फटे जूते-पूजा गुप्ता
मुझे याद है उसे समय मेरे घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। पिताजी के पास आय का कोई साधन नहीं था। वह अक्सर ठेला में भजिया पकौड़ी की दुकान खोल रखे थे। जिसमें दो वक्त की रोटी आना मुश्किल होता था। जिसकी वजह से माँ पिताजी के बीच अलगाव की स्थिति आ जाती थी। न जाने कब माता-पिता अलग …
Read More »अविस्मरणीय यादें -क्रिसलय दुबे
किसी भी व्यक्ति को आमंत्रण पत्र भेजना यानि आमंत्रित करने के कई तरीके होते हैं। आमंत्रित करने के तरीके से ही मेहमान यह निर्णय लेता है कि आमंत्रण को स्वीकार करना श्रेयकर होगा या नहीं। मैं पूरे विश्वास से कह सकता हूं कि आमंत्रण पत्र भेजने की कला में श्री अखंड प्रताप गहमरी जी को अच्छा अनुभव है। मैं उनके …
Read More »बचपन की वो दिवाली-पूनम
कमलेश द्विवेदी लेखन प्रतियोगिता -4 संस्मरण साहित्य सरोज पेज को लाइक एवं फालो करें, परिणाम व लिंक पेज पर https://www.facebook.com/profile.php?id=1000891281349 दीपावली की बात आते ही घर की साफ-सफाई और सजावट, मिठाई, नए-नए सामान, गहने-कपड़े आदि हम सबके मन में चलने लगता है साथ-ही-साथ पटाखे भी।यदि चालिस पचास साल पीछे जाकर देखें तो आज के समय और उस समय में बहुत …
Read More »संस्मरण-सोनू
कमलेश द्विवेदी लेखन प्रतियोगिता -4 संस्मरण साहित्य सरोज पेज को लाइक एवं फालो करें, परिणाम व लिंक पेज पर https://www.facebook.com/profile.php?id=1000891281349 गांव की बरसाती डाई नदी पर बने पुल पर लगभग गांव के सभी बच्चों के साथ साथ रंग बिरंगे सुंदर कपड़ो से सुसज्जित स्त्री पुरुषों की चहलकदमी से गोवर्धन पूजा की दोपहर बहुत मनमोहक हो गई ।गांव की सारी गायें नदी …
Read More »दीपावली-प्रतिभा जोशी
कमलेश द्विवेदी लेखन प्रतियोगिता-4 संस्मरण साहित्य सरोज पेज को लाइक एवं फालो करें, परिणाम व लिंक पेज पर https://www.facebook.com/profile.php?id=100089128134941 त्रेतायुग में दुष्ट रावण संहार के बाद श्रीराम के अयोध्या आगमन पर अयोध्यावासियों ने उल्लासपूर्वक दीपोत्सव मनाया। युग परिवर्तन होते रहे लेकिन हमारी श्रद्धा और श्रीराम के प्रति प्रेम दीपावली मानते हुए प्रकट होता ही है। मैं भी नवरात्रि पूजन पूर्ण …
Read More »वो दीपावली- कुन्दन पाटिल
कमलेश द्विवेदी लेखन प्रतियोगिता -4 सस्मरण साहित्य सरोज पेज को लाइक एवं फालो करें, परिणाम व लिंक पेज पर https://www.facebook.com/profile.php?id=100089128134941 भारतवर्ष त्योहारों का देश रहा है और उसमें भी दीपावली समान वैभवशाली गौरवशाली आनंद दायक से साफ सफाई, खाने खिलाने, रोशनी से जगमगाते तन मन धन से खरिदारी करने का …
Read More »मेहनत की महिमा
कमलेश द्विवेदी लेखन प्रतियोगिता -4 साहित्य सरोज पेज को लाइक एवं फालो करें, परिणाम व लिंक पेज पर https://www.facebook.com/profile.php?id=100089128134941 मेरे पिताजी पंडित श्रीधर शास्त्री जी ज्योतिष विध्या के उद्भट विद्वान थे ।उन्होंने बाकायदा शिक्षा ली थी ।वे लोगों की कुंडलियाँ देखते थे और सटीक बात बताते थे । कुंडली देखकर जो भविष्यवाणी करते सच जाती ।उनके पास विद्वानों और आम …
Read More »राजू-अन्जना
कमलेश द्विवेदी लेखन प्रतियोगिता -4 संस्मरण साहित्य सरोज पेज को लाइक एवं फालो करें, परिणाम व लिंक पेज पर https://www.facebook.com/profile.php?id=100089128134941 राजू यही नाम तो था उसका। मध्यम कद ,साँवले से कुछ अधिक गहरे रंग वाला शरीर,गोल चेहरा ,मोतियों जैसे एकदम सफेद दाँत ,आयु होगी यही कोई पन्द्रह सोलह साल के करीब । काम करने के लिये बिहार से राजस्थान आया …
Read More »वह दीपावली-मनोरमा जैन पाखी
कमलेश द्विवेदी लेखन प्रतियोगिता -4 संस्मरण साहित्य सरोज पेज को लाइक एवं फालो करें, परिणाम व लिंक पेज पर https://www.facebook.com/profile.php?id=100089128134941 स्मृतियों की एक खूबी होती है जरा सा भी अनुकूल वातावरण मिलता है तो छम छम करती चली आती हैं। प्रसंगवश #वह दीपावली मैं शायद ही कभी भूल पाऊँ। सन् 1987 की दीपावली थी ।हर साल की तरह वही सारे घर …
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