लेख-आलेख

संस्‍कार की पाठशाला- दीपमाला

कभी मैकाले ने जो बीज बोये थे, आज उनकी कटीली फसल से समूचा देश लहूलुहान हो रहा है l पर मैकाले से मुकाबला कौन करे?यह सवाल आज के दौर में उसी तरह से है, जिस तरह कभी चूहों के झुंड में यह सवाल उठता था कि बिल्ली के गले में घंटी कौन बांधे?नुकसान से सभी परिचित हैं, पर समाधान का …

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विज्ञापन और धोखाधड़ी-ज्‍योति किरण रतन

वर्तमान समय में सोशल मीडिया के जरिए लोगों पर दिखावे की संस्कृति ज्यादा हावी हो गयी है ।किसी कम्पनी ने दावा किया कि उसके बनाये प्रोटीन पावडर से बच्चों का स्वास्थ्य अच्छा रहेगा या बच्चों में विकास भली भांति होगा तो बिना विचारे लोग उसी प्रोडक्ट का प्रयोग बच्चों के लिए करने लगते हैं । कभी किसी ने कहा दिया …

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अहिल्याबाई होलकर एक अद्वितीय प्रतिभा की साम्राज्ञी- डॉ शीला शर्मा

बहुत कम लोग ऐसे होते है जो स्थान और समय की सीमाओं को तोड़ , लोगो के दिलो में अपना स्थान बना लेते है , जीते जी किवदंती बन जाते है। होल्कर साम्राज्य की महारानी अहिल्याबाई ऐसी ही एक महिला थी जो अपनी न्यायप्रियता और प्रजावत्सलता के लिए जानी जाती हैं। उनकी न्यायप्रियता के किस्से आज भी एक आदर्श प्रस्तुत …

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रतन टाटा जी के चले जाने पर आम आदमी रोया क्यों? रेखा

रतन टाटा का नाम सिर्फ एक सफल उद्योगपति के तौर पर ही नहीं, बल्कि एक आदर्श इंसान के तौर पर भी लिया जाता है। उन्होंने भारतीय व्यापारिक जगत में बेजोड़ मुकाम हासिल किया है, लेकिन इसके साथ-साथ उनके मानवीय और संवेदनशील स्वभाव ने उन्हें आम जनता के दिलों में खास जगह दी है। 1. सादगी और विनम्रता-रतन टाटा का जीवन …

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एक कवियत्री का प्रेम पत्र-आयुषी कुमारी

प्रियतम सब कुछ सकुशल है सिवाय मेरे हाल-ए-दिल के। पत्र तो बहुत लिखे तुम्हारे जाने के बाद तुम्हारे नाम से लेकिन कभी हिम्मत ही नहीं हुई की पोस्ट कर सकूं। तुम्हारा नाम लेते ही कितनी यादें में महक उठती है। सोचती हूं ये भी लिखूं वो भी लिखूं और जब लिखने बैठी हूं तो दिल की सारी बेचैनी उतार देती …

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लाइब्रेरियन का लव लेटर-डॉ प्रदीप

  सेवा में मेरी जान लव यू लॉट। जब से तुम्हें देखा मैं अपना दिल हार बैठा। रात की नींद और दिन का चैन खो बैठा। सरकारी नौकरी वाली अच्छी खासी जिंदगी चल रही थी, अब तो उल्लुओं-सी तुम्हें ताकते हुए कट रही है। यकीन मानो सच कह रहा हूँ तुम्हारे दीदार के डे वन से आज तक ऐसा पल …

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पत्रकार का प्रेम पत्र-सीमा रानी

प्रिय “प्रेम की खबर: आपकी ओर से प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा में” प्रेम, जिसे आज की भाषा में सबसे बड़ी ब्रेकिंग न्यूज़ कहा जा सकता है, इस पत्रकार के दिल में भी एक ख़ास जगह बना चुका है। रिपोर्टिंग के दायरे से बाहर निकलते हुए, मैं आज आपके लिए व्यक्तिगत अनुभव साझा करने को मजबूर हूँ। यह ख़बर सिर्फ़ आपके लिए …

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मौन के मनके लघुकथा -अनीता सैनी

साल अस्सी का ही रहा होगा। पिरामल, पोद्दार का बोलबाला चहुँ ओर था पर तुम्हें इन सभी से क्या मतलब था? तुम दो जोड़ी बैल से जीवन हाँकते रहे और मैं तुम्हारे पीछे-पीछे खुडों में साँसें खपाती रही। बेटी के बाप का  संघर्ष सहज ही पीछा नहीं छोड़ता। मेरे बार-बार समझाने पर भी तुम एक पहर भी घर में सुख …

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सत्य का आग्रह सत्याग्रह:गीता सिंह

2 अक्टूबर को जब गांधी जयंती आती है तो हम अनेकों विचारों से घिर जाते हैं, उसमें से एक सबसे त्वरित और सम्मोहित कर देने वाला शब्द होता है सत्य। सत्य क्या है ? आखिर क्यों हर व्यक्ति दूसरों से तो इस सत्य की उम्मीद करता है  परंतु खुद उलझ जाता है ? क्या था गांधी जी का सत्य ? …

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हर समस्या का समाधान होता है आवश्यकता है उसको पहचानने की- डॉ शीला शर्मा

हम सबके जीवन में ढेर सारी समस्याएँ हैं। व्यक्ति समस्या से परे नहीं है। बावजूद इसके दुनिया में लोग अलग अलग स्तर पर इसलिए हैं क्योंकि उन्होनें समस्या का अलग अलग तरीके से समाधान किया। हर समस्या की एक सीमित अवधि होती है, श्रेष्ठ और साधारण लोगों के बीच एक यही फर्क होता है कि वो अपनी समस्या को किस …

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