यदि आप एक स्क्रिप्ट राइट हैं तो आपके लिए है इतिहास बनाने का एक शानदार मौका। गाजीपुर गहमर के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वीर मैगर सिंह के जीवन के एक मुख्य भाग पर एक डाकुमेंट्री फिल्म साहित्य सरोज पत्रिका द्वारा बनने जा रही है। फिल्म की कहानी का एक भाग यहॉं दिया जा रहा है, आपको उस पर स्क्रिप्ट लिखना …
Read More »जब मैं छोटी बच्ची थी
हमारी माता स्व शांतिदेवी वार्ष्णेय और स्व पिता प्रेमपाल वार्ष्णेय जी ने खून – पसीने से परिवार हेतु प्यारा दिव्य , भव्य आध्यात्मिक, स्वधर्म , स्वघर ‘ शांति निकेतन ‘ बनाया था। वे संसार से चले गए , पर वह घर शांति निकेतन ईंट – गारे का नहीं था । वह घर हम सब भाई – बहनों , माँ -पिता …
Read More »खून के रिश्ते
“मम्मी-मम्मी, बड़े पापा की तबीयत अचानक से बहुत खराब हो गई है। वे खून की उल्टियां कर रहे हैं। बड़ी मम्मी जोर-जोर से रो रही हैं।” बारह वर्षीय बेटे संतोष ने अपनी मम्मी को धीरे से बताया।”क्या कहा… खून की उल्टियां… भैय्या को… फिर से… खून की उल्टियां…।” काम से लौट कर अपने कमरे में आराम कर रहे संतोष के …
Read More »गोलगप्पे खाने जैसा मजा : बातें कम स्कैम ज्यादा
गोलगप्पे खाने जैसा मजा : बातें कम स्कैम ज्यादापुस्तक चर्चा बातें कम स्कैम ज्यादाव्यंग्यकार … नीरज बधवारप्रभात प्रकाशन ,नई दिल्लीपृष्ठ .. 148 मूल्य 250 रुचर्चा … विवेक रंजन श्रीवास्तव , भोपाल बड़े कैनवास के युवा व्यंग्यकार नीरज उलटबासी के फन में माहिर मिले . किताब पर बैक कवर पर अपने परिचय को ही बड़े रोचक अंदाज में अपराधिक रिकार्ड के …
Read More »पुस्तक चर्चा -नासे रोग हरे सब पीरा
पुस्तक चर्चानासै रोग हरे सब पीरा …श्री हनुमान चालीसा की विस्तृत विवेचनालेखक .. पं अनिल कुमार पाण्डेयआसरा ज्योतिष केंद्र , साकेत धाम कालोनी , मकरोनिया , सागरमूल्य २५० रुपये, पृष्ठ १८४ , प्रकाशन वर्ष २०२३चर्चा… विवेक रंजन श्रीवास्तव , मीनाल रेजीडेंसी , भोपाल ४६२०२३ गोस्वामी तुलसीदास सोलहवीं शती के एक हिंदू कवि-संत और दार्शनिक थे . उन्होंने भगवान राम के …
Read More »हिन्दू राष्ट्र के पुर्नप्रवर्तक महान देश भक्त छत्रपति शिवाजी
पिन कोड ४६२०१६ मतलब , शिवाजी नगर भोपाल ! इसलिये विशेष रूप से भोपाल वासियों को तो छत्रपति शिवाजी के बारे में संज्ञान होना ही चाहिये . देश के अनेक नगरों में शिवाजी नगर हैं , कई चौराहों , पार्क आदि सार्वजनिक स्थलों पर छत्रपति शिवाजी की मूर्तियां स्थापित हैं . वर्तमान में गुजरात में बनी दुनिया की सबसे ऊंची …
Read More »ये लफ्ज़ आईने हैं-कुमकुम कुमारी
हमारा बाहरी सौंदर्य कुछ समय के लिए लोगों को प्रभावित कर सकता है परंतु अपनी अमिट छाप छोड़ने के लिए आवश्यक है कि हम अपने लफ्ज़ यानी शब्दों को प्रभावशाली बनाएँ। क्योंकि हमारे नहीं रहने के बाद भी हमारी आवाज़ ही हमारी पहचान होगी। इसलिए बोलते वक्त हमें हमेशा ऐसा शब्दों का चयन किया जाना चाहिए जिससे हमारे मन की …
Read More »तार सप्तक की कवयित्रियों के कविता में स्त्री-विमर्श-डॉ. माया दुबे
प्रस्तावना– विश्व की विभिन्न संस्कृतियों के निर्माण में स्त्री का योगदान महत्वपूर्ण है। किसी भी राष्ट्र की संस्कृति एवं सभ्यता के विरमान में स्त्री की भूमिका नि:संदेह अग्रणी है । भारत में स्त्री को देवी के रूप में पूजा जाता था, ईश्वर की कल्पना अर्धनारीश्वर के रूप में है। स्त्री की महत्ता माँ पत्नी, भगिनी, बेटी सभी रूपों में महत्वपूर्ण …
Read More »हम ऐसे क्यों हैं-नरेन्द्र कुमार
इस सृष्टि को सुचारु रूप से चलाने के लिए विभिन्नता अतिआवश्यक है। आप अपनी तलहथी को देखें अगर आपका सभी अंगुलियाँ बराबर हो जाये तो क्या ए सभी कार्य अभी जितना कुशलता से करता है , कर सकेगा , जबाब है नहीं। पहला अंतर रंग और आकृति से है , जो वंश (जनरेशन) से नियंत्रित होता है। जो जिस प्रकार …
Read More »समीक्षा- गुलाबी कमीज़ रहस्य रोमांच से भरपूर उपन्यास
उपन्यास-गुलाबी कमीज़ उपन्यासकार- कामना सिंह प्रकाशक- भारतीय ज्ञानपीठ, 18- इंस्टीट्यूशनल एरिया, लोधी रोड, नई दिल्ली- 110033 मोबाइल नंबर 93505 36020 पृष्ठ संख्या- 135 मूल्य- ₹270 बच्चों के लिए उपन्यास लिखना टेढ़ी खीर है। इसको लिखते समय बहुतसी बातों का ध्यान में रखना पड़ता है। उसका कथानक बड़ों से अलग होता है। उसकी कहानी सीधी, सरल व सहज हो। भाषा शैली …
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