धनबाद (झारखंड)। समाजसेवा और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में अपनी विशिष्ट पहचान बनाने वाले श्री दुलाल मुखर्जी का जीवन संघर्ष और साहस का जीवंत उदाहरण है। 21 जनवरी 1992 को झारखंड के धनबाद जिले के ब्रह्मणडीहा गांव में जन्मे दुलाल मुखर्जी ने विपरीत परिस्थितियों के बावजूद अपनी मेहनत और संकल्प के बल पर सफलता की बुलंदियों को छुआ है। श्री …
Read More »कब, कैसे, कहॉं की फिक्र में कब पहुँच गई गहमर-संगीता गुप्ता
कवि और कवयित्रीयों के बीच मुझे रहने और उनके अनुभवों को जानने का मौका मुझे पहली बार मॉं कामाख्या की धरती गहमर में मिला। पहला दिन शुक्रवार 20 दिसम्बर को मैं गहमर पहुॅंची। रास्ते में फिक्र हो रही थी कि कहाँ जाना है? जगह कैसा होगा? लोग कैसे होगें? मैं तीन दिनों तक वहाँ रह पाँऊगीं कि नहीं ? सब …
Read More »संस्कृति की जड़ों में आधुनिकता की हवा
भारतीय संस्कृति अपने आप में एक गूढ़ और व्यापक धरोहर है, जिसका प्रभाव केवल भारत में ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व में सदियों से महसूस किया जा रहा है। यह संस्कृति मानवीय मूल्यों, आध्यात्मिकता, नैतिकता, सहिष्णुता और परोपकार जैसे तत्वों का समुच्चय है, जिसने न केवल भारतीय समाज को गढ़ा है, बल्कि दुनिया भर को एक संतुलित और संयमित जीवन …
Read More »शब्द-संधान : शब्दों के सम्यक् प्रयोग का विवेचन करती पुस्तक-प्रमोद दीक्षित मलय
शब्द केवल अभिव्यक्ति का माध्यम नहीं, अपितु जीवन के संगीत और रचनात्मकता के राग का प्रतीक भी होते हैं। अर्थ की धरोहर लिए हुए ये शब्द न केवल लोक-चेतना को परिष्कृत करते हैं, बल्कि उसे परिमार्जित भी करते हैं। हम जानते हैं कि परस्पर पर्याय होने के बावजूद शब्दों के अर्थ में सूक्ष्म भिन्नताएँ होती हैं। यह भिन्नता, किसी शब्द …
Read More »बच्चों में बढ़ती अवसाद की भावना-सीमा रानी
आज के समय में बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य को लेकर चिंताएं दिनों दिन बढ़ती जा रही हैं। बच्चों पर जरूरत से ज्यादा पढ़ाई का दबाव बढ़ता जा रहा है , माता-पिता की अपेक्षाएं भी बच्चों से बढ़ती जा रही है। सामाजिक प्रतिस्पर्धा की भी वही स्थिति है और तकनीकी युग में बढ़ता स्क्रीन टाइम बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य को बुरी …
Read More »उपभोक्ता और डिजिटल मार्केटिंग-अवनीश
आज के समय में डिजिटल तकनीक ने हर क्षेत्र में क्रांति ला दी है, और यह बदलाव उपभोक्ता व्यवहार और डिजिटल मार्केटिंग के क्षेत्र में भी गहराई से महसूस किया जा रहा है। उपभोक्ताओं की पसंद और आदतें अब डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से आकार ले रही हैं।डिजिटल क्रांति ने दुनिया को बदलने में अहम भूमिका निभाई है। इंटरनेट और …
Read More »भारत भूमि संतों की भूमि है सांता की नहीं-शीला शर्मा
क्रिसमस यीशु मसीह के जन्म की याद में मनाया जाने वाला एक वार्षिक त्यौहार है , जो मुख्य रूप से 25 दिसंबर को दुनिया भर के अरबों लोगों के बीच एक धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सव के रूप में मनाया जाता है। भारत एक धर्मनिरपेक्ष राज्य है और यहां सभी धर्म को अपना-अपना त्यौहार मनाने का और अपने परंपरा के अनुसार …
Read More »बदले हालात-डॉ. दीक्षा चौबे
क्षितिज ने स्कूल से आते ही अपना बस्ता फेंका और यूनिफॉर्म बदल कर जल्दी से हाथ-मुँह धोया ताकि पिंटू ,अनीश से पहले वह खेल के मैदान में पहुँच सके। तभी रसोईघर से आती खुशबू ने उसके कदम रोक लिए। समोसे….चिल्लाते हुए वह रसोई में जाकर मम्मी से लिपट गया। मम्मी उसकी इस हरकत को देखकर मुस्कुराने लगी । उन्हें पता …
Read More »प्रकृति की गोद में बसा प्यारा सा गांव डोंगरिगुड़ा-दीपमाला
प्रकृति की गोद में बसा प्यारा सा गांव डोंगरिगुड़ा, जैसे प्रकृति ने अपना समस्त ममत्व, प्यार, दुलार इस पर वार दिये हो l झरने की कल-कल ध्वनि, गाय बैल के गले से बजती हुई घंटियों की आवाज, चहकते हुये पक्षियों का कलरव अपने आप में अनुपम l इसी गांव में बुधनी व समारू का छोटा सा परिवार रहता है l …
Read More »विनोबा जी की पंचजनशक्ति अवधारणा- डॉ शीला शर्मा
महान स्वतंत्रता सेनानी समाज सेवक एवं आध्यात्मिक नेता आचार्य विनोबा भावे जी ने एक अवधारणा बनाई जो सामाजिक संगठन से संबंधित है। आचार्य विनोबा भावे जी एक राष्ट्रीय अध्यापक की तरह हमेशा मूल रूप से एक चलता-फिरता विश्वविद्यालय होने के नाते, उन्होंने इन पांच जन शक्ति को आम लोगों के सामने उनकी अपनी भाषा में प्रस्तुत किया। इसका प्रभाव लंबे …
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