सौंदर्य क्या है? क्या बाहरी रूप और दिखावट ही सौंदर्य है? आम तौर पर हम आँखों को सुकून देने वाली चीज़ों को सुंदर मान लेते हैं; जैसे, किसी फूल की पंखुड़ियाँ, किसी पर्वत की ऊँची चोटी, या किसी की मनमोहक मुस्कान। अब सवाल यह उठता है कि क्या जो दिखाई देता है वही सौंदर्य है? या फिर, वास्तविक सौंदर्य वह …
Read More »भिवानी के गाँव बड़वा में- आस्था के साथ खेल संस्कृति का प्रवाह ‘लोकदेवता बाबा रामदेव मेला’
भिवानी के गाँव बड़वा में लगने वाले बाबा रामदेव के मेले में हर वर्ष हजारों धर्म-प्रेमी लोकदेवता बाबा रामदेव महाराज के दर्शन के लिए आते हैं। मेले में तरह-तरह की दुकानें सजाई जाती है। अनेक प्रकार के झूले डलते हैं और खेलों का आयोजन किया जाता है। शुरुआती दौर में मेले में ऊंटों का नृत्य और दौड़ आकर्षण का केंद्र …
Read More »“बैंकॉक आर्ट बिएनाले 2024”: कला के माध्यम से धरती और मानवता का संरक्षण- प्रबुद्ध घोष
बैंकॉक आर्ट बिएनले (BAB) 2024 का विषय “नर्चर गैया” (थाई भाषा में “रक्षा गया”) है, जो माँ पृथ्वी की पोषण शक्ति को दर्शाता है। यह आयोजन मानवीय अस्तित्व से जुड़े गंभीर मुद्दों की रचनात्मक पड़ताल करता है। 25 फरवरी 2025 तक चलने वाले इस चौथे संस्करण में जलवायु परिवर्तन, पर्यावरणीय क्षरण, महामारी और सामाजिक संकटों को केंद्र में रखा गया …
Read More »फिल्मों का युवाओं पर नकारात्मक प्रभाव-संजय सिंह चौहान
फिल्में मनोरंजन का एक महत्वपूर्ण माध्यम हैं, जो समाज में विचारों और संस्कृति को प्रभावित करने की क्षमता रखती हैं। लेकिन जहाँ एक ओर फिल्मों का सकारात्मक प्रभाव हो सकता है, वहीं दूसरी ओर कई बार फिल्मों का युवाओं पर नकारात्मक प्रभाव भी देखा गया है। विशेष रूप से जब फिल्में गलत संदेश देती हैं या हिंसा, असंवेदनशीलता, और अव्यवस्थित …
Read More »बसन्त पंचमी-लक्ष्मी चौहान
बसन्त’ पंचमी’ या ‘श्री पंचमी’ भारतीय संस्कृति में एक महत्वपूर्ण पर्व है, जिसे हर साल माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। बसंत पंचमी पूरे भारत में हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है। शास्त्रों में बसंत पंचमी को ‘ऋषि पंचमी’ के नाम से भी जाना जाता है। हिन्दू धर्म में इस दिन विद्या की देवी …
Read More »लेह-लद्दाख सुंदरता और समस्याओं का संंगम-ज्याेति
भारत के उत्तर में स्थित एक खूबसूरत और सांस्कृतिक विरासत से भरपूर क्षेत्र लेह -लद्दाख है, जो प्राकृतिक खूबसूरती के नाम से विख्यात एवं प्रसिद्ध है इसके साथ ही ठंड तो हर स्थान को प्रभावित करते हैं परंतु उसका असर आम लोगों को उतना परेशान नहीं करता जितना कि लेह लद्दाख का ठंड आम लोगों की जीवन को प्रभावित करता …
Read More »बहुमुखी प्रतिभा के धनी लाला लाजपत राय-दिनेश
साप्ताहिक लेखन -01 लेख-आलेख भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के अमर सेनानी, समाज सुधारक, पत्रकार और विचारक लाला लाजपत राय एक ऐसी महान विभूति थे, जिनका व्यक्तित्व और कृतित्व इतना बहुमुखी था कि उन्हें किसी एक भूमिका में सीमित करना असंभव है। उन्होंने न केवल देश की आज़ादी के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर किया, बल्कि समाज के उत्थान और शिक्षा के प्रसार …
Read More »लाला लाजपत राय: बहुमुखी प्रतिभा के धनी स्वतंत्रता सेनानी -रेखा
साप्ताहिक आयोजन 1 लाला लाजपत राय भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान नेता, समाज सुधारक, शिक्षाविद् और लेखक थे। वे न केवल ब्रिटिश शासन के खिलाफ संघर्ष के लिए जाने जाते हैं, बल्कि समाज सुधार और राष्ट्रवाद को भी बढ़ावा देने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उनकी प्रतिभा के कई पहलू थे, जिनमें राजनीति, शिक्षा, लेखन और सामाजिक सुधार शामिल …
Read More »बहुमुखी प्रतिभा के धनी लाला लाजपत राय-ज्योति सिंह
बुधवार से गुरुवार विद्या- आलेख ( गद्य) विषय-“बहुमुखी प्रतिभा के धनी लाला लाजपत राय” हमारे देश के वीर ,भारत मां के लाल सपूत, स्वतंत्रता सेनानी, बहुमुखी प्रतिभा के धनी लाला लाजपत राय जी का जन्म 28 जनवरी 1865 को पंजाब के फिरोजपुर में हुआ था। 17 नवंबर 1928 को लाहौर में यह हमेशा के लिए भारत मां के गोद में …
Read More »प्रयागराज भगदड़: प्रशासनिक लापरवाही या भक्तों का उन्माद-प्रियंका सौरभ
एक पौराणिक शहर की सीमाओं पर विचार करना चाहिए, जिसे अपनी धार्मिक विरासत को बनाए रखते हुए आठ करोड़ लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का काम सौंपा गया है। दस लोगों के लिए डिज़ाइन की गई जगह में सौ लोग कैसे रह सकते हैं? यह विचार करने के लिए एक महत्त्वपूर्ण मुद्दा है। इसके अलावा, वीवीआईपी संस्कृति और सरकार के …
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