साहित्य सरोज पत्रिका की संस्थापिका श्रीमती सरोज सिंह पत्नी श्री अशोक कुमार सिंह की 7वीं बरसी पर दिनांक 2 अप्रैल 2024 दिन मंगलवार शाम 7 बजे पत्रिका के प्रधान कार्यालय पर आयोजित कार्यक्रम में साहित्य सरोज पत्रिका के संपादक मंडल, प्रभारीयों, पदाधिकारीयों का चयन कर पत्रिका का विस्तार किया जा रहा है।साथ ही पत्रिका की वेबसाइट पर ”7 दिन सात …
Read More »राजधानी एक्सप्रेस के 55 वर्ष-साहित्य सरोज
आज से 55 वर्ष पूर्व 3 मार्च 1969 को भारतीय रेलवे ने इतिहास रचते हुए देश की राजधानी दिल्ली से पश्चिम बंगाल की राजधानी हाबड़ा के बीच दक्षिण एशिया की पहली तीव्र गति की पूर्ण वातानुकूलित एक लक्जरी ट्रेन का परिचालन शुरू किया। 1969 में आलीशान लक्जरी और सबसे तेज भागने वाली पूर्ण वातानुकूलित ट्रेन जिसने पहली बार 17 घंटे …
Read More »युवा ही रोक सकते हैं मां के आंसू- अखंड गहमरी
5 फरवरी 2024 को गहमर गॉंव का एक युवक फिर असमय काल के गाल में समा गया। इस बार भी कारण मोटरसाइकिल बनी। मैनें उस युवक के कई मित्रों की पोस्ट देखी। सबके दिलों में उसके बेसमय जाने का गम था, दर्द था। मगर आपने कभी सोचा है कि जब आप उसके मित्र है तो आपको इतना दर्द और गम …
Read More »ममता सिंह को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं
ममता सिंह को उनकी सफलता पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएंसबसे पहले मैं ममता सिंह को हर्बा लाइफ वर्ल्ड टीम का सदस्य बनने पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूँ और माँ कामाख्या से प्रार्थना करता हूँ कि आप निरन्तर प्रगति के पथ पर अग्रसर रहे। ममता सिंह के सफलता का श्रेह सबसे अधिक किसी को जाता है तो वह है …
Read More »गुम होती रिश्तों की मिठास-अखंड गहमरी
गाँव में कितनी भी दुश्मनी क्यों न हो, आपस में एक दूसरे के घर आना-जाना, खान-पान सब बंद क्यों न हो, परन्तु उस घर का कोई रिश्तेदार सामने से गुज़र गया तो क्या मज़ाल की ” का रे हितवा, कहाॅं जात बाड़े रे, कहीया अइले ह रे सा..“ या ”का पाहुन का हाल बा कहीया अइल ह“। फिर शुरू हो …
Read More »तरस जायेगें युवा ऐसी शादी को-अखंड सिंह गहमरी
पहले गाँव मे अब की तरह न सुनील टेंट हाउस था और न महाकाल कैटरिंग। थी तो बस सामाजिकता। गांव में जब कोई शादी ब्याह होते तो घर घर से चारपाई आ जाती थी। घर-घर से थाली, लोटा, कलछुल, कराही इकट्ठा हो जाता था और गाँव की ही महिलाएं एकत्र हो कर खाना बना देती थीं। औरते ही मिलकर दुलहन …
Read More »काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से जुड़े रोचक तथ्य…
1. सर्वप्रथम प्रयाग राज की सड़कों पर अपने अभिन्न मित्र बाबू गंगा प्रसाद वर्मा और सुंदरलाल के साथ घूमते हुए मालवीय जी ने हिन्दू विश्वविद्यालय की रूपरेखा पर विचार किया। 2. 1904 ई में जब विश्वविद्यालय निर्माण के लिए चर्चा चल रही थी तब कइयों ने इसकी सफलता पर गहरा शक भी प्रगट किया था। कइयों को विश्वास ही नहीं …
Read More »