा नदियां  प्रवाहित होकर एकता का संदेश देती है । भारत में प्रत्येक वर्ष 14 सितंबर को “हिंदी दिवस” मनाया जाता है। हिंदी विश्व में बोली जाने वाली प्रमुख भाषाओं में से एक है। विश्व की प्राचीन समृद्धि और सरल भाषा होने के साथ-साथ हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा भी है। यह समस्त संसार में हमें सम्मान …

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कहावत घाघ की

पुराने समय में जब आधुनिक तकनीकों का प्रचलन नहीं था, उस समय मौसम आधारित भविष्‍यवाणियां सटीक होती थीं, जो अनुभवी लोगों द्वारा समय-समय पर की जाती थीं। ऐसे ही अनुभवी कवियों में माने जाते हैं, अकबर के समय के महाकवि घाघ। इनकी जन्मभूमि कन्नौज के पास चौधरी सराय नामक ग्राम बताई जाती है। कहा जाता है अकबर ने प्रसन्न होकर इन्हें …

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मेरा नया नाम

गंगा किनारे बसे एशिया के सबसे बड़े गांव जहां लगभग दस हज़ार घर हैं और हर घर से एक ना एक जवान देश की रक्षा में सीमा पर तैनात है उस मशहूर गांव गहमर (गाज़ीपुर) में गहमर वेलफेयर सोसाइटी एवं साहित्य सरोज पत्रिका द्वारा तीन दिवसीय “9वें गोपाल राम गहमरी साहित्य एवं कला महोत्सव” में जाने का अवसर प्राप्त हुआ …

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यूँ ही बना रहे प्‍यार -अखंड गहमरी

आप सभी को अखंड गहमरी का प्रणाम किसी भी आयोजन के प्रारंभ से लेकर स्थगन हर लोकगीत गायक के वादक बने थे और जिनका उप नाम दिलफेंक पड़ा के जाने पर आंगन सूना हो समाप्त हुआ। जैसा कि परिवारों के आयोजन में होता है कोई रूठा तो कोई माना, कोई काम किया तो कोई आंख ततेरा वैसा ही इस कार्यक्रम …

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